Lord Shiva Family: भगवान गणेश और कार्तिकेय के अलावा भोलेनाथ की ये भी हैं संतानें, शास्त्रों में शिव परिवार का है सुंदर वर्णन
Lord Shiva Family: देवों के देव महादेव अपने सभी भक्तों पर कृपा बनाए रखते हैं। भगवान शिव को सोमवार का दिन समर्पित किया गया है। इस दिन जितना महत्व भगवान शिव की पूजा करने का है उतना ही महत्व शिव परिवार की पूजा करने का भी है। बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि भगवान शिव की दो नहीं बल्कि 8 संतानें हैं।
Lord Shiva Family: बेहद अनोखा है महोदव और माता पार्वती का परिवार, जानें इनके बारे में
देवों के देव महादेव अपने सभी भक्तों पर कृपा बनाए रखते हैं। भगवान शिव को सोमवार का दिन समर्पित किया गया है। इस दिन जितना महत्व भगवान शिव की पूजा करने का है उतना ही महत्व शिव परिवार की पूजा करने का भी है। बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि भगवान शिव की दो नहीं बल्कि 8 संतानें हैं। जिनका वर्णन शिवपुराण में मिलता है। कई लोगों को सिर्फ भगवान गणेश और कार्तिकेय के बारे में पता है। आज हम आपको अपने इस लेख में भगवान शिव की सभी संतानों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से-
ये हैं भोलेनाथ की संतानें Lord Shiva Family
कार्तिकेय
कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती की पहली संतान है। इनका 6 कृतिकाओं ने पालन-पोषण किया। इसलिए यह कार्तिकेय कहलाए। इन्होनें तारकासुर का वध किया था। दक्षिण भारत में इन्हें मुरुगण कहा जाता है। वहीं इनकी खास पूजा भी की जाती है।
गजानन Lord Shiva Family
भगवान शिव के दूसरे पुत्र का नाम गणेश जी है। शिव पुराण के अनुसार माता पार्वती ने एक मूर्ति बनाई और उसमें उन्होंने प्राण फूंक दिए फिर गणेश जी साकार रूप में उत्पन्न हुए।
शिव जी की बेटी अशोक सुंदरी Lord Shiva Family
अशोक सुंदरी भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री मानी जाती हैं। इनके बारे में शिव और पद्म पुराण में वर्णन मिलता है। कार्तिकेय के बाद अशोक सुंदरी का जन्म हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती अपने अकेलेपन को दूर करना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने कल्पवृक्ष से एक बेटी का वरदान मांगा था। यह वरदान माता पार्वती को कल्प वृक्ष से मिला था, जो लोगों की इच्छाएं पूरी करने के लिए जाना जाता है। तब उस वृक्ष से अशोक सुंदरी उत्पन्न हुई। शिवलिंग में जिस स्थान से जल बहकर निकलता है, उस स्थान को अशोक सुंदरी का स्थान कहा जाता है।
मनसा देवी Lord Shiva Family
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मनसा देवी भी भगवान शिव की सबसे छोटी पुत्री हैं, जिन्हें देवी वासुकी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इनका प्राकट्य मस्तक से हुआ है, इसलिए इन्हें मनसा कहा जाता है। मां मनसा का प्रसिद्ध शक्तिपीठ हरिद्वार में स्थित है। जहां रोजाना लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। कहते हैं कि जो भक्त सच्चे दिल से मनसा देवी की अराधना करता है। मां उनकी मनोकामना जरूर पूरी करती हैं। ऐसी भी मान्यता है कि मनसा देवी सांप की इच्छा के प्रभाव को बेअसर कर सकती हैं। मंदिरों में उनकी पूजा एक ऐसी देवी के रूप में की जाती है जो सांप के काटने को ठीक करने के लिए जानी जाती है।
ज्योति Lord Shiva Family
भगवान शिव और माता पार्वती की दूसरी पुत्री का नाम ज्योति है। मान्यता के अनुसार देवी ज्योति का जन्म भगवान शिव के तेज से हुआ था। वह उनके प्रभामंडल का स्वरूप मानी जाती हैं। वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार ज्योति का जन्म माता पार्वती के माथे से निकले तेज से हुआ था। देवी ज्योति का दूसरा नाम ज्वालामुखी है। इनकी पूजा तमिलनाडु के कई मंदिरों में की जाती है।
भगवान अयप्पा Lord Shiva Family
भगवान अय्यप्पा को मुख्य रूप से दक्षिण भारत में एक प्रमुख देवता के रूप में पूजा जाता है। इनके पिता भी भगवान शिव को ही माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान एक बार जब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया तब भगवान शिव उन पर मोहित हो बैठे। जिससे अयप्पा उत्पन्न हुए। अयप्पा स्वामी को हरिहरपुत्र यानी हर- भगवान शिव और हरि-भगवान विष्णु कहा जाता है। अयप्पा स्वामी सबसे शक्तिशाली देवताओं में से एक माने जाते हैं जो केरल और तमिलनाडु में पूजे जाते हैं। केरल में अय्यप्पा भगवान को समर्पित सबरीमाला मंदिर बेहद प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि अयप्पा ही वो देवता हैं जो भगवान परशुराम से युद्ध कर सकते हैं।
We’re now on WhatsApp. Click to join
जलंधर Lord Shiva Family
जलंधर भी भगवान शिव का एक पुत्र माना जाता है। माना जाता है कि इनका जन्म महादेव के क्रोध से हुआ था और यह भगवान शिव के शत्रुओं में से भी एक था। पुराणों में कथा मिलती है कि महादेव ने गुरु बृहस्पति के कहने पर इंद्र के प्राणों की रक्षा के लिए अपनी क्रोधाग्नि को समुद्र में डाल दिया। शिवजी की इस क्रोधाग्नि से समुद्र से एक बालक की उत्पत्ति हुई, जिसे जलंधर कहा जाता है। हालांकि जलंधर का अंत भी शिव जी के हाथों ही हुआ था।
अंधक Lord Shiva Family
अंधक को भगवान शिव की चौथी संतान माना जाता है। माता पार्वती ने एक बार भगवान की आंखें बंद कर दी जिससे संसार में अंधकार छा गया था। तब भगवान शिव के शरीर से गिरे पसीने की बूंद से एक अंधे बालक का जन्म हुआ था।
अंगारक Lord Shiva Family
अंगारक को भगवान शिव के पांचवा पुत्र माना जाता है। अंगारक को मंगल ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। इन पुत्रों के अलावा सुकेश नामक के अन्य पुत्र भी थे। कथा के अनुसार, एक बार अनाथ बालक को देखकर माता पार्वती के मन में दया आ गई थी। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती ने इन्हें दत्तक पुत्र के रूप में अपना लिया था।
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com