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World Autism Awareness Day: जाने क्यों मनाया जाता है विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस

ऑटिज्म एक तरह की न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर होता है। इस तरह के डिसऑर्डर के लिए एक व्यापक टर्म है ए.एस.डी यानि ऑटिज़्म स्प्रेक्ट्रम डिसऑर्डर| असल में आनुवंशिक या पर्यावरणीय कारक मिलकर जब दिमाग के विकास पर असर डालने लगते हैं।

World Autism Awareness Day: आइये जानते हैं विश्व ऑटिज्म दिवस का इतिहास, महत्व और थीम

Highlight

  • ऑटिज्म एक तरह की न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर होता है इस तरह के डिसऑर्डर के लिए एक व्यापक टर्म है ए.एस.डी यानि ऑटिज़्म स्प्रेक्ट्रम डिसऑर्डर।
  • इस वर्ष 16वें विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस की थीम “ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों की देखभाल, ऑटिस्टिक लोगों की देखभाल करने वालों और पेशेवर श्रमिकों पर ध्यान देना और उनका समर्थन करना” है।

World Autism Awareness Day: 2 अप्रैल 2023 को 16वां विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाएगा। दिसंबर 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके अनुसार, साल 2008 से, प्रत्येक वर्ष के 2 अप्रैल को “विश्व ऑटिज्म देखभाल यह मानकर करनी चाहिए कि आटिज्म से पीडि़त बच्चा भी सामान्य जीवन जी सकता है।

आपको बताव दे ऑटिज्म एक तरह की न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर होता है| इस तरह के डिसऑर्डर के लिए एक व्यापक टर्म है ए.एस.डी यानि ऑटिज़्म स्प्रेक्ट्रम डिसऑर्डर। असल में आनुवंशिक या पर्यावरणीय कारक मिलकर जब दिमाग के विकास पर असर डालने लगते हैं, तो इसे न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर कहते हैं। अक्सर इस तरह की बीमारी का बचपन में ही पता चल जाता है। लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में इसका पता नहीं चल पाता| इन न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर में कई तरह की बीमारियाँ या डिसऑर्डर आते हैं, जिनमें से एक है ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर।

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे दिखने में आम लोगों की तरह दिखते हैं। लेकिन उनके माता-पिता के लिए, उन्हें ऐसा लगता है कि वे अपनी ही दुनिया में रहते हैं। हाथ के करीब लेकिन पहुंच से बाहर होते हैं। इसलिए, ऑटिस्टिक रोगियों को “तारे के बच्चे” भी कहा जाता है।

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आपको बताए इस वर्ष 16वें विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस की थीम “ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों की देखभाल, ऑटिस्टिक लोगों की देखभाल करने वालों और पेशेवर श्रमिकों पर ध्यान देना और उनका समर्थन करना” है। इसका मतलब है कि ऑटिस्टिक बच्चों की देखभाल करते समय, हमें उन लोगों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो ऑटिज्म पीड़ितों की देखभाल करते हैं, विशेष रूप से माता-पिता, विशेष शिक्षक और विभिन्न पुनर्वास चिकित्सक। उन पर ध्यान देना और उनका समर्थन करना ऑटिस्टिक लोगों की देखभाल करना ही है।

ऑटिज्म का सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह आनुवंशिक या पर्यावरणीय कारकों से जुड़ा हो सकता है। ऑटिज़्म स्प्रेक्ट्रम डिसऑर्डर के लिए कोई इलाज नहीं है। लेकिन भाषा चिकित्सा, व्यावसायिक चिकित्सा, शैक्षिक सहायता और कई अन्य हस्तक्षेप, ऑटिज़्म पीड़ित बच्चों और उनके माता-पिता की मदद कर सकते हैं।

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