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Indian Festivals: त्योहार जो जोड़े दिलों को, जाने बैसाखी से विषु तक

Indian Festivals: भारत विविधताओं का देश है, जहाँ हर त्योहार अपने भीतर परंपरा, आस्था और सांस्कृतिक एकता समेटे होता है। बैसाखी, वैसाखी या विषु इन्हीं प्रमुख त्योहारों में से एक है,

Indian Festivals : जाने बैसाखी और विषु की कहानी

Indian Festivals, भारत विविधताओं का देश है, जहाँ हर त्योहार अपने भीतर परंपरा, आस्था और सांस्कृतिक एकता समेटे होता है। बैसाखी, वैसाखी या विषु इन्हीं प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। यह पर्व हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है और यह सूर्य के मेष राशि में प्रवेश (मेष संक्रांति) के अवसर पर आता है।

Indian Festivals
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बैसाखी (पंजाब में)

पंजाब और हरियाणा में इसे बैसाखी के नाम से जाना जाता है। यह वहाँ का एक प्रमुख कृषि पर्व है और खरीफ फसल की कटाई के बाद इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन सिख धर्म के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 1699 में इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस अवसर पर गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगर और नगर कीर्तन होते हैं। लोग पारंपरिक पोशाकों में भांगड़ा और गिद्दा जैसे लोकनृत्य करते हैं। यह दिन सिखों के आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।

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विषु (केरल में)

दक्षिण भारत के केरल राज्य में इसी दिन को विषु कहा जाता है। यह मलयालम नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। विषु पर लोग ‘विषु कण्णी’ नामक शुभ दृश्य सुबह उठकर सबसे पहले देखते हैं जिसमें धान्य, फल, फूल, दर्पण, स्वर्ण वस्तुएं और भगवान विष्णु की मूर्ति को सजाया जाता है। यह माना जाता है कि वर्ष की शुरुआत जिस दृश्य से होती है, वह पूरे साल को प्रभावित करता है। बच्चे ‘विषु काई नेट्टम’ नामक परंपरा में बड़ों से धन प्राप्त करते हैं। घरों में विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं जिनमें ‘विषु सध्या’ प्रमुख है।

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अन्य क्षेत्रों में

उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में इसे हिन्दू नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है। असम में बोहाग बिहू, बंगाल में पोइला बैशाख, तमिलनाडु में पुथांडु, ओडिशा में महाविषुवा संक्रांति और नेपाल में भी इसी दिन नववर्ष मनाया जाता है। यह पर्व न सिर्फ कृषि से जुड़ा हुआ है बल्कि यह सांस्कृतिक एकता और विविधता का भी प्रतीक है। यह हमें प्रकृति से जुड़ने, परिवार और समाज में प्रेम और सहयोग बढ़ाने की प्रेरणा देता है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब लोग पुराने गिले-शिकवे भूलकर नए उत्साह और उमंग के साथ जीवन की नई शुरुआत करते हैं।

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