समिति ने मान की दोहरी बयानबाजी को स्वीकार नहीं किया
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने संसद में अंदर जाने से लेकर पूरी प्रक्रिया का वीडियो शूट कर के संसद भवन की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया था। इसके आरोप में भगवंत पर जांच के लिए गठित लोकसभा की समिति ने गुरुवार को मान को अपना लिखित जवाब देने के लिए 48 घंटों का समय दिया है।
जांच के लिए गठित लोकसभा की समिति के समक्ष पेश हुए मान ने यह कहा था कि यदि समिति को लगता है कि संसद परिसर का वीडियो बनाकर और फेसबुक पर अपलोड करके उन्होंने अगर गलती की है तो वह बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हैं।
वहीं, समिति ने भगंवत की प्रतिक्रिया पर नाराजगी जाहिर की थी और यह कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता ने अपने काम की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले से करके अपने माफीनामे को गड्ड-मड्ड कर दिया।
ख्रबरों की माने तो समिति ने इस तरह की दोहरी बयानबाजी को स्वीकार नहीं किया और मान को अपना पक्ष रखने के लिए 48 घंटों का समय दिया जाता है।
आपको बता दें, इससे पहले मान ने पांच पेज के अपने पत्र में समिति से यह कहा था कि यदि समिति को लगता है कि उन्होंने गलती की है तो वह बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हैं। साथ ही मान ने यह बात जोर देकर कही थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी समिति को समन जारी करना चाहिए, क्योंकि नरेन्द्र मोदी भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को आतंकवादी हमले के बाद पठानकोट सैन्य अड्डा दिखाने ले गए थे।