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जानें क्यों विवाहिता पहनती है बिछिया
जानें क्यों विवाहिता पहनती है बिछिया
जानें क्यों विवाहिता पहनती है बिछिया:- शादी होने के बाद एक लड़की की जिदंगी में कई बदलाव आ जाते है। घर की जिम्मेदारियों से लेकर रोज के सजा सौदंर्य में। कुंवारी लड़कियों के लिए बहुत सारी चीजें जरुरी नहीं होती है। लेकिन शादी के बाद कई ऐसे चीजें होती है जिसे पहनना बहुत जरुरी नहीं होता है। इनमें से ऐसी कई चीजें है जो शुभ मानीं जाती है। सिंदूर, बिछिया, चूड़ी, मंगलसूत्र और कई ऐसी चीजें है जिन्हें पहनाना बहुत जरुरी है।
तो चलिए आज आपको बताते क्यों शादी के बाद महिलाएं बिछिया पहनती हैं।
- ध्यान से देखा जाए तो बिछिया हमेशा दाहिने और बाएं पैर की दूसरी अंगुली में ही पहनी जाती है। यह गर्माशय को नियंत्रित करती है साथ ही ब्लड प्रेशर को संतुलित रखती है।
- महिलाओं की प्रजनन क्षमता को भी बढ़ाता है बिछिया।
- आयुर्वेद में बिछिया के इस महत्व को समझा गया है और यही वजह है कि हमारी संस्कित में विवाहित महिलाओं के लिए पहने का विधान है। आर्युवेद मे इस मर्म चिकित्सा के अंतर्गत बताया गया है। आर्युवेद की मर्म चिकित्सा में महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए बिछिया के महत्व को माना गया है। साइटिक नर्व की एक नस को बिछिया दबाती है जिस वजह से आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज होता है और यूटेरस, ब्लैडर व आंतों तक रक्त प्रवाह ठीक होता है।
- बिछिया एक्यूप्रेशर का भी काम करती है जिससे तलवे से लेकर नाभि तक की सभी नाड़िया और पेशियां व्यवस्थित होती है।
- चांदी एक अच्छी सुचालक है इसलिए यह पृथ्वी की ध्रुवीय उर्जा को ठीक करके शरीर तक पहुंचाती है जिससे पूरा शरीर तरोजताजा हो जाता है।
- आजकल फैशन के तौर पर दो या तीन अंगुलियों में भी बिछिया पहनते हैं। दोनों पैरों की तरफ और तीसरी उंगली में बिछिया पहनने से सिएटिक नस का दवाब बढ़ता है और इस वजह से आसपास की नसें जो यूटेरस व प्रजनन तंत्र से जुड़ी है इनमें रक्त प्रवाह ठीक रहता है और यूटेरस का संतुलन बना रहता है।
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