क्यों माँ के बिना ज़िन्दगी होती हैं मुश्किल
माँ के बिना ज़िन्दगी मुश्किल
माँ के बिना ज़िन्दगी के बारे में सोचने से भी डर लगता है। माँ हमारी हर ज़रूरत को समझती है। उनको पता होता है की हमारी व्यस्त दिनचर्या में भी कैसे हमें हमारी ज़रूरते पूरी करनी है। माँ के बिना ज़िन्दगी सोचना भी मुश्किल है। माँ हमे हर चीज़ के लिए सपोर्ट करती है। मुश्किल के समय में हमे सही फैसले लेने के लिए प्रेरित करती है। पर जब हम स्वतंत्र जीवन जीते है तब हमें एहसास होता है कि के हमारी माँ ने हमारे लिए कितने कष्ट उठाए हमें। हमे अपने पैरों पर खड़े होना तो सिखाया पर उनकी ऊँगली छोड़े बिना कैसे चले वो तो हम कभी सीख ही नहीं पाए। चले तो जा रहे है पर वो ख़ुशी और वो पूर्णता कही गायब सी हो गई है।
आखिर क्यों माँ के बिना ज़िन्दगी मुश्किल हो जाती है?
- खाना
माँ को हमारी पसंद और नापसंद का ज्ञान सबसे बेहतार होता है। जब वो होती है तब खाने का ध्यान वही रखती है। और हमे उस बात की चिंता बिलकुल नहीं लेनी पड़ती। फ्रिज में अच्छा खाना होता है और नाश्ते से लेकर डिनर तक हमे उसकी बिलकुल टेंशन नहीं लेनी पड़ती।
- कपड़े
हमारी माँ हमारे कपडे जितने संभाल के रखती थी हम उतने ही बिखेर के रखते है। माँ के होते हुए हमारी अलमारी और हमारे कपड़े एकदम आयोजित रहती है पर जब माँ नहीं होती तब हमे किसी चीज़ की होश ही नहीं होता।
- बीमारी
बीमारी में माँ हमारा सबसे अच्छे से ध्यान रखती है। जब वो नहीं होती तो हम बस इसी उम्मीद में रहते है कि किसी तरह ठीक हो जाए। दवाइयों के सहारे बस चलते रहते है। माँ होती है तो वो हमारा पूरा ध्यान रखती है।
- परेशानी
परेशानी छोटी हो या बड़ी माँ हमेशा हमारी मदद करती है। हमें सही बात समझाती है और हमारी हर बात सुनती है। माँ हमे सही राय भी देती है। हम सभी परेशानियां किसी और के साथ बाँटे या ना बाँटे माँ के साथ हर बात बाँट सकते है।
माँ के सहारे के बिना हमारे लिए चलना उतना ही मुश्किल है जितना बिना पानी के आग बुझाना। चल तो सकते है पर वो आत्मशक्ति नहीं मिल पाती।