Mangalwar Ke Upay: सावन के आखिरी मंगलवार पर जरूर करें हनुमान जी के ये अचूक उपाय, जीवन से सारी बाधाएं हो जाएंगी दूर
Mangalwar Ke Upay: हिंदू धर्म में सावन माह को पूजा पाठ के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस दौरान आने वाले सभी मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, चौथा मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त 2024 को रखा जा रहा है। वहीं ये दिन सावन माह का आखिरी मंगलवार है।
Mangalwar Ke Upay: आर्थिक तंगी दूर करने के लिए मंगलवार के दिन करें ये उपाय
हिंदू धर्म में सावन माह को पूजा पाठ के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस दौरान आने वाले सभी मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, चौथा मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त 2024 को रखा जा रहा है। वहीं ये दिन सावन माह का आखिरी मंगलवार है। इस दिन देवी पार्वती और भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा को समर्पित है। इस दिन बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है।
इस दौरान हनुमान भक्त व्रत भी रखते हैं, जिससे मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। वहीं आज यानी कि सावन के अंतिम मंगलवार के दिन ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में बजरंगबली की पूजा करने से सुख-शांति, आरोग्य और लाभ की प्राप्ति होती है। ऐसे में हनुमान चालीसा का पाठ करना और भी लाभदायक हो सकता है। इसके साथ ही आप कुछ उपाय भी कर सकते हैं। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
राह में आने वाली बाधाओं के उपाय Mangalwar Ke Upay
मंगलवार के दिन सुबह हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष घी का दीपक जलाएं। हनुमान जी को चोला चढ़ाएं, माला पहनाएं और लड्डुओं का भोग लगाएं। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
आर्थिक तंगी के उपाय Mangalwar Ke Upay
अगर आप पैसे की तंगी से परेशान है तो आज सावन के आखिरी मंगलवार पर बंदरों को गुड़, चना, मूंगफली या केला खिलाएं। अगर बंदरों को ना खिला पाएं तो किसी जरूरतमंद को इन चीजों का दान दें। इस महा उपाय को सावन के आखिरी मंगलवार से 11 मंगलवार तक करने से आर्थिक तंगी दूर हो सकती है।
समस्या से मुक्ति उपाय Mangalwar Ke Upay
आज राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इससे हनुमान जी की कृपा से जीवन की समस्त समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को शाम में केवड़े का इत्र और गुलाब की माला चढ़ाएं।
मंगल ग्रह को करें मजबूत Mangalwar Ke Upay
अगर किसी का मंगल कमजोर है तो मंगलवार के दिन मंगल को मजबूत करने के लिए हनुमान जी की पूजा करें। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल दोष दूर होता है।
बुरी नजर का उपाय Mangalwar Ke Upay
मंगलवार के दिन जौ के आटे में काला तिल और तेल मिलाकर एक रोटी बनाएं। इस रोटी को तेल और गुड़ चुपड़कर नजर लगने वाले व्यक्ति या बच्चे से सात बार वारकर भैंस को खिला दें। इससे बुरे नजर का प्रभाव तुरंत खत्म हो जाता है।
शत्रुओं पर विजय पाने के उपाय Mangalwar Ke Upay
मंगलवार के दिन कम से कम 11 बार बजरंग बाण का पाठ करें। इस उपाय को लगातार 21 मंगलवार तक करें। ऐसा करने से आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
शंकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग वन्दन।। Mangalwar Ke Upay
विद्यावान गुणी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
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लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कवि कोविद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहैं तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।। Mangalwar Ke Upay
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों युग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को भावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्त काल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।। Mangalwar Ke Upay
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहिं बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
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