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Leh Ladakh हिंसा सोनम वांगचुक गिरफ्तार, पर्यावरण और सांस्कृतिक संरक्षण की मांग

Leh Ladakh में 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शन 4 की मौत, कई घायल, NSA के तहत सोनम वांगचुक को गिरफ्तार

Leh Ladakh में हिंसा के बाद सोनम वांगचुक गिरफ्तार

Leh Ladakh: लेह-लद्दाख, जो अपनी शांत झीलों और 77% बौद्ध आबादी के लिए जाना जाता है, हाल ही में हिंसक घटनाओं के कारण सुर्खियों में है। लोगों का मानना है कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील यह प्रदेश अब पूरी दुनिया के बाजार के लिए खुल गया है, क्योंकि यहां आर्टिकल 370 और 35ए का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। इससे न केवल क्षेत्र के क्लाइमेट पर खतरा है, बल्कि सांस्कृतिक ताने-बाने पर भी हमले की आशंका बढ़ गई है। बीते दिनों के घटनाक्रम के अनुसार, 24 सितंबर, 2025 को अचानक प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। पत्थरबाजी, आगजनी और नारेबाजी से माहौल तनावपूर्ण हो गया। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने सीआरपीएफ की गाड़ी में आग लगा दी और भाजपा कार्यालय पर भी हमले की खबरें आईं। प्रशासन की जवाबी कार्रवाई के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। इसके बाद लद्दाख में कर्फ्यू लगा दिया गया।

सोनम वांगचुक को गिरफ्तार

 पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मामला दर्ज किया गया। वांगचुक पिछले कई दिनों से कुछ मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे, और 6 अक्टूबर को गृह मंत्रालय के साथ मीटिंग की उम्मीद थी।

सोनम वांगचुक की प्रमुख मांगें

वांगचुक की मुख्य मांग लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करना है, जो जनजातीय क्षेत्रों को स्वायत्तता और संरक्षण प्रदान करती है। हालांकि, सरकार का कहना है कि उनकी मांग क्षेत्र के विकास और सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

24 सितंबर, 2025 को लेह में हुई हिंसा ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। वांगचुक द्वारा भड़काए गए समूह के प्रदर्शन में चार लोगों की मौत और 70 से अधिक घायल हुए। इस घटनाक्रम के बाद वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया।

  1. लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा। 
  2. लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची (6th Schedule) के तहत स्वायत्त और जनजातीय क्षेत्र का दर्जा। 
  3. लद्दाख के लिए अलग पब्लिक सर्विस कमीशन का गठन। 
  4. लेह-कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें। 

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6th Schedule

लद्दाख के लोगों का मानना है कि 6th Schedule उनके प्रदेश के संरक्षण का एकमात्र उपाय है। आर्टिकल 370 और 35A के हटने के बाद, क्षेत्र के विकास और बाहरी प्रभाव के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस कानून के तहत ही उनका प्रदेश पर्यावरण और सांस्कृतिक दृष्टि से सुरक्षित रह सकता है।

9 भाषाओं की जानकारी

 सोनम वांगचुक ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके बचपन में उन्हें अन्य भाषाओं की जानकारी नहीं थी। इसी वजह से उन्होंने बाद में कई भाषाएँ सीखने की ठानी और परिणामस्वरूप उन्होंने 9 भाषाएँ सीख लीं, जिन्हें वे अच्छी तरह समझते और बोल सकते हैं। इसके अलावा, वांगचुक ने लद्दाख में शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पहल की, और विज्ञान और गणित जैसे विषयों को लद्दाखी भाषा में पढ़ाने की मुहिम शुरू की, ताकि स्थानीय छात्रों को उनकी मातृभाषा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

3 इडियट्स के फुंसुक वांगड़ू

सोनम वांगचुक को प्रकृति और पर्यावरण से गहरा लगाव है। उन्होंने अपने घर के निर्माण में स्थानीय मिट्टी, पत्थर और लकड़ी का उपयोग किया है और इसे इस तरह डिजाइन किया कि माइनस 30 डिग्री सेल्सियस में भी यह गर्म और आरामदायक बना रहे। उनके घर में सोलर हीटिंग सिस्टम और इंसुलेटेड मिट्टी-पत्थर की तकनीक का इस्तेमाल इसे अत्यंत ऊर्जा-कुशल बनाता है।

सोनम ने अपने घर और बगीचे को एक शिक्षा और प्रैक्टिकल डेमो सेंटर में बदल दिया है, जहाँ वे सौर ऊर्जा, जल प्रबंधन और छोटे वर्कशॉप के प्रोजेक्ट लोगों को दिखाते हैं। अगर आपने फिल्म ‘3 इडियट्स’ देखी है, तो आप जानते होंगे कि आमिर खान ने फुंसुक वांगड़ू का किरदार निभाया था। लेकिन असली रैंचो, जो इस किरदार की प्रेरणा हैं, वो भारत के लद्दाख में रहते हैं और उनका नाम सोनम वांगचुक है। उनकी जिंदगी और कार्यों ने शिक्षा, पर्यावरण और नवाचार के क्षेत्र में नई राह बनाई है।

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