Shivling Sthapna Niyam: सावन में घर पर करना चाहते हैं शिवलिंग की स्थापना तो शिव पुराण से जानें सही विधि, ऐसे करें भगवान भोलेनाथ की आराधना
Shivling Sthapna Niyam: सावन का शुभारंभ 22 जुलाई से हो रहा है। इस साल सावन में आप शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं? सावन में शिवलिंग की पूजा कैसे करते हैं? शिवलिंग के स्थापना और पूजा की विधि शिव पुराण में विस्तार से बताई गई है।
Shivling Sthapna Niyam: सावन में घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना क्यों करनी चाहिए? एक क्लिक में जानें सब कुछ
सावन का महीना बहुत ही पावन और देवों के देव महादेव को समर्पित माना गया है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। सावन में भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति सावन में भगवान शिव की पूजा-पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इस साल सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि अगर आप सावन के महीने में अपने घर में शिवलिंग की स्थापना करते हैं, तो इसके विशेष लाभ मिलते हैं। Shivling Sthapna Niyam सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक करने का भी महत्व बताया गया है। अगर आप सावन में शिव जी को कच्चा दूध चढ़ाते हैं तो इससे सुख-सौभाग्य बना रहता है। अगर आप सावन के महीने में शिवलिंग की स्थापना घर के मंदिर में करने जा रहे हैं तो आपको इनकी स्थापना के नियमों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए जिससे पूजा का पूर्ण फल मिल सके। तो आज हम आपको अपने इस लेख में शिव पुराण के अनुसार बताए गए शिवलिंग स्थापना की विधि के बारे में बताएंगे। तो आइए जानते हैं विस्तार से-
सावन में घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना क्यों करनी चाहिए Shivling Sthapna Niyam
ऐसी मान्यता है कि यदि आप घर में शिवलिंग की स्थापना करना चाहती हैं तो सावन का महीना सबसे पावन समय माना जाता है। यह वो समय होता है जब भगवान शिव की पूजा से आपको पूर्ण लाभ होता है। यदि आप घर में इस अवधि के दौरान शिवलिंग की स्थापना करेंगी और उनका पूजन करेंगी तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। सावन के महीने में घर में शिव जी का पूजन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। यदि आप शिवलिंग को स्नान कराती हैं और उन पर चंदन का लेप करती हैं तो ये आपके घर के लिए शुभ फलदायी हो सकता है। इससे आपकी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।
सावन में घर के मंदिर में कैसे करें शिवलिंग की स्थापना Shivling Sthapna Niyam
शिवलिंग के स्थापना और पूजा की विधि शिव पुराण में विस्तार से बताई गई है। शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग की स्थापना किसी पवित्र तीर्थ, नदी के तट पर या उस स्थान पर करना चाहिए, जहां पर आप उसकी रोज पूजा कर पाएं। शुभ समय में शिवलिंग की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। चल प्रतिष्ठा के लिए छोटा शिवलिंग और अचल प्रतिष्ठा के लिए बड़ा शिवलिंग अच्छा होता है। शिवलिंग की पीठ सहित स्थापना करनी चाहिए। शिवलिंग की पीठ गोल, चौकोर, त्रिकोट या घाट के पाए की तरह ऊपर और नीचे मोटा, बीच में पतला होना चाहिए। ऐसा लिंग पीठ महान फल देने वाला होता है।
- सबसे पहले मिट्टी या लोहे से शिवलिंग का निर्माण करें। फिर उसी द्रव्य से उसका पीठ भी बनाना चाहिए। यही अचल शिवलिंग की विशेषता है।
- चल प्रतिष्ठा वाले शिवलिंग में लिंग और प्रतिष्ठा का निर्माण एक ही तत्व से करना चाहिए। चल लिंग में लंबाई स्थापना करने वाले व्यक्ति के 1 अंगुल के बराबर होनी चाहिए, उससे कम न हो।
- अचल शिवलिंग में लिंग की लंबाई स्थापना करने वाले व्यक्ति के 12 अंगुल के बराबर होनी चाहिए। इससे कम होने पर कम फल प्राप्त होता है। यह लंबाई 12 अंगुल से अधिक भी हो सकती है। Shivling Sthapna Niyam
- एक गड्ढे में सोना और 9 प्रकार के रत्न भर दें। फिर वैदिक मंत्रों का उच्चारण करके शिव जी की ध्यान करें। फिर ऊं का उच्चारण करते हुए उस गड्ढे में शिवलिंग की स्थापना कर दें। वहां शिव जी की मूर्ति की स्थापना भी पंचाक्षर मंत्र के उच्चारण के साथ करनी चाहिए।
- इस प्रकार से स्थापित शिवलिंग की रोज पूजा करें। शिवलिंग साक्षात् भगवान शिव का पद प्रदान करने वाला है।
घर में शिवलिंग स्थापित करने की सही दिशा Shivling Sthapna Niyam
घर में शिवलिंग स्थापित करने के लिए आपको नियमों के साथ सही दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए। आप घर में जब भी शिवलिंग स्थापित करें, शिवलिंग की जलधारा की दिशा हमेशा उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, जिस भी जगह पर घर में शिवलिंग स्थापित करें, पूर्व दिशा की तरफ मुख करके ही करें। शिवलिंग की स्थापना कभी भी दक्षिण दिशा में बैठकर नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, जब भी शिवलिंग स्थापित करें, उसके साथ नंदी जरूर रखने चाहिए। वहीं, अगर आप शिवलिंग के साथ शिव परिवार की भी स्थापना करते हैं, तो यह भी आपके लिए लाभकारी होगा।
घर में शिवलिंग की पूजा विधि Shivling Sthapna Niyam
- जब आप घर पर शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं और उनकी पूजा कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए।
- गंगाजल से स्नान के बाद शिवलिंग पर चंदन से लेप करें।
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- शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल, भांग, धतूरा आदि चढ़ाएं। पूजन के बाद शिव जी की आरती करें और भोग अर्पित करें।
- यदि आप सावन के सोमवार के दिन उपवास कर रही हैं और पूजन कर रही हैं तो फलाहार का भोग लगाएं और फलाहार ग्रहण करें।
- ऐसी मान्यता है कि विधि-विधान के साथ शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
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