Makar Sankranti: मकर संक्रांति और पतंगबाजी, जाने क्यों है यह परंपरा महत्वपूर्ण?
Makar Sankranti: भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे हर वर्ष 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है, जो मौसम परिवर्तन का प्रतीक है।
Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर पतंग क्यों उड़ाते हैं? जानें इसका धार्मिक और सामाजिक महत्व
Makar Sankranti: भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे हर वर्ष 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है, जो मौसम परिवर्तन का प्रतीक है। इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। मकर संक्रांति के साथ कई परंपराएं और रीति-रिवाज जुड़े हुए हैं, जिनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण परंपरा है पतंग उड़ाना।
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा
मकर संक्रांति को सूर्य उपासना का पर्व माना जाता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाता है, जिसका अर्थ है कि सूर्य अब दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ने लगता है। इसे एक शुभ घटना माना जाता है क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार उत्तरायण काल देवताओं का दिन और दक्षिणायन काल देवताओं की रात मानी जाती है। पतंग उड़ाने का संबंध सूर्य की इस स्थिति से है। जब लोग आकाश में पतंग उड़ाते हैं, तो यह सूर्य के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक प्रतीकात्मक तरीका होता है।
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भारत के कई हिस्सों में होती है पतंगबाज़ी
मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का आयोजन भारत के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर होता है। खासकर गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर पतंग उड़ाते हैं। गुजरात में तो मकर संक्रांति पर पतंगबाजी एक प्रमुख उत्सव के रूप में मनाई जाती है। वहां इसे उत्तरायण कहा जाता है, और अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है।
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पतंग उड़ाने से जुड़ी कुछ रोचक बातें
मकर संक्रांति के दौरान कई प्रकार की पतंगें उड़ाई जाती हैं। इनमें तिरंगा पतंग, छोटी-बड़ी पतंग, चित्रित पतंग और फिल्मी डायलॉग्स वाली पतंगें भी शामिल होती हैं। पतंग उड़ाने में मांझा का बड़ा महत्व होता है। यह धागा कांच के चूर्ण से लेपित होता है, जिससे पतंग काटने की प्रतियोगिता में एक अलग रोमांच आता है। हालांकि, आजकल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण लोग बायोडिग्रेडेबल धागे का इस्तेमाल करने लगे हैं। कई जगहों पर मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। इसमें यह देखा जाता है कि कौन सबसे ऊंची पतंग उड़ाता है या कौन सबसे अधिक पतंगें काटता है।
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