भारत की सबसे बड़ी चमत्कारिक घटनाएं
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क्या आप जानते है इन जगहों के बारे ?
रहस्यमय घटनाएं कई वर्षों से हमारे देश में गोशिप का मुद्दा बना हुआ है जिसमे अजीब-अजीब सी घटनाएं सामने आयीं है। कई बार इन घटनाओं पे विवादिद बातें भी कहीं गयी है। पता नहीं ये बातें सच हैं या झूठ, लेकिन कुछ समय के लिए ही सही काफी रोचक लगती है और लोगों को चौंकने पर मजबूर कर देती हैं।
आज हम भारत की कुछ ऐसी ही अजीबो-गरीब और रहस्यमय घटनाओं के बारे में चर्चा करेंगे। जिसकी चर्चा सिर्फ सोशल मीडिया में ही नहीं बल्कि वर्ल्ड मीडिया में भी काफी चर्चा की गई।
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9 लोगों की रहस्यमय सोसाइटी
इतिहास की कई पुरानी चीजों में से एक सम्राट अशोक की 9 लोगों की सोसाइटी का जिक्र भी सामने आता है। इसे ‘The Nine Unknown’ के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इन लोगों के पास ऐसी सूचनाएं होती थीं, जो गलत हाथों में जाने पर खतरनाक साबित हो सकती थी। इसमें प्रोपैगैंडा सहित माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित किताबें थी। इन किताबों के बारे में कहा जाता है कि इनमें एंटी ग्रेविटी और टाइम ट्रेवल के गुप्त सिद्धांत दर्ज थे। ये 9 लोग विश्व के अलग-अलग स्थानों में फैले हुए थे। मजे की बात ये है कि इनमे से कुछ विदेशी भी शामिल थे।
क्या है ‘ताजमहल’ का दूसरा सच
हम सब ताजमहल को प्यार के प्रतिक के बारे में जानते है। 17वीं सदी में शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। लेकिन साल 2007 में भारतीय लेखक और प्रोफेसर पुरुषोत्तम ओक ने ये दावा किया था कि ‘ताजमहल’ भगवान् शिव का मंदिर हुआ करता था। उन्होंने कई सारे इससे रिलेटेड कई सारे फैक्ट्स भी दिए लेकिन भारत सरकार ने उन सारे तथ्यों को ख़ारिज कर दिया। कई लोगों ने उनके ऊपर ऊँगली उठाई और खतरनाक मानते हुए ख़ारिज कर दिया।
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सैनिक जो मर कर भी रहा देश की सुरक्षा
हिमालय क्षेत्र में भारत-चीन सीमा के पास ‘नाथुला’ एक जगह है, यहाँ 4 अक्टूबर 1968 को बाबा हरभजन सिंह नाम के एक सैनिक की मौत हो गई। कई रिपोर्टर्स के मुताबिक, ये सैनिक अपने साथी सैनिकों के सपनों में आये और अपने साथियों से उस जगह को पवित्र स्थान बनाने को कहा। उनके साथियों ने इन बातों को काफी सीरियसली लिया और मेमोरियल का निर्माण करवा दिया गया। इतना ही नहीं बल्कि मौत के बात भी भातिये सेना के पद पर बने रहे और उनका प्रमोशन भी होता रहा। सैनिकों का मानना है कि बाबा हरभजन उनकी रक्षा करते हैं और उनका ये भी कहना है कि किसी भी अटैक से दो-तीन दिन पहले बाबा उन्हें इस बारे में जानकारी देते हैं।
महिला का हुआ पुर्नजन्म
शांति देवी का जन्म 1930 में दिल्ली में हुआ था। चार साल की उम्र में ही उन्होंने जिद्द करने लगी कि उसके माता-पिता कोई और है। शांति देवी ने दावा किया कि एक बच्चे को जन्म देते समय उसकी मौत हो गई थी और अपने पति तथा परिवारजनों के बारे में काफी जानकारियां दी थी। जो भी जानकारियां दी उन्होंने उनके दावों के बारे में जब पता किया तो वे सारे सच निकले। पुरे परिवार के लोगों को सबसे अधिक आश्चर्य तब हुआ जब शांति देवी ने समय और शहर का नाम एकदम बताया। जब वो अपने पुर्नजन्म के पति से मिली तो उसने उसे पहचान लिया और अपने बच्चे को माँ की तरह प्यार करने लगी।
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