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Gautam adani meet Sharad pawar: जानिए गौतम अडानी क्यों मिले शरद पवार से, क्या है पूरा मामला

अडानी सुबह करीब 10 बजे पवार के आवास पर पहुंचे थे। ये मुलाकात लगभग दो घंटे चली। आपको बता दें कि शरद पवार ने महीने की शुरुआत में अडानी समूह का बचाव किया था।

Gautam adani meet Sharad pawar: इस मुलाकात में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की आलोचना भी की गई

देश का तापमान बढ़ने के साथ सियासी पारा भी बढ़ रहा है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उद्योगपति गौतम अडानी की मुलाकात हुई है। ये मुलाकात बंद कमरे में हुई है जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई है।

शरद पवार गौतम अडानी से मिले

खबरों के अनुसार एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बड़े उद्योगपति गौतम अडानी से दक्षिण मुंबई स्थित अपने आवास सिल्वर ओक में मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर कहा जा रहा है ये लगभग दो घंटे तक चली। अभी जब प्रमुख विपक्ष कांग्रेस गौतम अदानी पर हमलावर है ऐसे में सहयोगी शरद पवार की ये मुलाकात कई सवाल खड़े करती है।

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इस मुलाकात के कई मतलब निकाले जा रहें

आपको बता दें कि संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की विपक्षी दलों की मांग काफी दिन से हो रही है। ऐसे में इस मुलाकात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं।

क्या है हिंडनबर्ग-अडानी मुद्दा?

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने पिछले दिनों गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था। उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया।

देश और राज्य से जुड़े मामले

मीडिया सूत्रों के अनुसार इस मुलाकात में शरद पवार और गौतम अदानी ने देश और राज्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि ये भी कहा जा रहा है जब दोनों की मुलाकात हो रही थी तो उस समय सिल्वर ओक में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले मौजूद नहीं थी।

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की आलोचना

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अडानी सुबह करीब 10 बजे पवार के आवास पर पहुंचे थे। ये मुलाकात लगभग दो घंटे चली। आपको बता दें कि शरद पवार ने महीने की शुरुआत में अडानी समूह का बचाव किया था और उसके बारे में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की आलोचना की थी।

अब इस मुलाकात के बाद कई मायने निकाले जा रहे हैं। उन्होंने जेपीसी की मांग को भी गलत बताया था और हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट को बेकार बताया था। हालांकि बाद में हंगामा होने पर उन्होंने कहा विपक्षी एकता की वजह से वो इसका विरोध नहीं करेंगे।

पवार के सहयोगी दल

शरद पवार ने सहयोगी दल कांग्रेस से अलग रुख अपनाते हुए कहा था कि वह अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से समिति गठित किए जाने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा था कि संयुक्त संसदीय समिति में संख्याबल के हिसाब से सत्तारूढ़ बीजेपी का दबदबा होगा, जिसके चलते जांच को लेकर संदेह पैदा होगा। इसको विपक्षी एकता में चोट की तरह देखा गया था।

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