Green Colour Importance On Hariyali Teej: क्यों हरे रंग के बिना अधूरा होता है हरियाली तीज का व्रत, जानें महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
Green Colour Importance On Hariyali Teej: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं। ये सुहाग पर्व है। हरियाली तीज पर स्त्रियां सुयोग्य वर पाने और अपने पति की दीर्धायु की कामना से शिव-पार्वती की विधि विधान से पूजा करती हैं। अपने नाम स्वरूप हरियाली तीज पर हरे रंग का विशेष महत्व है।
Green Colour Importance On Hariyali Teej: हरियाली तीज पर भूल से भी न करें ये काम, टूट जाएगा व्रत
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं। ये सुहाग पर्व है। हरियाली तीज पर स्त्रियां सुयोग्य वर पाने और अपने पति की दीर्धायु की कामना से शिव-पार्वती की विधि विधान से पूजा करती हैं। अपने नाम स्वरूप हरियाली तीज पर हरे रंग का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं हरियाली तीज का हरे रंग से क्या है खास संबंध, स्त्रियों को क्यों इस दिन हरे रंग का विशेष उपयोग करना चाहिए।
आपको बता दें कि हरियाली तीज पर शिव पार्वती की पूजा होती है और हरा रंग भगवान शिव को बेहद प्रिय है। यही वजह है कि इस दिन महिलाओं को पूजा के दौरान हरे रंग का उपयोग जरूर करना चाहिए। Green Colour Importance On Hariyali Teej धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,सावन के महीने में या हरियाली तीज के दिन हरे रंग के कपड़े, चूड़ियां और अन्य समानों के प्रयोग से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि भी आती है।
ये है हरे रंग का महत्व Green Colour Importance On Hariyali Teej
सावन के महीने में प्रकृति में चारों ओर हरियाली छाई होती है। इसलिए इस महीने में हरे रंग के प्रयोग से सुख, शांति, वैभव, समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा हरा रंग मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर डालता है और इसके इस्तेमाल से लोग सेहतमंद होते हैं। हरियाली तीज के दिन हाथों में मेहंदी जरूर लगानी चाहिए। इससे सुहागिन स्त्रियों का भाग्योदय होता है। मान्यता है इस दिन हरा रंग उपयोग करने और पहनने से भाग्य पर अति शुभ असर पड़ता है। अखंड सौभाग्य के साथ संतान प्राप्ति का भी वरदान मिलता है।
हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है Green Colour Importance On Hariyali Teej
शिव पुराण के अनुसार, हरियाली तीज पर ही शंकर जी ने माता पार्वती की कठोर तपस्या के बाद उन्हें अर्धांगिनी स्वीकार किया था। यही कारण है कि शिव के समान पति पाने और सदा सुहागवती रहने के लिए हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है। हरियाली तीज मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाई जाती है।
साल में तीन बार मनाई जाती है तीज Green Colour Importance On Hariyali Teej
तीज का त्यौहार साल में तीन बार मनाया जाता है, जिसमें पहली सावन की हरियाली तीज, दूसरी भाद्रपद की कजरी तीज और फिर भादो की हरतालिका तीज मनाई जाती है। हरियाली तीज पर महिलाएं हरी चूड़ियां, हरी साड़ी और हरी मेहंदी लगाती हैं।
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हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त Green Colour Importance On Hariyali Teej
वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त, 2024 को रात्रि 07 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 7 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे होगा। पंचांग को देखते हुए हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त, 2024 को रखा जाएगा। ऐसे में व्रती इस दिन अपने शुभ व्रत का पालन करें।
हरियाली तीज पर भूलकर भी ना करें ये 5 काम Green Colour Importance On Hariyali Teej
- हरियाली तीज के दिन भूलकर भी सफेद और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इस दिन हरे रंग का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन गुस्सा करने से बचना चाहिए। ना तो किसी से लड़ाई झगड़ा करना चाहिए और ना ही किसी का अपमान करना चाहिए।
- हरियाली तीज के दिन व्रत के दौरान दिन में सोने से बचना चाहिए। इसके बजाय दिन में तीज के गीत गाएं। झूला झूलें और उत्साह से त्योहार मनाएं।
- हरियाली तीज का त्योहार प्रकृति से जुड़ा है। ऐसे में इस दिन भूलकर भी पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
- महिलाओं को मंगलवार के लिए श्रृंगार की चीजें खरीदने से बचना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में अशांति आ सकती है।
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