Zero-Waste Festival: सजावट से लेकर भोजन तक, जानिए Zero-Waste त्योहार के उपाय
Zero-Waste Festival, भारत में त्योहारों का मतलब होता है खुशियाँ, सजावट, मिठाइयाँ, पटाखे और रंग-बिरंगी रौनक।
Zero-Waste Festival : बिना कचरे के मनाएं त्योहार, खुशियाँ बरकरार, धरती हरी-भरी
Zero-Waste Festival, भारत में त्योहारों का मतलब होता है खुशियाँ, सजावट, मिठाइयाँ, पटाखे और रंग-बिरंगी रौनक। लेकिन इन सभी उत्सवों के पीछे एक अनदेखा पहलू छिपा होता है कचरा और प्रदूषण। त्योहारों के बाद सड़कें प्लास्टिक, फूल, थर्माकोल, खाने के अवशेष और पटाखों के कचरे से भर जाती हैं। इस कारण न केवल सफाई की समस्या होती है, बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर असर पड़ता है। ऐसे में Zero-Waste Festival यानी ऐसा त्योहार जिसमें आनंद बना रहे लेकिन कचरा न हो आज की जरूरत बन गया है।
1. सजावट में अपनाएं सस्टेनेबल विकल्प
थर्माकोल और प्लास्टिक से बनी सजावट न केवल खराब दिखती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी घातक होती है। इसके स्थान पर आप कागज, कपड़ा, पुराने अखबार, प्राकृतिक फूलों, पत्तियों या मिट्टी के दीयों से घर को सजा सकते हैं। री-यूज़ेबल डेकोर को प्राथमिकता दें जिसे हर साल इस्तेमाल किया जा सके।
2. उपहारों में लाएं सोच और सादगी
त्योहारों में गिफ्ट देना एक परंपरा है, लेकिन अधिकतर गिफ्ट्स प्लास्टिक में पैक होते हैं। इसके स्थान पर हैंडमेड, लोकल और उपयोगी चीज़ें जैसे बीजों की किट, गमले, कपड़े के थैले, किताबें, बांस से बने उत्पाद आदि उपहार में दें। उपहार लपेटने के लिए अखबार या कपड़े का उपयोग करें।
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3. खाने में न हो बर्बादी
त्योहारों में खाने-पीने का बहुत महत्व होता है, लेकिन यही सबसे ज्यादा बर्बादी का कारण भी बनता है। इस साल तय करें कि केवल आवश्यकता अनुसार भोजन बनाएं और बचा हुआ खाना ज़रूरतमंदों में बांटें। साथ ही, डिस्पोज़ेबल प्लेट्स और चम्मच की जगह स्टील, कांच या पत्तल का प्रयोग करें।
4. ई-कचरे और पटाखों से बनाएं दूरी
दीवाली या अन्य त्योहारों में इलेक्ट्रॉनिक गिफ्ट्स और पटाखों का चलन बढ़ गया है, जो कि ई-कचरे और प्रदूषण को बढ़ावा देता है। अपने बच्चों को पटाखों की जगह पर्यावरण की रक्षा के बारे में बताएं और परिवार के साथ मिलकर दीये जलाएं, संगीत या खेल का आनंद लें।
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5. कम्पोस्टिंग और रिसायक्लिंग अपनाएं
फूलों, पत्तों और किचन वेस्ट को फेंकने के बजाय घर में कम्पोस्टिंग करें। साथ ही, त्योहारों में इस्तेमाल किए गए डेकोर, उपहार रैपिंग और अन्य वस्तुओं को रिसायकल करने की आदत डालें। इस आदत से न केवल कचरे में कमी आएगी, बल्कि आपके घर में प्राकृतिक खाद भी बनेगी। त्योहार मनाने का असली उद्देश्य होता है – खुशी, एकता और प्रेम का प्रसार। इसके लिए अनावश्यक खर्च या प्रदूषण करना ज़रूरी नहीं। Zero-Waste Festival मनाकर हम अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं और अगली पीढ़ी को एक बेहतर दुनिया सौंप सकते हैं। खुशियाँ वही रहेंगी, बस तरीका थोड़ा बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल होगा। अब समय है त्योहार को केवल घर में ही नहीं, बल्कि धरती के लिए भी सुखद और हरा-भरा बनाने का।
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