IND vs PAK: पाकिस्तान का भारत पर वार, ‘मैच से पीछे हटे, अब अंक नहीं देंगे’
IND vs PAK, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से नाजुक संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया।
IND vs PAK : भारत ने मैच से पीछे खींचे कदम? पाकिस्तानी टीम का बड़ा आरोप
IND vs PAK, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से नाजुक संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया। इस हमले में सुरक्षा बलों की जान जाने के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया। इसका असर सिर्फ राजनीतिक और सैन्य स्तर तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि खेल जगत पर भी दिखाई देने लगा। इसी पृष्ठभूमि में भारतीय चैंपियंस खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले आगामी मुकाबले में खेलने से इनकार कर दिया।
भारतीय खिलाड़ियों का साफ संदेश,’देश सर्वोपरि’
भारत की ओर से कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ी जैसे सुरेश रैना और शिखर धवन ने खुलकर अपनी राष्ट्रवादी भावना व्यक्त की। शिखर धवन ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर टूर्नामेंट आयोजकों को भेजे गए ईमेल का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा, “जो कदम 11 मई को लिया, उस पर आज भी कायम हूं। मेरा देश मेरे लिए सबकुछ है और देश से बढ़कर कुछ नहीं होता।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उन्हें देशवासियों से भरपूर समर्थन मिला।
पाकिस्तान चैंपियंस का पलटवार: ‘हम क्यों बाटें अंक?’
वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान चैंपियंस टीम ने भारत द्वारा मैच में हिस्सा न लेने पर कड़ा ऐतराज जताया है। WCL (वर्ल्ड चैंपियंस लीग) सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी टीम ने अंक बांटने से इनकार कर दिया है। उनका दावा है कि मैच रद्द होने की जिम्मेदारी पूरी तरह भारत पर है, क्योंकि उसने अंतिम समय में कदम पीछे खींच लिए। पाकिस्तान का कहना है कि जब उन्होंने खेलने के लिए सहमति दी थी, तो अब बिना खेले अंक देना उन्हें मंजूर नहीं।
WCL की स्थिति: आयोजक जिम्मेदार, भारत नहीं
WCL ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए स्पष्ट किया कि मैच के आयोजन में आई बाधा आयोजकों के कारण थी, न कि भारतीय टीम की गलती। एक सूत्र ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, “इवेंट आयोजक होने के नाते ECB मैच को कराने में विफल रहा। भारतीय चैंपियंस टीम ने नियमों के तहत सही फैसला लिया।” यानी लीग स्तर पर भारत पर कोई दोष नहीं डाला गया है।
पिछली भिड़ंत का इतिहास भी चर्चा में
गौरतलब है कि पिछले WCL संस्करण में इंडिया चैंपियंस ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था। उस फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी चैंपियंस को 5 विकेट से मात दी थी। इससे दोनों टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा पहले से ही चरम पर थी, जो अब राजनीतिक घटनाओं के चलते और भी तीखी हो गई है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि खेल और राजनीति को अलग रखना जितना जरूरी है, उतना ही मुश्किल भी। भारतीय खिलाड़ियों का राष्ट्र के प्रति समर्पण निश्चित रूप से सराहनीय है, लेकिन इससे टूर्नामेंट के स्वरूप और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ता है। अब यह देखना होगा कि WCL इस स्थिति से कैसे निपटती है और भविष्य में ऐसे संवेदनशील मुकाबलों के लिए क्या नीति अपनाती है।
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