चैत्र नवरात्र: नौ दिन ऐसे करे मां भगवती की पूजा
नवरात्र स्पेशल
हिंदु धर्म मे माता को अत्यधिक शक्तिशाली माना जाता है। शक्तिदायनी मां दुर्गा की अराधना के लिए साल के दो पखवाङे बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां दो तरह के नवरात्र होते है चैत्रा नवरात्र और शारदीय नवरात्र। चैत्र नवरात्र को हम माह मे मनाते है जबकि शारदीय को हम आश्विन माह मे मनाया जाता है।
Related : कोलकाता में दुर्गापूजा शुरु आप भी करें पंडालों की सैर
निर्णयसिन्धु आदि शास्त्रों के अनुसार यदि सूर्योदयान्तर एक मुहूर्त स्थानीय दिनमान का 15 वां भाग होता है के लिए भी प्रतिप्रदा तिथि व्याप्त हो, तो नवरात्रारंभ व घट स्थापनादि उसी दिन प्रातः करने चाहिए। यदि चैत्र शुक्ल सूर्योदय कालिक ना मिले और अगले दिन प्रतिप्रदा तिथि व्याप्त हो, तो नवरात्र व घट स्थापना उसी दिन प्रात करना चाहिए।
क्यो मनाएं चैत्र नवरात्र पर्व :
इसी वर्ष अलग अलग पंचांग व विदवानो मे वसंत नवरात्री केघटस्थापना को लेकर मतभिन्नता हो रही है। पंचांगकारो अमावस्यायुक्त मे स्थापना का फैसला दिया है।
देवी आरधना के लिए सर्वश्रेष्ट है चैत्र नवरात्री
नवरात्री है देवी की शक्तियों को जगाने के लिए मनाया जाता है ताकि हम पर देवी मां की शक्ति का आशीर्वाद हो। हम सभी संकट मे होते है, रोग, दुश्मन जैसी आपदा मे बचा सके। शरीर के तेज मे आगमन हो, मन निर्मल हो।
- चैत्र नवरात्र मे मां भगवती जगत-जननी को आहवान कर दुष्टामाताओ का करने के लिए जगाया जाता है।
- मां के दरबार मे दोनो ही नवरात्र चैत्र और आक्ष्वनी मास मे पङने वाले शारदीय नवरात्र मे धुम धाम मची रहती है।
- चैत्र नवरात्र मे मे घरो मे देवी प्रतिमा की स्थापना होती है व इसी दिन से नवरात्र शुरु हो जाता है।
क्यो करते है कन्या पूजा
नवरात्र मे सात्वे दिन से कन्या पूजा शुरु हो जाती है और इसी दौरान कन्याओ को घर बुलाकर उनकी पुजा की जाती है।दुर्गाष्टमी और नवमी मे कन्याओ को नो देवीयो का रुप माना जाता है। कन्याओ का देवी की तरह आदर ओर भोजन कराने से मां देवी खुश होती है।
कन्या पूजन की विधी
- कन्या पुजन और भोज के लिए कन्याओ को पहले मे ही आमंत्रित किया जाता है।
- कन्या पुजन के दिन कन्याओ को इधन उधर से लाना सही नही होता।
- ग्रह प्रवेश के समय कन्याओ का स्वागत पुस्प से किया जाता है।
- भोजन के बाद कन्याओ को उनके मन अनुसार उपहार दे और उनके पैर छु कर आशीवाद ले।
Related : नवरात्रें स्पेशल : मां देवी को करना है प्रसन्न, तो भूलकर भी न करें यह काम
उपवास मे खाए ये भोजन:
- व्रत के आलू टमाटर की सब्जी
- लौकी का हलवा
- मूंगफली की कतली
- कुटू के पकौङे
- मेवा की खीर
- साबूदाना वङा
- नारियल के लड्डु
- फुट योगट