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Dhanteras 2025: धनतेरस 2025, पूजा मुहूर्त, खरीदारी और महत्व की पूरी जानकारी

Dhanteras 2025, धनतेरस दीपावली पर्व का पहला दिन होता है और इसे धन और संपत्ति का पर्व कहा जाता है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है।

Dhanteras 2025 : पूजा मुहूर्त और महत्व जानकर करें घर की सजावट और खरीदारी

Dhanteras 2025, धनतेरस दीपावली पर्व का पहला दिन होता है और इसे धन और संपत्ति का पर्व कहा जाता है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। भारतीय संस्कृति में इसे व्यापारियों और घर-परिवार के लिए अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। धनतेरस का पर्व केवल धन की प्राप्ति का संकेत नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक भी है। इस दिन सोनार और ज्वेलरी खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसा करने से घर में धन और खुशहाली आती है।

1. धनतेरस 2025 की तारीख

इस साल धनतेरस 2025 31 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

  • धनतेरस अमावस्या की तिथि से दो दिन पहले आता है।
  • यह दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • इस दिन सोनें-चांदी की वस्तुएँ और नई वस्तुएँ खरीदना विशेष लाभकारी माना जाता है।

धनतेरस पर लोग अपने घर की सफाई, सजावट और पूजन सामग्री तैयार करते हैं। इसे दीपावली पर्व की शुरुआत माना जाता है।

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2. धनतेरस का महत्व

धनतेरस का पर्व धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

2.1 धार्मिक महत्व

धनतेरस पर धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। यह माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि आती है।

2.2 स्वास्थ्य का महत्व

धनतेरस को चौबीसवें धनवंतरि दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। धनवंतरि भगवान को आयु और स्वास्थ्य का देवता माना जाता है। उनके पूजन से स्वास्थ्य में वृद्धि और रोगों से रक्षा होती है।

2.3 सामाजिक महत्व

धनतेरस के दिन परिवार और मित्रों के साथ सामाजिक मेल-जोल और उपहार साझा करने की परंपरा होती है। यह दिन सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है।

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3. धनतेरस 2025 पूजा मुहूर्त

धनतेरस पर पूजा का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। सही मुहूर्त में पूजन करने से लक्ष्मी माता की कृपा अधिक मिलती है।

3.1 शुभ समय

  • धनतेरस पूजा मुहूर्त: 16:00 बजे से 18:45 बजे तक
  • अमावस्या का समय: 18:50 बजे तक
  • इस समय में धनतेरस पूजन करने से संपत्ति और समृद्धि का विशेष लाभ मिलता है।

3.2 पूजा विधि

  • घर की साफ-सफाई करके दीप, फूल, मिठाई और हल्दी तैयार करें।
  • लक्ष्मी और कुबेर भगवान की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • पूजा करते समय धन, सोना-चांदी और नई वस्तुएँ पूजा स्थल पर रखें।
  • मंत्र जाप और दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है।

4. धनतेरस पर खरीदारी

धनतेरस पर सोनें, चांदी, बर्तन और नई वस्तुएँ खरीदना शुभ माना जाता है।

  • घर में नई वस्तुएँ रखने से धन और खुशहाली आती है।
  • ज्वेलरी खरीदना विशेष लाभकारी है और इसे दीर्घकालिक निवेश भी माना जाता है।
  • व्यापारी वर्ग के लिए यह दिन व्यापार और आय में वृद्धि का संकेत है।

5. धनतेरस के उपाय और परंपराएँ

धनतेरस के दिन कुछ शुभ परंपराएँ और उपाय अपनाने से सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है:

  1. घर की साफ-सफाई और सजावट करें।
  2. लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें और दीपक जलाएं।
  3. सोने-चांदी या नई वस्तुएँ खरीदें।
  4. पूजा के समय सकारात्मक सोच और शुभ विचार रखें।
  5. पारिवारिक सदस्यों और मित्रों को उपहार और मिठाई दें।

इन उपायों को अपनाने से धन, सुख और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

धनतेरस सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। इस वर्ष धनतेरस 2025 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी और पूजा मुहूर्त शाम 4 बजे से 6:45 बजे तक रहेगा। इस दिन लक्ष्मी और कुबेर की पूजा कर, दीप जलाकर और सोने-चांदी जैसी नई वस्तुएँ खरीदकर आप अपने घर में खुशियों, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं।

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