इस विजयदशमी अपने अंदर बैठे रावण को मारें, ताकि एक अच्छा जीवन जी सकें
इस विजयदशमी अपने अंदर बैठे रावण को मारें, ताकि एक अच्छा जीवन जी सकें
इस विजयदशमी अपने अंदर बैठे रावण को मारें, ताकि एक अच्छा जीवन जी सकें:- आज पूरे देश में विजय दशमी मनाई जा रही है। विजय दशमी यानि की बुराई पर अच्छाई की जीत। आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और विजय हासिल की थी। रावण की बुराई को अंत कर दिया था। आज हमलोगों के जीवन में कई तरह के रावण कब्जा किए बैठे है। हमें भी इस रावण को अपनी जिदंगी से दूर करना है ताकि एक अच्छा जीवन जी सकते और जीवन में उस मुकाम को हासिल कर सकें जो हमारी तरक्की में बाधा बने बैठे है। इस विजय दशमी उन बुराई वाले रावण को अपने से बाहर निकाले।
बैर– लोगों से प्यार करना सीखें क्योंकि बैर आपको उस मुकाम पर पहुंचा देता है जहां आप कभी सपने भी नहीं पहुंचाना चाहता है। ऑनर किलिंग इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जहां बैर के कारण ही हम अपने किसी को मौत के घाट तक उतार देते है। इसे अपनी जीवन से बाहर निकाले जिससे आपका जीवन सुखी बना रह सकें।
घृणा- हमें पैदा होने के बाद कोई भी किसी से घृणा करना नहीं सिखाता है। जैसे-जैसे हम बड़े होते है लोगों से घृणा नफरत करने लगते है। भगवान ने सबको एक महत्वपूर्ण जिदंगी दी है। कोई बड़ा या छोटा नहीं होता। हो सकता है वह पैसों से मामले में थोड़ा कमजोर हो इसका मतलब ये नहीं है कि हम उससे नफरत करें।
ईर्ष्या– ईर्ष्या अच्छे-अच्छे इंसानों को बुरा बना देती है। इस विजय दशमीं आप भी अपने जीवन से ईर्ष्या नाम की चीज को बाहर निकाल दें क्योंकि अगर आप किसी से ईर्ष्या करते है तो आप अपना ही खून जलाते है। बेहतर यही है कि आप इसे छोड़कर अपने काम में ध्यान दें ताकि उस मुकाम तक पहुंचे जहां अपना पहुंचना चाहते हैं।
अहंकार– हमें अपने अंदर बैठे अहंकार नामक रावण को मारने की जरुरत है। जिसके कारण कई बार हम अपने अच्छे-अच्छे रिश्तों को खोल देते है। यह जरुरी नहीं है कि हम अहंकार को अपने जीवन में ज्यादा महत्व दें। अगर प्यार से बात बन जाती है तो हम अपने अहंकार को हमेशा आगे क्यों लाते है जरुरी है कि हम इसे अपनी जिदंगी से दूर कर दें।