Sawan 2024: आखिर किसके ध्यान में मग्न रहते हैं देवों के देव महादेव? कौन हैं भगवान शिव के आराध्य, शिव पुराण में है वर्णित
Sawan 2024: भगवान शिव हमेशा ध्यान मुद्रा में रहते हैं। कहते हैं कि जो भी भक्त भोलेनाथ की सच्ची श्रद्धा से आराधना करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
Sawan 2024: अजर-अमर हैं भगवान शिव, प्रभु राम का ध्यान करते हैं भोलेनाथ
हिंदू धर्म में भगवान शिव का खास महत्व है। सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तजन उनकी भक्ति में लीन रहते हैं। भगवान शिव को आदियोगी और आदिनाथ भी कहा जाता है। इसका अर्थ है कि भोलेनाथ ही प्रथम योगी और प्रथम गुरु हैं। इसके साथ ही भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे देवता माने जाते हैं जो सभी देवों के भी देव हैं। Sawan 2024 दरअसल, हिंदू धर्म में 18 पवित्र पुराणों की चर्चा की गई है, जिसमें महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित शिव पुराण सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला महत्वपूर्ण पुराण है। 18 पुराणों की सूची में शिव पुराण चौथे स्थान पर आता है।
इस पुराण में विशेषकर भगवान शिव की महिमा और भक्ति का प्रचार-प्रसार किया गया है। शैव मत से संबंधित शिव पुराण में कुल 6 खण्ड और 24 हजार श्लोक हैं। साथ ही इसमें शिव के विभिन्न रूप, अवतार, ज्योतिर्लिंग और भक्ति-शक्ति का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया गया है। भगवान शिव को भोलेनाथ, शिव, नीलकंठ, अर्धनारीश्वर जैसे कई नामों से जाना जाता है। वहीं भगवान शिव को देवों का देव भी कहा जाता है। Sawan 2024 अक्सर आपने देखा होगा कि भगवान शिव हमेशा ध्यान मुद्रा में रहते हैं। ऐसे में एक सवाल मन में उठता है कि आखिर भगवान शिव किसका ध्यान करते हैं। तो आइए जानते हैं विस्तार से-
अजर-अमर हैं भगवान शिव Sawan 2024
पद्मपुराण और शिव पुराण में ये वर्णन मिलता है कि शिव इस सृष्टि के आरंभ से हैं और इस सृष्टि के अंत होने के बाद भी शिव रहेंगे। शिव ही आदि हैं और शिव ही अनंत हैं। त्रिदेवों में शिव ही परम शक्ति हैं और वो सभी देवताओं के आराध्य हैं। माना जाता है कि ब्रह्मा जी के आंसुओं से भूत-प्रेत बने और मुख के तेज से रुद्र बने। जिसमें से भूत प्रेतों को शिव का गण माना जाता है। इस सृष्टि में जीवन का संचार करने वाले शिव ही थे, जिन्होंने आदिशक्ति के साथ मिलकर सृष्टि में जीवन संभव बनाया।
किसके ध्यान में मग्न रहते हैं महादेव Sawan 2024
आपने भगवान की कई प्रतिमा या तस्वीर में देखा होगा कि वे अधिकतर ध्यान की मुद्रा में रहते हैं और ध्यान में मग्न रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर भगवान शिव जब स्वयं देवों के देव हैं तो वे फिर किसका ध्यान करते हैं और कौन हैं उनके आराध्य देव। इस बारे में शिव पुराण में बताया गया है। शिव पुराण में ऐसा बताया गया है कि भगवान शिव श्रीराम के ध्यान में मग्न रहते हैं। इसके संबंध में एक कथा भी प्रचलित है, जिसके अनुसार- एक बार शिव जी के ध्यान से उठने के बाद माता पार्वती ने उनसे पूछा कि, स्वामी आप तो स्वयं देवों के देव हैं, इसलिए आपको देवाधिदेव कहा जाता है, फिर आप किस देव का ध्यान लगाते हैं।
प्रभु राम का ध्यान करते हैं भोलेनाथ Sawan 2024
माता पार्वती के प्रश्न का जवाब देते हुए महादेव कहते हैं कि वह जल्द ही इस प्रश्न का उत्तर देंगे। फिर शिव जी ने कौशिक ऋषि के सपने में आकर उन्हें राम रक्षा स्त्रोत लिखने का आदेश दिया। लेकिन सपने में ही कौशिक ऋषि ने कहा कि वे राम रक्षा स्त्रोत लिखने में सक्षम नहीं हैं। इसके बाद शिवजी ने ऋषि को ज्ञान प्राप्ति की शक्ति दी, जिसके बाद ऋषि कौशिक ने राम रक्षा स्त्रोत लिखा। इसके बाद शिवजी माता पार्वती को राम रक्षा स्त्रोत पढ़कर सुनाने लगे। साथ ही उन्होंने माता पार्वती को यह भी बताया कि वे भगवान राम का ध्यान करते हैं। इसका कारण यह है कि राम नाम का एक जप विष्णु जी के सहस्त्र या हजारों नाम जपने जैसा है।
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अन्य मान्यताएं Sawan 2024
शिव पुराण में भगवान शिव के ध्यान को लेकर विभिन्न कथाएं और किस्से मिलते हैं, जो थोड़े अलग अलग हैं। शिव पुराण के विद्येश्वर संहिता में कहा गया है कि भगवान शिव भगवान विष्णु का ध्यान करते हैं। जबकि शिव पुराण के रुद्र संहिता में कहा गया है कि भगवान शिव निर्गुण ब्रह्म या परम सत्य का ध्यान करते हैं। इसके अनुसार, भगवान शिव सभी गुणों और रूपों से परे हैं, और वे अनंत और अविनाशी हैं।
भक्तों का ध्यान Sawan 2024
शिव पुराण के कैलाश संहिता में कहा गया है कि भगवान शिव अपने भक्तों का ध्यान करते हैं। इसके अनुसार, भगवान शिव अपने भक्तों की प्रार्थनाओं को सुनते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसके साथ ही शिव पुराण के वायु पुराण संहिता में कहा गया है कि भगवान शिव स्वयं का ध्यान करते हैं। इसके अनुसार, भगवान शिव सर्व शक्तिमान और सर्वज्ञ हैं, उनका आदि और अंत नहीं है। वे किसी अन्य का नहीं बल्कि स्वयं का ही ध्यान करते हैं।
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