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Hariyali Teej: हरियाली तीज 2025, सावन की खुशबू और महिला उत्सव का त्योहार

Hariyali Teej, भारत में त्योहारों का अपना एक अलग ही रंग और महत्व है। हरियाली तीज भी उन्हीं त्योहारों में से एक है, जो खास तौर पर महिलाओं के बीच बहुत प्रिय है।

Hariyali Teej : हरियाली तीज पर जानें पूजा विधि और त्यौहार की खास बातें

Hariyali Teej, भारत में त्योहारों का अपना एक अलग ही रंग और महत्व है। हरियाली तीज भी उन्हीं त्योहारों में से एक है, जो खास तौर पर महिलाओं के बीच बहुत प्रिय है। यह पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है, जो जुलाई-अगस्त के महीने में आता है। हरियाली तीज को सावन तीज भी कहा जाता है क्योंकि यह सावन के हरे-भरे मौसम में मनाया जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं और प्रकृति की हरियाली का आनंद उठाती हैं।

हरियाली तीज का महत्व

हरियाली तीज का अर्थ है ‘हरा-भरा तीज’। यह पर्व फसल के मौसम में आता है जब पेड़-पौधे, खेत-खलिहान, और समूचा वातावरण हरा-भरा और सुंदर दिखता है। इस दिन महिलाएं अपने घरों में तीज के गीत गाती हैं, मेहंदी लगाती हैं और सुंदर वस्त्र पहनती हैं। यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने और अपने रिश्तों को मजबूत करने का अवसर भी होता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं

हरियाली तीज पर महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि माता पार्वती ने इसी दिन व्रत करके भगवान शिव से विवाह किया था। इसलिए, विवाहित और अविवाहित महिलाएं अपने जीवन में सुख-समृद्धि, पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत करती हैं। इस दिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं, मेहंदी लगाती हैं और पारंपरिक गाने गाती हैं। साथ ही, परिवार के सभी सदस्य मिलकर तीज की खुशियाँ मनाते हैं।

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हरियाली तीज कैसे मनाई जाती है?

-व्रत और पूजा: महिलाएं तीज के दिन निर्जला व्रत रखती हैं यानी पूरे दिन कुछ नहीं खातीं-पीतीं। सुबह जल्दी उठकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।

-मेहंदी लगाना: तीज पर मेहंदी लगाना बहुत लोकप्रिय है। मेहंदी को शुभ माना जाता है और इसे लगाना परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर आनंद लेने का माध्यम भी होता है।

-तीज गीत और झूमर: इस दिन महिलाओं द्वारा पारंपरिक तीज गीत गाए जाते हैं। झूमर और नृत्य के कार्यक्रम भी होते हैं।

-हरे रंग का पहनावा: हरियाली तीज पर हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि यह प्रकृति की हरियाली का प्रतीक है।

-संगठन और मेल-जोल: महिलाएं एक-दूसरे के घर जाती हैं, तोहफे और मिठाइयां बांटती हैं। यह त्योहार मेल-जोल और भाईचारे को बढ़ावा देता है।

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हरियाली तीज का सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश

यह त्योहार केवल धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के बिना जीवन संभव नहीं है। हरी-भरी धरती हमारी जीवनदायिनी है, इसलिए इसकी रक्षा और देखभाल हम सबकी जिम्मेदारी है।

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