Vinod Khanna Birthday: जानिए विनोद खन्ना के जीवन से जुड़े खास किस्सें, क्यों करियर के पीक पर बने थे सन्यासी?
अपने जमाने के बेहद हैंडसम एक्टर रहे विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पेशावर में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके पिता एक बिजनेसमैन थे। बंटवारे के बाद उनका परिवार मुंबई आकर बस गया। विनोद खन्ना सिनेमा के ऐसे कलाकार रहे जिन्होंने फिल्मों में हीरो के अलावा विलेन का रोल करके भी काफी सुर्खियां बटोरीं। गुड लुकिंग विनोद खन्ना फिल्मों में अपने किरदार के साथ नए-नए प्रयोग करते रहते थे।
Vinod Khanna Birthday: विलेन के रूप में हुई थी पहली फिल्म में एंट्री, 1997 में रखा था राजनीति में कदम
Vinod Khanna Birthday: स्कूल के समय विनोद खन्ना बेहद शर्मीले स्वभाव के थे। एक बार उनके टीजर ने उनसे जबरदस्ती नाटक करवाया। स्कूल के प्ले ने उनकी सोच बदल दी। उन्हें अभिनय आकर्षित करने लगा। ग्रेजुएशन पूरी करने पर उन्होंने एक्टिंग करने का फैसला किया। हांलाकि उन्हें अपने पिता को विरोध झेलना पड़ा। साल 1968 में आखिरकार सुनील दत्त ने उन्हें अपनी फिल्म ‘मन का मीत में विलेन के रूप में मौका दिया था। इसके बाद हीरो के रूप में स्थापित होने के पहले तक विनोद खन्ना ने आन मिलो सजना, पूरब और पश्चिम, सच्चा झूठा जैसी फिल्मों में सहायक या खलनायक के रूप में काम किया था।
कई बेहतरीन फिल्मों में किया काम
बात की जाए उनके फिल्म करियर की तो उन्होंने फिल्म मन के मीत से एक्टिंग शुरू की थी। इस फिल्म में उन्हें विलेन का रोल मिला था। इस फिल्म में सोम दत्त बतौर लीड रोल में नजर आए थे। वहीं, उन्होंने कई फिल्मों में सपोर्टिंग रोल अदा किए थे। जैसे कि पूरब और पश्चिम, सच्चा झूठा. आन मिलो सजना, मस्ताना और मेरा गांव मेरा देश फिल्म में वे एक डाकू के रोल में दिखाई दिए थे। इन फिल्मों में सपोर्टिंग रोल से विनोद ने इंडस्ट्री में अच्छी पहचान हासिल की और उसके बाद उन्होंने फिल्म हम तुम और वो से एक लीड एक्टर या यूं कहे बतौर हीरो पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में हीरो का रोल अदा किया था।
विनोद खन्ना ने की दो शादियां
1971 में विनोद खन्ना ने गीतांजलि से शादी कर ली, इनके दो बच्चे अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना हुए। अक्षय खन्ना बतौर एक्टर इंडस्ट्री में कदम रखा। वहीं राहुल खन्ना वीजे के रूप में पहचान बनाई। हालांकि एक्टिंग में उन्होंने भी अपना हुनर दिखाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसके बाद विनोद खन्ना का दिल 16 साल छोटी कविता के लिए धड़का, उन्होंने उनसे भी शादी कर ली। इस शादी से उनकी एक बेटी श्रद्धा खन्ना और एक बेटा हुआ। कहा जाता है कि आखिरी वक्त में इनके साथ कविता ही रहीं।
करियर के पीक पर बने थे सन्यासी
विनोद खन्ना जिस दौरान अपने करियर के पीक पर थे, उन्होंने उस दौरान फिल्म इंडस्ट्री से ब्रेक ले लिया था। जब एक्टर फिल्मी दुनिया में सुपरहिट मूवी देकर अपना नाम कमा रहे थे तो उन्होंने इंडस्ट्री से साल 1982 में दूरी बना ली थी। दरअसल, इस बीच एक्टर गुरु ओशो रजनीश के शरण में चले गए थे और उन्होंने यूएसए जाकर आश्रम ज्वाइन कर लिया था। इससे पहले भी वे अपने 70 के दशक में कभी कभी पुणे में ओशो के आश्रम जाया करते थे। आश्रम ज्वाइन करने के बाद विनोद वहां पर सन्यासी बन गए थे और वहां उन्होंने एक माली के तौर पर काम किया था। इसके साथ ही उन्होंने टॉयलेट साफ करने से लेकर वहां कई और अन्य काम भी किए थे। हालांकि साल 1986 में यूएस सरकार के द्वारा आश्रम बंद करवा दिया गया था, जिसके बाद विनोद वापस मुंबई आ गए थे। वापस से मुंबई आकर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री ज्वाइन की। हालांकि उसके बाद वह अपने अंतिम दिनों तक भी वे ओशो के आश्रम जाया करते थे।
1997 में रखा था राजनीति में कदम
फिल्म इंडस्ट्री ज्वाइन करने के बाद एक्टर ने कई फिल्में की और इसके बाद उन्होंने साल 1997 में राजनीति ज्वाइन की थी। विनोद ने साल 2014 तक राजनीति में अपना योगदान दिया था। साल 2017 में लंबे वक्त तक बीमार रहने के कारण 27 अप्रैल को विनोद खन्ना ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com