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vegetarian and non vegetarian in india नॉन वेज खाने में अकेली महिलाएं अव्वल, धर्म के आधार पर ईसाई आगे
लाइफस्टाइल

नॉन वेज खाने में अकेली महिलाएं अव्वल, धर्म के आधार पर ईसाई आगे: vegetarian and non vegetarian in india

भारत में नॉन वेज खाने वाले पुरूषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। सर्वे के मुताबिक दस में से करीब 3 महिलाएं ही ऐसी हैं जो अंडे (29.3%), चिकन, मछली या मीट (29.9%) नहीं खाती हैं।

vegetarian and non vegetarian in india: सबसे ज्यादा नॉन वेजिटेरियन केरल में, तो वहीं पंजाब में सबसे कम


vegetarian and non vegetarian in india: केंद्र सरकार आने वाले कुछ साल तक गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को शाकाहारी दिवस के रूप में मनाना चाहती थी। इसके लिए उसने एक प्रस्ताव तैयार करते हुए दो अक्टूबर 2018, 2019 और 2020 को गांधी जयंती के दिन ट्रेनों में केवल शाकाहारी खाना परोसने का प्लान बनाया था। हालांकि विवाद के बाद रेलवे ने फिलहाल इस प्रस्ताव को रोक दिया। सरकार भले ही कई कारणों से देश में शाकाहार को प्रमोट कर रही हो, लेकिन आंकड़े कुछ और कहते हैं। नेशनल हेल्थ डाटा के एक सर्वे के मुताबिक भारत के करीब 75 प्रतिशत लोग महीने में कभी ना कभी नॉन वेज आइटम्स खाते हैं।

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– नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 के मुताबिक भारत के 80 प्रतिशत पुरूष और 70 प्रतिशत महिलाएं अपनी डाइट में कभी-कभी       अंडा, मछली, चिकन और मीट जैसे आइटम को शामिल करते हैं।

– सर्वे के मुताबिक ये आइटम्स नॉन वेज खाने वाले लोग भी रुटीन लाइफ में दूध-दही, दाल, हरी और पत्तेदार सब्जियां ही खाते हैं।             लेकिन महीने में कई बार नॉन वेज भी खाते हैं।

– नेशनल फैमिली हेल्थ के 2015-16 में किए सर्वे के मुताबिक ओवरऑल 42.8 पर्सेंट भारतीय महिलाएं और 48.9 प्रतिशत पुरूष हफ्ते     में एकबार जरूर मछली, चिकन और मीट खाना पसंद करते हैं।

– इसी सर्वे के मुताबिक भारतीयों में कुपोषण और मोटापा भी एक समस्या बना हुआ है। भारत की 53.7 प्रतिशत महिलाएं और 22.7        प्रतिशत पुरूष एनिमिया से पीड़ित हैं। वहीं 22.9 प्रतिशत महिलाएं और 20.2 प्रतिशत पुरूष दुबलेपन के शिकार हैं। 20.7 प्रतिशत         महिलाएं और 18.9 पुरूष ओवरवेट या मोटापे से जूझ रहे हैं।

– नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन हैदराबाद के मुताबिक ‘जानवरों से मिलने वाला प्रोटीन हाई क्वालिटी का होता है, क्योंकि उससे            जरूरी मात्रा में एमिनो एसिड प्राप्त होता है, वहीं हरी और पत्तेदार सब्जियों में एमिनो एसिड कम होने की वजह से उससे मिलने वाले      प्रोटीन उसी क्वालिटी का नहीं होता।

– नवंबर 2017 में सामने आई रिसर्च के मुताबिक भारत में वायु प्रदूषण और कुपोषण के बाद खाने में जरूरी मात्रा में न्यूट्रीशन्स नहीं         होने की वजह से मौत और अपंगता की रिस्क बढ़ गई है।

नॉन वेज खाने में अकेली महिलाएं आगे

– भारत में नॉन वेज खाने वाले पुरूषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। सर्वे के मुताबिक दस में से करीब 3 महिलाएं ही ऐसी हैं जो अंडे (29.3%), चिकन, मछली या मीट (29.9%) नहीं खाती हैं। जबकि दस में से केवल दो पुरूष (29.9%) ही ऐसे हैं, जो अंडे और चिकन, फिश और मीट (21.6%) नहीं खाते हैं।

– 15 से 45 साल की एज ग्रुप की महिलाओं के बीच, 45 प्रतिशत महिलाएं ही खानपान में दूध-दही, 44.8 प्रतिशत दाल और 47.2 प्रतिशत हरी और पत्तेदार सब्जियों का रोजाना इस्तेमाल करती हैं। जबकि 37.4 प्रतिशत महिलाएं हफ्ते में कम से कम एक बार मछली, चिकन और मीट का इस्तेमाल करती हैं। इनमें से तकरीबन 51.8 प्रतिशत महिलाएं ही फलों का सेवन करती हैं।

– 15 से 45 साल की एज ग्रुप के पुरूषों में 46.2% दूध और दही, 46.5% पुरूष दाल, वहीं 46.6% लोगों की डाइट में हरी और पत्तेदार सब्जियां शामिल रहती हैं। जबकि इनके मुकाबले 44.75 पुरूषों की डाइट में अंडा, 43.3% लोगों की डाइट में मछली, चिकन और मीट शामिल (साप्ताहिक तौर पर) रहता है। इनमें से करीब आधे यानी 51.8% पुरूष ही कभी-कभी फ्रूट्स खाते हैं।

– एज ग्रुप के हिसाब से देखा जाए तो 19 साल से ऊपर की उम्र के लोग हफ्ते में कभी ना कभी अंडे और अन्य कोई नॉन वेज आइटम खाना जरूर पसंद करते हैं।

– शादीशुदा पुरूषों के मुकाबले कुंवारे पुरूष (50.5% अंडे और 49.2% नॉन वेज) अंडे और मांस ज्यादा खाते हैं। ग्रामीण इलाकों (47.1% अंडे और 46.5% नॉन वेज) में रहने वाले पुरुषों के मुकाबले शहरी पुरूष (53.8% अंडे, 52.8% नॉन वेज) मांसाहार ज्यादा पसंद करते हैं।

– शादीशुदा या कुंवारी महिलाओं के मुकाबले विधवा, तलाकशुदा या पति से अलग हो चुकी महिलाएं (41.5% अंडे और 47.4% मछली, चिकन और मीट) नॉनवेज खाना ज्यादा पसंद करती हैं।

धर्म के आधार पर ईसाई सबसे आगे

– इस सर्वे के मुताबिक देश में क्रिश्चियन धर्म को मानने वाले लोग सबसे ज्यादा अंडा और मांस खाते हैं। इनमें पुरूष (71.5% अंडा और 75.6% मीट) और महिलाएं (64.7% अंडा और 74.2% मीट) दोनों ही आगे हैं।

– नॉन वेज खाने में दूसरे नंबर पर मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग हैं। जिनमें पुरूष (66.5% अंडा और 73.1% मीट) और महिलाओं (59.7 अंडा और 67.3 मीट) दोनों ही आगे हैं।

– वो लोग जिनका कहना है कि उन्हें अपनी जाति का नहीं पता, नॉन वेज खाने वाले ऐसे लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा है। 49.2% अंडा और 51.6% मांस खाने वाले ऐसे लोग हैं।

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सबसे ज्यादा नॉन वेजिटेरियन केरल में तो सबसे कम पंजाब में

– नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के इस डाटा के मुताबिक केरल (92.8%), गोवा (85.7%) और असम (80.4%) में वीकली तौर पर सबसे ज्यादा मछली, चिकन या मीट खाने वाली महिलाएं हैं। वहीं पंजाब (4%), राजस्थान (6%) और हरियाणा (7.8%) में सबसे कम हैं।

– नॉन वेज खाने के मामले में त्रिपुरा (94.8%), केरल (90.1%) और गोवा (88%) के सबसे पुरूष आगे हैं। साप्ताहिक तौर पर इन स्टेट्स में नॉन वेज की खपत ज्यादा है। वहीं पंजाब (10%), राजस्थान (10.2%) और हरियाणा (13%) के पुरूष सबसे कम नॉन वेज खाना पसंद करते हैं।

– वीकली बेसिस पर नॉर्थ-ईस्ट और साउथ इंडिया में मीट की डिमांड सबसे ज्यादा है। जबकि उत्तर भारत में दोनों जेंडर्स के बीच ये सबसे कम है।

– अमीर घरों से ताल्लुक रखने वाले केवल 20% भारतीय लोग ही ऐसे हैं जो नॉन वेज खाते हैं।

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