Shani Pradosh Vrat 2024: बेहद खास है सावन का अंतिम शनि प्रदोष व्रत, इस दिन करें यह उपाय, मिलेगा चमत्कारी लाभ
Shani Pradosh Vrat 2024: जीवन में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी है तो प्रदोष व्रत करने से सारे दोष दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही उत्तम फल की प्राप्ति होती है। जीवन में घटित हुए सारे संकट दूर करने की इच्छा लेकर प्रदोष व्रत किया जाता है।
Shani Pradosh Vrat 2024: शनि प्रदोष व्रत के दिन करें इन मंत्रों का जाप
हर महीने की कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है। इस बार सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी कि प्रदोष का व्रत 17 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत के रूप में रखा जाएगा। कोई भी त्रयोदशी तिथि अगर शनिवार के दिन हो तो इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। जीवन में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी है तो प्रदोष व्रत करने से सारे दोष दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही उत्तम फल की प्राप्ति होती है। Shani Pradosh Vrat 2024 जीवन में घटित हुए सारे संकट दूर करने की इच्छा लेकर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन स्नान आदि के बाद पूरे विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। इस दिन मां पार्वती और महादेव की आराधना से सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस दिन जरूरतमंदों को सामर्थ्य के अनुसार सरसों का तेल, शुद्ध घी, अनाज, वस्त्र, मौसमी फल आदि का दान करना श्रेष्ठ रहता है।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त Shani Pradosh Vrat 2024
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 17 अगस्त की सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर होगा। और इसका समापन अगले दिन 18 अगस्त की सुबह 5 बजकर 50 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत 17 अगस्त को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करना बहुत शुभ माना जाता है। सूर्यास्त के बाद का और रात्रि की शुरुआत से पहले के समय को प्रदोष काल कहा जाता है।
शनि प्रदोष व्रत के दिन करें इन मंत्रों का जाप Shani Pradosh Vrat 2024
- पंचाक्षरी मंत्र- ऊं नम: शिवाय।
- महामृत्युंजय मंत्र- ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- लघु महामृत्युंजय मंत्र- ऊं हौं जूं सः
- शिव गायत्री मंत्र- ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
- शनिदेव के मंत्र- अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया। दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।। गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च। आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
- ऊं भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्। ऊं श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः। ऊं हलृशं शनिदेवाय नमः। ऊं एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः। ऊं मन्दाय नमः। ऊं सूर्य पुत्राय नमः।
- शनि गायत्री मंत्र- ऊं भग-भवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात् ॥ ऊं काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मंदः प्रचोदयात् ॥ ऊं सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात् ॥ ऊं शन्नो देवीरभिष्टदापो भवन्तुपीतये।
- शनि महामंत्र- ऊं निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
- शनि का वैदिक मंत्र- ऊं शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
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शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि Shani Pradosh Vrat 2024
शनि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करें और स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें। अब भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें और पीपल को पांच तरह का मीठा भोग अर्पित करें। शाम को पीपल के नीचे तेल के पांच दीपक जलाएं और 7 बार पीपल की परिक्रमा करें। मान्यता है इससे शनि दोष के कारण नौकरी में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। शाम के समय शिवलिंग का अभिषेक करें और भगवान शिव की पूजा अर्चना करें। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सवा किलो काले चने किसी कुष्ट रोगी को दान में दें। यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो किसी भी शनि मंदिर में सवा किलो काले चने दान कर दें।
इन चीजों की खरीदारी से होगा विशेष लाभ Shani Pradosh Vrat 2024
ज्योतिष के अनुसार प्रदोष व्रत शनिवार को है। इस दिन का स्वामी ग्रह शनि है। इस दिन लोहे से बनी चीजें जैसे बर्तन, औजार, या अन्य घरेलू सामान, सरसों का तेल, नारियल तेल, या अन्य प्रकार के तेल, काले कपड़े, काले जूते, या अन्य काले रंग की वस्तुएं, स्टील के गिलास, स्टील की थाली, या अन्य स्टील के बर्तर्नों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इनमें से किसी चीज की खरीदारी करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। इस दिन दान, स्नान और व्रत आदि करने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
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