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Vivah Panchami 2025: केले के पेड़ की पूजा का महत्व समझें

Vivah Panchami 2025, विवाह पंचमी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ तिथि मानी जाती है, जिसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह का उत्सव मनाने के लिए समर्पित है।

Vivah Panchami 2025 : भगवान राम और देवी सीता की दिव्य विवाह वर्षगांठ पर केले के पेड़ की पूजा का महत्व

Vivah Panchami 2025, विवाह पंचमी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ तिथि मानी जाती है, जिसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह का उत्सव मनाने के लिए समर्पित है। वर्ष 2024 में विवाह पंचमी 6 दिसंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह शुभ तिथि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को आती है, जो चंद्र कैलेंडर के अनुसार अत्यंत पवित्र मानी जाती है। इस दिन विभिन्न अनुष्ठान और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें श्रीराम और माता सीता के विवाह की कथा का मंचन, पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक आयोजन शामिल होते हैं। इस दिन केले के वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है। आइए जानें कि विवाह पंचमी पर केले के वृक्ष की पूजा क्यों की जाती है और इसका धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व क्या है।

विवाह पंचमी तिथि और उत्सव

विवाह पंचमी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। वर्ष 2024 में यह तिथि 5 दिसंबर को रात 12:41 बजे प्रारंभ होगी और 6 दिसंबर को रात 12:07 बजे समाप्त होगी। मुख्य उत्सव 6 दिसंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह का स्मरण किया जाता है और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। भक्तगण इस अवसर पर मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं और विवाह महोत्सव का आनंद लेते हैं।

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केले के वृक्ष की पूजा का महत्व

विवाह पंचमी के दिन केले के वृक्ष की पूजा को अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में केला केवल एक साधारण वृक्ष नहीं है, बल्कि इसे अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। इस वृक्ष में कई देवी-देवताओं का वास माना जाता है, विशेष रूप से भगवान विष्णु का, जो इस दिन भगवान श्रीराम के रूप में पूजे जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि इस दिन केले के वृक्ष के समक्ष विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाए, तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

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केले के वृक्ष की पूजा के लाभ

1. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा – ऐसा माना जाता है कि केले के वृक्ष की पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।

2. विवाह में आने वाली बाधाओं का निवारण – जो लोग विवाह में देरी या दांपत्य जीवन की समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए इस पूजा को अत्यंत फलदायी माना जाता है।

3. ग्रह दोषों का निवारण – हिंदू ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह (बृहस्पति) विवाह और दांपत्य जीवन से जुड़ा होता है। यदि कुंडली में गुरु कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो विवाह में अड़चनें आ सकती हैं। विवाह पंचमी के दिन केले के वृक्ष की पूजा करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है, जिससे विवाह में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।

4. स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक – केले का वृक्ष स्थिरता, उर्वरता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस वृक्ष की पूजा करने से दांपत्य जीवन में मजबूती आती है और पारिवारिक जीवन में शांति बनी रहती है।

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