पॉलिटिक्स

मेयर के पद के लिए क्या शिवसेना और कांग्रेस आएगी एक साथ

क्या शिवसेना और कांग्रेस आएगी एक साथ


पहले भी कांग्रेस और शिवसेना एक दूसरे का साथ दे चुके हैं

मुंबई में बीएमसी की राजगद्दी पर किसकी पार्टी काबिज होगी यह अब बहुत बड़ा सवाल बन गया है। इस बारे हुए बीएमसी के चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। जिसके कारण यह तय नहीं हो पा रहा है कि बीएमसी की गद्दी पर कौन राज करेगा। इससे पहले तक बीएमसी पर शिवसेना का ही राज था। लेकिन इस बार वह भी साख बचाने में लगी है। तो क्या शिवसेना और कांग्रेस और आएगी एक साथ?

Uddhav Thackeray 1
मेयर किस पार्टी का होगा

21 को हुए बीएमसी चुनाव में शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें मिली है। अब बात इस बात पर आकर अड़ गई है कि बीएमसी में मेयर किसका होगा। मुंबई में तो शिवसेना ने 84 सीटों पर जीत हासिल की है। लेकिन महाराष्ट्र की अन्य जगहों पर बीजेपी ने हाथ मार लिया है। जिसके कारण बहुमत न मिल पाऩे कारण यह संभव नहीं हो पा रह है कि मेयर किस पार्टी का होगा।

शिवसेना चाहती है कि मेयर उनकी पार्टी का हो। अभी तक शिवसेना के पास 87 सीटे है। 84 उनकी खुद की है और 3 निर्दलय उम्मीदवारों ने उन्हें समर्थन दिया है। अब बात यह है कि इतनी सीटों से शिवसेना का मेयर नही बना पाता है। ऐसे माहौल में क्या शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन लेगी। अगर यह इन दोनों पार्टियां का समर्थन लेते है तो देवेंद्र फरणवीस की कुर्सी खतरे में आ जाएंगे। क्योंकि अगर शिवसेना कांग्रेस का समर्थन लेती है तो वह राज्य में दिए अपने समर्थन को वापस ले सकती है जिसके कारण महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार गिर सकती है। या ऐसा भी हो सकता है कि शिवसेना कांग्रेस के साथ मिलकर बहुमत साबित कर देता है वह अपना मुख्यमंत्री बना सकते हैं।

इससे पहले भी शिवसेना और कांग्रेस एक साथ आई है। शिवसेना का कुछ नेताओं का कहना है कि राष्ट्रपति के लिए प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी के चुनाव के वक्त भी कांग्रेस और शिवसेना साथ आ चुके है। लिहाजा इस बार भी गठबंधन में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

गठजोड़ पर आखिरी फैसला आने के बाद ही देगें समर्थन

खबरों की मानें तो कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी शिवसेना को बाहर से समर्थन देने का विकल्प तलाश रही है। पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्क्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच गठजोड़ पर आखिरी फैसला आने के बाद ही वो किसी नतीजे तक पहुंचेगे। उनके करीबी विधायक अब्दुल सत्तार के मुताबिक पार्टी की राज्य इकाई शिवसेना को समर्थन पर हाईकमान को प्रस्ताव भेजेगी।
वहीं दूसरी ओर कल ही बीजेपी के नेता नितिन गड़करी ने शुक्रवार क कहा था कि हालात को देखते हुए दोनों पार्टियों को एक साथ आना चाहिए।
इससे पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में भी बीजेपी का विरोध किया है। क्योंकि इसबार के बीएमसी चुनाव से पहले दोनों पार्टियां अलग हो चुकी थी।

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