Navratri 2024 Colors Day Wise List: नवरात्रि में हर दिन पहनें अलग-अलग रंग के कपड़े, देखें पूरी लिस्ट
Navratri 2024 Colors Day Wise List: इस बार चैती नवरात्रि बेहद खास होने वाली है क्योंकि अमृत सिद्धि योग बन रहा है। मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं। इसके अलावा नवरात्रि में नौ रंगों का भी विशेष महत्व होता है, तो चलिए जानते हैं।
Navratri 2024 Colors Day Wise List: बेहद खास है इस बार की नवरात्रि, बन रहा अमृत सिद्धि योग
9 colors of Navratri 2024: आज से नवरात्रि शुरू हो गई है। इस बार नवरात्रि 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक रहेगी। इस बार चैती नवरात्रि बेहद खास होने वाली है क्योंकि अमृत सिद्धि योग बन रहा है। मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं। इसके अलावा नवरात्रि में नौ रंगों का भी विशेष महत्व होता है, तो चलिए जानते हैं किस दिन कौन सा रंग पहनकर पूजा करने से मां का मिलता है भरपूर आशीर्वाद। आइए जानते हैं नवरात्रि के किस दिन कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
9 अप्रैल मंगलवार, चैत्र नवरात्रि का पहला दिन
9 अप्रैल को नवरात्रि का पहला दिन है। इस दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री यानी हिमालय की बेटी की रूप की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग पीला है। ऐसे में नवरात्रि के पहले दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
10 अप्रैल बुधवार ,चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन (Navratri second day colour- Green)
नवरात्रि के दूसरे दिन भक्त जीवन में विकास और सफलता पाने के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है जो ब्रह्मा जी के बताए हुए आचरण पर चलें। जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासन रहना जरूरी है। इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
11 अप्रैल गुरुवार, चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन (Navratri third day colour- Brown)
मां चंद्रघंटा संतुष्टि की देवी मानी जाती है। जीवन में कल्याण और संतुष्टि पाने के लिए नवरात्रि के तीसरे दिन भक्त मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं। मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग भूरा है। ऐसे में नवरात्रि के तीसरे दिन भूरे रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
12 अप्रैल शुक्रवार, चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन (Navratri fourth day colour- Orange)
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे रूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। ये देवी भय को दूर करती है। सफलता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा भय को माना जाता है। मां कूष्मांडा का पसंदीदा रंग नारंगी माना जाता है। ऐसे में इस दिन नारंगी रंग के कपड़े पहनना सबसे शुभ माना जाता है।
13 अप्रैल शनिवार, चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन (Navratri fifth day colour- White)
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। ये देवी शक्ति की दाता मानी जाती है। इनकी पूजा करने से भक्तों को अपने काम में सफल होने की शक्ति मिलती है। मां स्कंदमाता को सफेद रंग प्रिय है। ऐसे में इस दिन लोगों को सफेद रंग के कपड़े पहनना चाहिए।
14 अप्रैल रविवार, चैत्र नवरात्रि का 6वां दिन (Navratri sixth day colour- Red)
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। ये स्वास्थ्य की देवी हैं। जीवन में सफलता पाने के लिए शरीर का निरोगी होना जरूरी है। देवी दुर्गा के इस रूप की पूजा कर भक्त खुद के स्वस्थ रहने की कामना करते हैं। मां कात्यायनी को लाल रंग पसंद है। ऐसे में इस दिन भक्तों को लाल रंग के कपड़े पहनना चाहिए।
15 अप्रैल सोमवार, चैत्र नवरात्रि का 7वां दिन (Navratri seventh day colour- Blue)
देवी दुर्गा का 7वां रूप कालरात्रि का है। काल काल यानी समय और रात्रि मतलब रात। जो सिद्धियां रात के समय साधना से मिलती हैं उन सब सिद्धियों को देने वाली माता कालरात्रि हैं। इनकी पूजा नवरात्रि के 7वें दिन होती है। माता कालरात्रि को नीला रंग पसंद है। ऐसे में इस दिन लोगों को नीले रंग के कपड़े पहनना चाहिए।
16 अप्रैल मंगलवार, चैत्र नवरात्रि का 8वां दिन (Navratri 8th day colour- Pink)
नवरात्रि के 8वें दिन अपने पाप कर्मों के काले आवरण से मुक्ति पाने और आत्मा को फिर से पवित्र और स्वच्छ बनाने के लिए देवी दुर्गा के 8वें रूप महागौरी की पूजा की जाती है। माता महागौरी को गुलाबी रंग अति प्रिय है। इस दिन भक्तों के लिए गुलाबी रंग के कपड़े पहनना शुभ है।
17 अप्रैल बुधवार चैत्र नवरात्रि का 9वां दिन (Navratri ninth day- Purple)
मां दुर्गा का आठवां रूप है सिद्धिदात्री। भगवान शिव ने देवी के इसी स्वरूप से कई सिद्धियां प्राप्त की थी। इनकी पूजा नवरात्रि के 9वें दिन की जाती है। इन्हें बैंगनी रंग काफी पसंद है। इस दिन भक्तों को बैंगनी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
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क्यों मनाते हैं चैत्र नवरात्रि?
रंभासुर नाम के असुर का एक पुत्र महिषासुर था। वह बहुत ही शक्तिशाली था। अमर होने के लिए उसने भगवान ब्रह्मा घोर तपस्या की। खुश होकर भगवान ब्रह्मा ने उसे दर्शन दिया और वरदान मांगने को कहा। जब महिषासुर ने अमरत्व का वरदान मांगा तब ब्रह्म देव ने यह कहा कि ‘जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु होगी’, दूसरा वरदान मांगों तब महिसाषुर ने कहा कि उसे ऐसा वरदान दें जिससे कोई देवता दानव और मानव उसपर विजय प्राप्त नहीं कर सके। उसकी मृत्यु केवल किसी स्त्री के हाथों से ही हो। उसने ऐसा वरदान यह सोचकर मांगा था कि कोई स्त्री इतनी शक्तिशाली नहीं हो सकती, जो उसे मार सके।
तीनों लोकों पर बढ़ गया महिषासुर का आतंक
वरदान पाने के बाद तीनों लोकों पर महिषासुर का आतंक बढ़ गया। तीनों लोकों पर उसका अधिकार हो गया। देवताओं को उनके लोक से निकाल दिया। ऐसे में देवी-देवताओं ने धर्म स्थापना और महिषासुर के अत्याचारों से मुक्ति के लिए मां दुर्गा का आह्वान किया। आह्वान सुनकर देवी दुर्गा ने खुद को चैत्र नवरात्रि के दिन 9 रूपों में प्रकट किया। देवताओं ने देवी के इन 9 रूपों को अस्त्र शस्त्र देकर महिषासुर का वध करने का आग्रह किया। इन 9 रुपों को प्रकट करने का क्रम चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक चला। ऐसे में इन 9 दिनों को चैत्र नवरात्रि के तौर पर मनाते हैं।
जाने देवी दुर्गा ने कौन से 9 रूपों मे लिया था अवतार
- प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।स
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।। - पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।। - नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।
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