Bad Boy Movie Review- पुराने कॉनसेप्ट और नई कॉमेडी के साथ देखें नमाशी चक्रवर्ती की मूवी ‘बेड बोय’
बैड बॉय एक रोमांटिक कॉमेडी है जो युवा प्रशंसकों और हल्के-फुल्के नाटक की तलाश करने वालों को पसंद आ सकती है। आपको यह फिल्म एक बार जरुर देखनी चाहिए।
Bad Boy Movie Review- मिथुन के बेटे नमाशी चक्रवर्ती ने ‘बेड बोय’ से किया बॉलिवुड में डेब्यू
Bad Boy Movie Review: बॉलीवुड के ज़्यादातर लोग अपना डेब्यू हमेशा एक रोमांटिक फिल्म से करते है और अब इस लिस्ट में एक नया नाम और जुड़ गया है। जी हॉ, हम बात कर रहे है बॉलीवुड के बड़े अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के बेटे नमाशी चक्रवर्ती की जिन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू फिल्म बेड-बोय से किया है।
फिल्म के कलाकार
आपको बता दें कि इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के बेटे नमाशी चक्रवर्ती ने अभिनेता तथा अमरीन कुरेशी ने अभिनेत्री का किरदार निभाय़ा है। इनके साथ ही साजिद कुरैशी और अंजुम कुरैशी ने रोमेंटिक कॉमेडी किरदार निभाए है। इस फिल्म को डॉय़रेक्ट करने वाले राजकुमार संतोषी है, इनके द्वारा फिल्म निर्देशन के साथ निर्देशवाली रोमांटिक कॉमेडी में जॉनी लीवर, राजपाल यादव, शाश्वत चटर्जी, दर्शन जरीवाला और राजेश शर्मा भी प्रमुख भूमिका निभाई है और वहीं बैड बॉय का संगीत उस्ताद हिमेश रेशमिया ने तैयार किया है। ‘बैड बॉय’ का निर्माण अंजुम कुरैशी और साजिद कुरैशी ने इनबॉक्स पिक्चर्स के बैनर तले किया है और यह फिल्म आज यानि 28 अप्रैल 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है।
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कहानी
एक बेकार रघु को एक टॉप रैंक की छात्रा रितुपर्णा से प्यार हो जाता है। उसके बाद अनुशासित पिता मैच का विरोध करते हैं, इसलिए रघु को अपने प्यार को जीतने के लिए अपनी योग्यता साबित करनी होगी। एक खुशमिजाज और नासमझ लुटेरा, रघु (नमाशी चक्रवर्ती) और एक अमीर, उच्च शिक्षित और सरल लड़की, रितुपर्णा (अमरीन) प्यार में पड़ जाता हैं, लेकिन उसके कठोर पिता, बनर्जी (सास्वत चटर्जी) इससे बेहद नाराज होते हैं और बोलते है अगर कबाड़ के व्यापारी का बेटा उससे शादी करना चाहता है, तो उसे ‘उच्च गुणवत्ता’ और ‘उच्च स्तर’ होना चाहिए। उसके लिए, उसे एक महीने के लिए बनर्जी के घर को चलाने की जरूरत है ताकि वह रितुपर्णा को एक आरामदायक जीवन प्रदान कर सके।
कैसी है फिल्म
फिल्म का फर्स्ट हाफ कुछ भी नया नहीं दिखाता है, लेकिन रितु को रिझाने के लिए रघु की चालाकी और कैसे वह अपने पिता की मांगों को पूरा करता है। फिल्म में एक तरफ दिखाते है कि कैसे वह एक ईमानदार जीवन जीने के लिए कड़ी मेहनत करता है जब तक कि वह इसे भाग्यशाली नहीं मानता, जो बहुत सुविधाजनक लगता है। दूसरे भाग में चीजें गति पकड़ती हैं, हास्य से भरपूर जब अनुभवी अभिनेता जॉनी लीवर एक गुंडे और रितु के मामा, पोल्टू के रूप में कदम रखते हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग है और स्क्रीन पर उनके विपरीत प्रत्येक अभिनेता के साथ हर दृश्य को ऊंचा उठाती है। इस फिल्म में कॉमेडी और रोमांस दोनो ही भरपुर मात्रा में है।
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संतोषी की फिल्म, अंदाज़ अपना अपना के लिए एक इशारा है, जब अश्विन मुशरान कहते हैं, ‘गुलाटी मैं हूं, क्योंकि मेरा नाम भी गुलाटी हैं, रघु के पिता (राजेश शर्मा) उनसे कहते हैं, ‘बेटा, तू जब जब खुश हुआ है, मैं बरबाद हुआ हूं!’
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