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World Computer Literacy Day: विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस 2025, हर हाथ में डिजिटल ज्ञान का संकल्प

World Computer Literacy Day, आज का युग डिजिटल युग कहलाता है, जहां कंप्यूटर हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय, बैंकिंग, या फिर सरकारी सेवाएं हर क्षेत्र में कंप्यूटर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

World Computer Literacy Day : कंप्यूटर साक्षरता से आत्मनिर्भरता तक, जानिए इस दिवस का महत्व

World Computer Literacy Day, आज का युग डिजिटल युग कहलाता है, जहां कंप्यूटर हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय, बैंकिंग, या फिर सरकारी सेवाएं हर क्षेत्र में कंप्यूटर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन, हर कोई इस तकनीक का सही उपयोग नहीं कर पाता। इसी असमानता को दूर करने और लोगों में डिजिटल ज्ञान का प्रसार करने के उद्देश्य से हर साल 2 दिसंबर को “विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस (World Computer Literacy Day)” मनाया जाता है।

विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस का इतिहास

विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस की शुरुआत वर्ष 2001 में हुई थी। इसे भारत की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी NIIT (National Institute of Information Technology) ने शुरू किया था। इस दिन को मनाने का प्रमुख उद्देश्य था “कंप्यूटर और डिजिटल शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देना” तथा समाज के हर वर्ग तक तकनीकी ज्ञान पहुंचाना। वर्ष 2001 में जब यह दिन पहली बार मनाया गया, तब दुनिया में कंप्यूटर की पहुंच सीमित थी और विकसित तथा विकासशील देशों के बीच डिजिटल अंतर (Digital Divide) तेजी से बढ़ रहा था। इस दिन को मनाने की पहल भारत से हुई और आज यह एक वैश्विक दिवस के रूप में स्थापित हो चुका है।

कंप्यूटर साक्षरता का अर्थ

कंप्यूटर साक्षरता का मतलब केवल कंप्यूटर चलाना जानना नहीं, बल्कि उसके माध्यम से सूचना, संचार, और डिजिटल साधनों का प्रभावी उपयोग करना है।
एक कंप्यूटर साक्षर व्यक्ति —

  • ई-मेल भेज सकता है,
  • ऑनलाइन दस्तावेज तैयार कर सकता है,
  • इंटरनेट से जानकारी प्राप्त कर सकता है,
  • डिजिटल लेनदेन कर सकता है,
  • और तकनीक का जिम्मेदारी से उपयोग कर सकता है।

कंप्यूटर साक्षरता आज की दुनिया में शिक्षा और रोजगार दोनों के लिए आवश्यक कौशल (Essential Skill) बन चुकी है।

विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस का उद्देश्य

इस दिवस को मनाने के पीछे कई अहम उद्देश्य हैं —

  1. तकनीकी शिक्षा का प्रसार करना – खासकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में जहां डिजिटल पहुंच सीमित है।
  2. महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना – ताकि वे रोजगार और शिक्षा के नए अवसरों का लाभ उठा सकें।
  3. डिजिटल डिवाइड को कम करना – विकसित और विकासशील देशों, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच तकनीकी अंतर को खत्म करना।
  4. साइबर सुरक्षा और जिम्मेदार डिजिटल उपयोग के प्रति जागरूकता फैलाना।
  5. नई पीढ़ी को नवाचार और तकनीकी खोज के लिए प्रेरित करना।

भारत में कंप्यूटर साक्षरता की स्थिति

भारत ने पिछले दो दशकों में डिजिटल क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है। “डिजिटल इंडिया मिशन”, “प्रधानमंत्री ग्रामीन डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA)”, और “नेशनल डिजिटल साक्षरता मिशन (NDLM)” जैसे कार्यक्रमों ने लाखों लोगों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया है।फिर भी, भारत के ग्रामीण इलाकों में कंप्यूटर साक्षरता का स्तर अभी भी सीमित है।
कई लोग अब भी डिजिटल साधनों का उपयोग करने में असमर्थ हैं, खासकर बुजुर्ग और अशिक्षित वर्ग।
इसलिए विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस यह याद दिलाता है कि हमें डिजिटल शिक्षा को हर घर तक पहुंचाना होगा।

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कंप्यूटर साक्षरता का महत्व

कंप्यूटर साक्षरता आधुनिक समाज के विकास की रीढ़ है। इसके कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं –

  1. शिक्षा में सुधार – ऑनलाइन शिक्षा और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म ने सीखने की प्रक्रिया को आसान और सुलभ बना दिया है।
  2. रोजगार के अवसर – कंप्यूटर स्किल होने से युवाओं को बेहतर नौकरी और स्टार्टअप अवसर मिलते हैं।
  3. डिजिटल लेनदेन और ई-गवर्नेंस – कंप्यूटर साक्षरता से लोग ऑनलाइन बैंकिंग, बिल भुगतान, और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
  4. सूचना तक आसान पहुंच – इंटरनेट के माध्यम से व्यक्ति दुनिया भर की जानकारी कुछ ही सेकंड में प्राप्त कर सकता है।
  5. महिलाओं का सशक्तिकरण – तकनीकी ज्ञान से महिलाएं घर बैठे रोजगार कमा सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस 2025 की थीम

हर वर्ष इस दिवस को एक नई थीम के साथ मनाया जाता है ताकि समाज में तकनीकी विकास के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दिया जा सके। 2025 की संभावित थीम हो सकती है – “Empowering Digital Minds: Bridging the Knowledge Gap” (डिजिटल दिमागों को सशक्त बनाना: ज्ञान की खाई को पाटना)। इस थीम का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति डिजिटल ज्ञान से वंचित न रहे और हर नागरिक तकनीक का समान रूप से उपयोग कर सके।

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कंप्यूटर साक्षरता बढ़ाने के उपाय

  1. स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को अनिवार्य बनाना।
  2. ग्रामीण इलाकों में डिजिटल ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करना।
  3. महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त कंप्यूटर कोर्स चलाना।
  4. ऑनलाइन सेफ्टी और साइबर सिक्योरिटी की जानकारी देना।
  5. सामाजिक संगठनों और कंपनियों को “डिजिटल लर्निंग ड्राइव” चलाने के लिए प्रोत्साहित करना।

विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस केवल तकनीकी ज्ञान का उत्सव नहीं है, बल्कि यह डिजिटल समानता, अवसर और सशक्तिकरण का प्रतीक है। आज की दुनिया में जो व्यक्ति कंप्यूटर साक्षर नहीं है, वह आधुनिक अवसरों से वंचित रह जाता है। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज का हर वर्ग चाहे वह ग्रामीण हो, शहरी, गरीब या अमीर डिजिटल शिक्षा से जुड़ सके। अगर हर नागरिक तकनीकी रूप से सक्षम होगा, तो भारत न केवल “डिजिटल इंडिया” बनेगा बल्कि ज्ञान आधारित विश्व नेता (Knowledge Leader Nation) के रूप में उभरेगा।

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