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दिल से निकले पोस्ट-कार्ड की तरह है ‘फोटो-पोएट्री’ : अभिषेक गुप्ता
साहित्य और कविताएँ

दिल से निकले पोस्ट-कार्ड की तरह है ‘फोटो-पोएट्री’ : अभिषेक गुप्ता

किसी एक पल को हमेशा के लिए जिंदा व याद रखने के लिए आप क्या कर सकते हैं? उस पल की तस्वीरें फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट कर देते होंगे! हम में से अधिकतर लोग कुछ ऐसा ही करते हैं, लेकिन अभिषेक गुप्ता का स्टाइल कुछ अलग है।

दिल से निकले पोस्ट-कार्ड की तरह है ‘फोट-पोएट्री’ : अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता

अभिषेक गुप्ता ने अपनी ट्रैवल जर्नी को हमेशा के लिए जिंदा व यादगार बनाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। जी हां, अभिषेक अपने उन खास लम्हों व पलों को तस्वीरों में कैद कर उसे खूबसूरत व अद्भुत तरीके से लोगों के बीच साझा करने वाले हैं! और वो तरीका है ‘फोटो-पोएट्री’ यानी तस्वीरों के माध्यम से कविता करना।

दिल से निकले पोस्ट-कार्ड की तरह है ‘फोट-पोएट्री’ : अभिषेक गुप्ता

अभिषेक का कविता करने का यह अंदाज कुछ अलग व अनोखा है। ‘फोटो-पोएट्री’ के बारे में और अधिक जानने के लिए हम पंहुच गए अभिषेक गुप्ता के पास, जहां उन्होंने इससे जुड़ी कई दिलचस्प बाते हमसे की।

आइए पेश है, अभिषेक गुप्ता से बातचीत के कुछ मुख्य अंश…

आपके लिए ‘फोटो-पोएट्री’ क्या है?
मेरे लिए ‘फोटो-पोएट्री’ मेरे दिल से निकले पोस्ट कार्ड की तरह है। यह सबसे सुंदर व उपयुक्त तरीका है किसी दृश्य का वर्णन करने का। यह एक तस्वीर को जिंदा करने जैसा है।

फोटो-पोएट्री के पीछे की अवधारणा क्या है?
जीवन का आधार ही चित्र और शब्द होते हैं। मैं काफी लम्बे समय से ट्रेवल करता आ रहा हूं, तो बस मैं फोटो-पोएट्री के द्धारा उन तस्वीरों को खींच कर यह वर्णन करने की कोशिश करता हूं कि उस समय क्या हो रहा था और मैं उस समय क्या महसूस कर रहा होता हूं। ताकि पाठक इन तस्वीरों को देखकर उस समय को महसूस कर सके और इनकी भावनाओं को शब्दों द्धारा महसूस कर सकें।

कृपया, तस्वीरों में काव्य प्रेरणास्त्रोत समझाएं?
पिछले कुछ सालों में मैं जिस-जिस जगह गया और जिन लोगों से मिला प्रेरणा भी मुझे वहां से मिली। वहीं इसी के साथ अनुभव, स्थिति और भावनाओं ने भी काफी प्रेरणा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

किसी एक तस्वीर को चुनने के पीछे का सबसे अहम कारण क्या होता है?
मुझे लगता है कि एक फोटो-पोएट्री तभी बनती है, जब आप किसी जगह, व्यक्ति या स्थिति से कनेक्ट या रिलेट कर पाते हो। यह कहीं भी हो सकता है, दिल्ली की मेरी टैरेस गार्डन से स्विट्जरलैंड में आल्प्स की साइट को महसूस करना हो सकता है।

क्या आप बता सकते हैं कि आपकी यह किताब किस उद्देश्य दर्शकों के लिए है?
यह अनिन्टेन्डिड दर्शकों के लिए है। यह किताब हर किसी के लिए है और किसी के लिए नही है। किताब में आप अपने आप को ढुंढ पाओगे और किताब आपको अपने आप को ढुंढने में भी मदद करेगी। यह कविता सभी सीजन और सभी आत्माओं की लगातार आनंददायकता के लिए है।

कृपया, भावनात्मक वर्णन बताइए, आपको तस्वीर किस तरह से महसूस होती है?
मेरे लिए यह सभी तस्वीरें खास हैं। हर एक तस्वीर मुझमें एक अलग भावना ताजा करती है।

आपको क्या सरप्राइज करती है, फोटो या इसे करने के लिए आपकी प्रतिक्रिया?
वैसे तो दोनों ही मुझे बराबर सरप्राइज करती हैं। तस्वीर मुझे सरप्राइज करती है, क्योंकि हम जानते हैं कि एक जगह और उससे जुड़ी स्थिति दोबारा लौट कर नही आएगी। यह मेरे जीवन को अमर करने के लिए विशिष्ट पल की तरह है।

चलते-चलते अपने फ्यूचर के बारे में कुछ बताते चलिए..
दूसरा एडिशन इरिडेसन्स पर काम चल रहा है। इसके अलावा मैं एक स्व-सहायता प्रेरणादायक किताब पर भी काम कर रहा हूँ।

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