Hariyali Teej Vrat 2024: पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रहीं हैं तो इन बातों का रखें खास ख्याल, इस कथा के बिना अधूरी है तीज की पूजा
Hariyali Teej Vrat 2024: श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महीना है और इस महीने में आने वाले व्रत और पर्व का विशेष महत्व है। वैसे तो इस महीने में हर सोमवार को भोलेनाथ की आराधना की जाती है और मंगलवार के दिन माता पार्वती की। लोग इस दिन व्रत रखते हैं और शिव-पार्वती की भक्ति करते हैं। इसी प्रकार इस महीने में आने वाली हरियाली तीज व्रत को भी बेहद खास बताया गया है।
Hariyali Teej Vrat 2024: क्या है हरियाली तीज का महत्व? जानें कब रखा जाएगा व्रत
श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महीना है और इस महीने में आने वाले व्रत और पर्व का विशेष महत्व है। वैसे तो इस महीने में हर सोमवार को भोलेनाथ की आराधना की जाती है और मंगलवार के दिन माता पार्वती की। लोग इस दिन व्रत रखते हैं और शिव-पार्वती की भक्ति करते हैं। इसी प्रकार इस महीने में आने वाली हरियाली तीज व्रत को भी बेहद खास बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि हरियाली तीज का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। वहीं सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। Hariyali Teej Vrat 2024 लेकिन, इस व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जो आपको शुभ फल दे सकती हैं। पहली बार व्रत रख रही महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, जिसके बारे में उन्हें जरूर जानना चाहिए। इसलिए आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं, साथ ही ये भी जानेंगे कि हरियाली तीज कब मनाई जाएगी।
कब है हरियाली तीज ? Hariyali Teej Vrat 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इस साल हरियाली तीज 7 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। इस तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को शाम 7 बजकर 42 मिनट पर होगी, वहीं 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजे इसका समापन होगा।
पहली बार व्रत रख रही हैं तो ध्यान रखें ये बातें Hariyali Teej Vrat 2024
अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं, तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। हरियाली तीज पर मेहंदी का विशेष महत्व होता है। नवविवाहित महिलाओं के लिए यह वैवाहिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक है। मेहंदी लगाने से हाथों की सुंदरता तो बढ़ती ही है, साथ ही यह शुभ भी माना जाता है। हरियाली जीवन, उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक है। ऐसे में इस दिन नवविवाहित महिलाओं को हरे रंग की साड़ी पहननी चाहिए। हरियाली तीज के दिन 16 शृंगार करके ही माता पार्वती की पूजा करें। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। नवविवाहित महिलाओं को इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के साथ ही तीज की कथा जरूर पढ़नी या सुननी चाहिए।
हरियाली तीज का महत्व Hariyali Teej Vrat 2024
हरियाली तीज का त्योहार प्रकृति और महिलाओं के बीच गहरा नाता दर्शाता है। इस दिन महिलाएं बहुत उत्साहित होती हैं मानों प्रकृति की गोद में बैठकर झूले झूल रहीं हों। इस दिन गीत गाती हैं और एक-दूसरे को उपहार देती हैं। यह त्योहार महिलाओं को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और सामंजस्य बैठाने का भी संकेत देता है। हरियाली तीज का त्योहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। इस त्योहार को मनाने से परिवार में खुशहाली आती है और रिश्ते मजबूत होते हैं।
हरियाली तीज के दिन जरूर पढ़ें व्रत कथा Hariyali Teej Vrat 2024
एक बार की बात है, जब भगवान शिव मां पार्वती को उनके पूर्व जन्म के बारे में याद कराते हुए कहते हैं कि हे पार्वती ! तुमने मुझे पति के रूप में पाने के लिए हिमालय पर कठिन तपस्या की थी। Hariyali Teej Vrat 2024 यहां तक कि तुमने अन्न और जल के साथ-साथ सर्दी, गर्मी, बरसात जैसे सभी ऋतुओं में बहुत कष्ट सहा है। तुम्हारी तपस्या देखकर तुम्हारे पिताजी पर्वतराज बहुत दुखी हुए थे। तब एक दिन नारद मुनि तुम्हारे घर आए और उन्होंने तुम्हारे पिताजी से कहा कि मैं भगवान श्रीहरि विष्णु के भेजने पर यहां आया हूं।
विष्णु जी आपकी पुत्री की तपस्या से बेहद प्रसन्न हुए हैं और वह उनके साथ विवाह करना चाहते हैं। तब नारद मुनि की बात सुनकर तुम्हारे पिताजी अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने नारद जी से कहा कि वह विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं। यह सुनते ही नारद मुनि भगवान विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र) के पास जाते हैं और उन्हें सूचित करते हैं। Hariyali Teej Vrat 2024 फिर भगवान शिव माता पार्वती से कहते हैं कि जब तुम्हारे पिताजी ने यह खबर तु्म्हे सुनाई, तो काफी दुख हुआ। क्योंकि तुम मुझे पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थी।
इसके बाद तुमने अपने मन की पीड़ा अपनी सखी को सुनाई। तब तुम्हारी सखी ने एक घने जंगल में रहने का सुझाव दिया था। उसके बाद तुम बिना किसी को बताए, वन में चली गई और जंगल में मुझे प्राप्त करने के लिए तुमने कड़ी तपस्या की। जब तुम्हारे अचानक लुप्त हो जाने की बात तुम्हारे पिता जी को पता चली, तो वह बेहद चिंतित हुए थे। वह सोचने लगे थे कि इसी बीच अगर भगवान विष्णु बारात लेकर आ जाएंगे। तब क्या होगा।
उसके बाद भगवान शिव माता पार्वती से आगे कहते हैं, कि तुम्हारे पिता जी तुम्हे खोजते- खोजते धरती पाताल को एक कर दिया था। लेकिन तुम उन्हें नहीं मिली। Hariyali Teej Vrat 2024 क्योंकि तुम उस समय एक गुफा में रेत से शिवलिंग बनाकर मेरी अराधना में पूरी तरह से लीन थी। तब मैंने तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न होकर तुम्हें मनोकामना पूरी करने का वचन दिया था। तब इसी बीच तुम्हारे पिता ढूंढते हुए गुफा तकज पहुंचे और फिर तुमने उन्हें अपनी पूरी बात बताई।
महादेव ने माता पार्वती को बताया कि तुमने बताया कि मैं अपना जीवन शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तप में बिताया था और आखिर वह तपस्या सफल हो गई। फिर तुमने अपने पिता जी से कहा कि मैं आपके साथ घर तभी चलूंगी, जब आप मेरा विवाह भगवान विष्णु से नहीं बल्कि शिव से ही करवाएंगे। Hariyali Teej Vrat 2024 फिर पर्वतराज तुम्हारी बात माने और उन्होंने पूरी विधि-विधान के साथ हमारा विवाह सपन्न कराया था।