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Bjp in Meghalaya: बीजेपी ने मेघालय में तलाशी सत्ता की राह

Bjp in Meghalaya: कोनराड संगमा दूसरी बार बने सीएम, बीजेपी की भूमिका अहम

Highlights 

  • कोनराड संगमा दूसरी बार बन चुके हैं मेघालय के सीएम
  • बीजेपी अब पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में बनी सत्ता की भागीदार

Bjp in Meghalaya: आज मेघालय में मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न हुआ। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की भी मौजुदगी रही।

कोनराड संगमा ने दूसरी बार सीएम पद के लिए शपथ लिया। वहीं दूसरी तरफ प्रेस्टोन टिन सोंग और एस धर ने मेघालय के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया। थॉमस एस संगमा को विधानसभा का अध्यक्ष नामित किया गया।

60 विधानसभा वाले इस राज्य में मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी को सबसे अधिक 26 सीटें मिली थी, जबकि सहयोगी बीजेपी को मात्र दो सीटें। गौरतलब है कि मेघालय में किसी भी दल को बहुमत का आंकड़ा नहीं मिला है। विधायक दल के बैठक के बाद कोनराड संगमा आज दूसरी बार सीएम की शपथ लेने में सफल रहे। बताते चलें कि सीएम संगमा के साथ मंत्रिमंडल में जिसे शामिल किया जाना है, उन नेताओं को भी शपथ दिलाया गया।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया है कि, ” मेघालय के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए कोनराड संगमा को बधाई और आज मंत्रियों के रूप में शपथ लेने वाले सभी लोगों को बधाई! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और आपके सक्षम शासन के मार्गदर्शन में मेघालय एक बार फिर सफलता की ऊंचाइयों को छूएगा। सफल कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएँ।”

इस ट्वीट का गहन राजनीतिक अर्थ है। अगले साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं। बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के गठबंधन से नागालैण्ड और त्रिपुरा में सत्ता पर काबिज हो गई है। पर, आज मेघालय में भी सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली एनपीपी को समर्थन देकर बीजेपी ने यहां भी  सत्ता तक पहुंचने का मार्ग बना लिया है।

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आखिर बीजेपी ने भी मेघालय में अपनी राजनीतिक जमीन ढ़ूंढ़ लिया

सूत्रों के माध्यम से बताया जा रहा है कि सीएम कोनराड संगमा ने मेघालय में सरकार बनाने के लिए बीजेपी से मदद मांगा था। दिलचस्प बात है कि बीजेपी भी मदद करने में कोई कसर नही छोड़ा। दरअसल राजनीति में कोई भी फैसले दूरगामी परिणाम को देखकर लिए जाते हैं।

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। इन चुनावों में बीजेपी अपने प्रसार नीति के तहत नागालैण्ड और त्रिपुरा में सरकार बनाने में सफल रही। मेघालय की डगर इतना आसान नहीं था। वहां सबसे बड़ी पार्टी के रुप में कोनराड संगमा की एनपीपी थी जिसे कुल 26 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को मात्र 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। अब बीजेपी के लिए भी मेघालय में अपनी पैठ बनाने की चुनौती थी और संगमा को भी सरकार बनाने के लिए एक साथी दल के समर्थन की आवश्यकता।

इन दोनों दलों ने अपने राजनीतिक भविष्य को देखते हुए गठबंधन धर्म को स्वीकार किया। अगले साल 2024 में, लोकसभा चुनाव होना है। ऐसी सूरत में इन तीनों पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी का सरकार का भागीदार होना, दूरगामी परिणाम पर असर डाल सकता है।

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