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Secret Of Black Pearls In Mangalsutra: आखिर मंगलसूत्र में क्यों होते हैं सिर्फ काले मोती? हर सुहागिनों को जाननी चाहिए ये बात, सुहाग रहता है अमर

Secret Of Black Pearls In Mangalsutra: हिन्दू धर्म में सुहागिन स्त्रियों द्वारा मंगलसूत्र पहनने की परंपरा है। मंगलसूत्र न सिर्फ सुहाग की निशानी माना जाता है बल्कि इसका ज्योतिषीय महत्व भी है। इसके अलावा, मान्यता है कि मंगलसूत्र धारण करने से महिलाओं को कई प्रकार के अध्यात्मिक एवं स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। मंगलसूत्र की बनावट पर ध्यान दिया जाए तो यह मुख्य रूप से काले और पीले रंग का होता है।

Secret Of Black Pearls In Mangalsutra: मंगलसूत्र से जुड़ी ये हैं जरूरी बातें, जानें क्या है काले मोतियों का महत्व

हिन्दू धर्म में सुहागिन स्त्रियों द्वारा मंगलसूत्र पहनने की परंपरा है। मंगलसूत्र न सिर्फ सुहाग की निशानी माना जाता है बल्कि इसका ज्योतिषीय महत्व भी है। Secret Of Black Pearls In Mangalsutra इसके अलावा, मान्यता है कि मंगलसूत्र धारण करने से महिलाओं को कई प्रकार के अध्यात्मिक एवं स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। मंगलसूत्र की बनावट पर ध्यान दिया जाए तो यह मुख्य रूप से काले और पीले रंग का होता है। यानी कि काले धागे पर कुछ काले मोती और कुछ स्वर्ण मोती पिरोने के बाद मंगलसूत्र बनता है।

हालांकि कई स्थानों पर पूर्ण रूप से काले मोतियों से निर्मित मंगलसूत्र पहना जाता है जबकि काले रंग को अशुभ मानते हैं। ज्योतिष बताते हैं कि मंगलसूत्र में काले रंग के मोतियों का बहुत महत्व है। यह सिर्फ सजावट के लिए नहीं है बल्कि इसके पीछे ज्योतिष तर्क भी मौजूद है। Secret Of Black Pearls In Mangalsutra आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि आखिर क्यों मंगलसूत्र में काले मोती होते हैं। क्या है इन मोतियों का महत्व एवं इनका सुहागिन पर प्रभाव। तो आइए जानते हैं विस्तार से-

गुरु के प्रभाव को बढ़ाता है सोना Secret Of Black Pearls In Mangalsutra

आपको बता दें कि सोने का सम्बन्ध गुरु से जोड़ कर देखा जाता है। सोना गुरु के प्रभाव को बढ़ाता है। मंगलसूत्र सोना और काले मोती से बनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सोना सुहाग का प्रतीक माना जाता है। वहीं, आयुर्वेद के अनुसार सोने में हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो विवाहित स्त्रियों को चिंता, टेंशन और तनाव से दूर रखने में मदद करती है। इससे वैवाहिक जीवन खुशहाल बनता है, इसलिए मंगलसूत्र में सोना जरूर देखने को मिलता है।

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सुहाग को बुरी नजर से बचाता है मंगलसूत्र Secret Of Black Pearls In Mangalsutra

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, शादी के बाद पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं सोहल श्रृंगार करती हैं। इसमें मंगलसूत्र का सबसे ज्यादा महत्व बताया गया है। मंगलसूत्र सुहाग को बुरी नजर से बचाता है। मंगलसूत्र का खोना, टूटना अपशगुन का संकेत माना जाता है। मंगलसूत्र सदा सुहागन होने की निशानी है। ऐसा माना जाता है कि मंगलसूत्र पहनने से महिलाओं को कई तरह के आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।

मंगलसूत्र में काले मोती क्यों जरूरी Secret Of Black Pearls In Mangalsutra

ज्यादातर मंगलसूत्र काले मोती से बने होते हैं। काले मोती विवाहित महिलाओं और वैवाहिक जीवन को बुरी नजर से बचाने का काम करते हैं। सात जन्मों तक रिश्ता बना रहे और सुहाग को किसी की नजर ना लगे, इसलिए मंगलसूत्र के मोतियों को काला चुना गया है। इसके अलावा रिश्ते को लंबे समय तक कायम रखने के लिए मंगलसूत्र के मोतियों को काला बनाया गया है।

मंगलसूत्र से जुड़ी जरूरी बातें Secret Of Black Pearls In Mangalsutra

शास्त्रों के अनुसार, हिंदू धर्म में मंगलसूत्र की शुरुआत शिव-पार्वती से हुई। जब शिवजी का विवाह पार्वती से हो रहा था, तब उन्हें सती की याद आई, उन्हें वह दृश्य याद आने लगे जब सती ने हवन की अग्नि में कूदकर अपनी जान दे दी। इसलिए भगवान शिव ने पार्वती की रक्षा के लिए पीले धागे में काले मोतियों का एक रक्षा सूत्र बांधा। इसका पीला भाग मां पार्वती और काले मोतियों को शिव का प्रतीक माना गया। इसके बाद से ही हिंदू धर्म में शादी के बाद मंगलसूत्र पहनने की परंपरा बन गई।

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  • मंगलसूत्र को वैवाहिक जीवन का रक्षा कवच भी माना जाता है। मंगलसूत्र का जिक्र आदि गुरु शंकराचार्य की पुस्तक ‘सौदर्य लहरी’ में भी मिलता है।
  • मंगलसूत्र को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं। एक मान्यता यह भी है कि, मंगलसूत्र में 9 मनके होते हैं, जोकि ऊर्जा का प्रतीक है और मां भगवती के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन 9 मानकों को पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि का प्रतीक माना जाता है।
  • वहीं इतिहासकारों की मानें तो मंगलसूत्र पहनने की शुरुआत छठी शताब्दी से हुई। क्योंकि इसके साक्ष्य मोहन जोदाड़ों की खुदाई में भी पाए गए। कहा जाता है कि मंगलसूत्र सबसे पहले दक्षिण भारत में पहने जाते थे और धीरे-धीरे पूरे भारत में इसे पहना जाने लगा। अब तो केवल भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी विवाह के बाद इसे पहनने का रिवाज है। Secret Of Black Pearls In Mangalsutra
  • हिंदू धर्म में विवाह के बाद हर स्त्री गले में मंगलसूत्र पहनती है। इसे पति की लंबी आयु और सुहाग की रक्षा से जोड़ा जाता है। साथ ही यह पति-पत्नी के रिश्ते को बुरी नजरों से भी बचाता है। लेकिन मंगलसूत्र का खोना या टूट जाना बहुत अपशकुन माना जाता है।
  • यह भी माना जाता है कि स्त्री के मंगलसूत्र पहनने से कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होते हैं या मंगल दोष दूर होता है।
  • मंगलसूत्र अधिकतर सोने का ही पहना जाता है। ज्योतिष के अनुसार सोने का संबंध बृहस्पति से होता है और गुरु सुखी व खुशहाल वैवाहिक जीवन के कारक ग्रह माने जाते हैं। वहीं सोना पहनने से सूर्य भी मजबूत होते हैं।
  • मंगलसूत्र की काली मोतियों का संबंध शनि ग्रह से होता है। शनि जोकि स्थायित्व के प्रतीक हैं। ऐसे में सोने और काली मोतियों से बना मंगलसूत्र पहनने से सूर्य, गुरु और शनि का शुभ प्रभाव वैवाहिक जीवन पर पड़ता है।
  • आजकल फैशन के तौर पर कई तरह के मंगलसूत्र बनने लगे हैं, लेकिन महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि, मंगलसूत्र में सोने का पैंडेंट और काली मोतियां जरूर होनी चाहिए। मंगलसूत्र को कभी छिपाकर नहीं पहनना चाहिए। Secret Of Black Pearls In Mangalsutra
  • सुहागिन महिलाएं इस बात का भी ध्यान रखें कि हिंदू परंपरा में पति के जीवित रहते हुए मंगलसूत्र उतारने का कोई विधान नहीं है। आप सूतक, पातक, ग्रहण या माहवारी आदि के दौरान भी इसे गले में पहन सकते हैं। यह कभी अशुद्ध नहीं होता है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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