Lord Shiva: शाम के समय शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ या अशुभ? जानें क्या है नियम, रोजाना जल अर्पित करने से मिलते हैं कई लाभ
Lord Shiva: अगर आप चाहते हैं कि आपको पूजा का सही और पूरा फल मिले तो शिवलिंग से जुड़ी ये गलतियां भूलकर भी न करें। अगर आप शिवलिंग पर इस समय जल अर्पित करते हैं तो आपको कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति हो सकती है। तो यहां जानिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही समय और नियम।
Lord Shiva: शिवलिंग पर खड़े होकर कभी न चढ़ाएं जल, इन बातों का रखें ध्यान
हिन्दू धर्म में सभी श्रद्धालु हर सोमवार को भगवान शंकर की विशेष तरीके से पूजा-अर्चना करते हैं। सोमवार के दिन देश के सभी शिव मंदिरों में भी पूजा-अर्चना के लिए भीड़ लगी रहती है। सभी मंदिरों में भगवान शिव का जल और दूध से विशेष अभिषेक किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि शाम के समय शिवलिंग पर जल चढ़ाने से क्या होता है और ऐसा करना शुभ माना जाता है या अशुभ? आज इसके बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं। भगवान शिव की पूजा में शाम के समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है और शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही नियम क्या है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव की पूजा के दौरान अगर कोई भी भूल-चूक या फिर कोई गलती हो जाती है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। हर सोमवार को देवों के देव महादेव की पूजा करने से लोगों की मनोकामनाओं की पूर्ति के द्वार खुल जाते हैं। शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए कभी भी गलत दिशा में खड़े नहीं होना चाहिए। दक्षिण और पूर्व दिशा की ओर मुख करके शिवलिंग पर जल चढ़ाना अशुभ माना जाता है। शिव भक्तों के लिए हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके ही शिवलिंग पर जल अर्पण करना शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि उत्तर दिशा भगवान भोलेनाथ का बायां अंग है, जहां माता पार्वती विराजमान हैं।
शिवलिंग पर खड़े होकर न चढ़ाएं जल
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भी आप शाम के समय शिवलिंग पर जल अर्पित करें तो आराम से बैठकर मंत्रोच्चार के साथ जल अर्पित करें। यदि आप खड़े होकर जल अर्पित करते हैं तो इसका फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए शिवलिंग पर हमेशा तांबे के पात्र से ही जल अर्पित करना अच्छा माना जाता है। कभी भी ऐसे बर्तनों से शिवलिंग पर जल अर्पित न करें, जिसमें लोहे का इस्तेमाल किया गया हो। पूजा के लिए तांबे के पात्र को सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
शाम के समय न चढ़ाएं जल
शिव पुराण के अनुसार, भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर शाम के समय जल अर्पित करना अशुभ माना जाता है। शिवलिंग पर सुबह 5 बजे से 11 बजे के बीच जल अर्पित करना शुभ होता है। जब भी शिव जी का जलाभिषेक करें तो जल में अन्य कोई भी सामग्री न मिलाएं। ऐसा करने से लोगों को पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है।
शंख से कभी न चढ़ाएं जल
पौराणिक कथा के अनुसार, शिवलिंग पर शंख से कभी भी जल अर्पित नहीं करना चाहिए। शिव पूजन में हमेशा शंख को वर्जित माना गया है क्योंकि पौराणिक कथा के अनुसार शिव जी ने एक बार शंखचूड़ राक्षस का वध किया था और शंख उसी राक्षस की हड्डियों से बना होता है। इसके अलावा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जलधारा टूटनी नहीं चाहिए और एक साथ ही जल अर्पित करना चाहिए।
शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
- शिवलिंग पर केवल जल चढ़ाएं उसमें कोई भी सामग्री न मिलाएं।
- शिवलिंग पर जल हमेशा तांबे के लोटे से ही अर्पित करें (लोहे या स्टील बर्तन का प्रयोग न करें)।
- कभी भी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जल न चढ़ाएं।
- उत्तर दिशा की ओर मुख करके शिवजी को जल अर्पित करना शुभ माना गया है।
- शिवलिंग पर खड़े होकर नहीं बल्कि बैठकर ही जल चढ़ाएं।
- तांबे के बर्तन से शिवलिंग पर दूध भूलकर भी अर्पित न करें।
दिन के हिसाब से शिवलिंग पर जल चढ़ाने के फायदे
सोमवार
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का दिन बहुत विशेष माना गया है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन शिवलिंग पर मात्र एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। सोमवार के दिन शिवजी को अर्घ्य देने से सभी तरह की मनोकामनाएं जल्द पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा मानसिक शांति भी मिलती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सबसे अच्छा उपाय होता है। कई गंभीर बीमारियों, संकटों और रूकावटों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप बहुत ही असरदार माना गया है।
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मंगलवार
मंगलवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से व्यक्ति को सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
बुधवार
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बुधवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विवाह में आने वाली अड़चने दूर होती हैं। वहीं वैवाहिक जीवन जीने वाले लोगों का जीवन सुख और शांति से बीतता है।
गुरुवार
गुरुवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करने पर घर में मौजूद बच्चों की एकाग्रता में तेजी आती है।
शुक्रवार
जो व्यक्ति नियमित रूप से शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाता है उसको वैवाहिक जीवन में खुशियां प्राप्ति होती है और घर में होने वाले क्लेश से छुटकारा मिलता है।
शनिवार
शिव पुराण के अनुसार शनिवार के दिन जो भक्त भगवान शिव को एक लोटा जल चढ़ाता है उसे अकाल मृत्यु के भय से छुटकारा मिल जाता है।
रविवार
रविवार के दिन जो शिवभक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाता है भगवान शिव उसके ऊपर बहुत ही प्रसन्न होते हैं और इसके अलावा माता लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती और घर में धन की कोई कमी नहीं रहती है।
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