महिलाएं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए उद्योग का सृजन किया जाएगा- आइशी घोष
लड़कियां शिक्षित होंगी तभी अपने अधिकार को जान पाएंगे
पिछले साल 05-जनवरी को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली में हुई दो गुटों के बीच झड़प के बाद एक नाम राष्ट्रीय स्तर पर सामने आया, वह नाम है जेएनयू की छात्रसंघ अध्यक्ष आईसी घोष। पश्चिम बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में घोष संयुक्त मोर्च की तरफ से जामुड़िया में माकपा की प्रत्याशी हैं। जामुड़िया में वह चुनाव प्रचार करते हुए डोर-टू-डोर मिल रही हैं। आइशी हमेशा से ही अपने वक्तव्य में महिलाओं के उत्थान की बात करती आई है। इस वक़्त भी वो अपने चुनावी क्षेत्र में महिलाओं से मिलकर उनकी परेशानियों के बारे में बात करती है। आज उनसे उनके चुनावी दौरे के बारे में बात करेंगे।
1. आप जेएनयू की पहली महिला छात्र संघ अध्यक्षा हैं जिसे अध्यक्ष रहते हुए एमएलए का टिकट मिला है। इसके लिए आप कितनी तैयार हैं?
उत्तर- तैयारी तो पूरी है। हमारे हजारों कैडर हर दिन ग्रांउड पर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। वह रोज लोगों से मिल रहे हैं। उनकी परेशानियों को सुन रहे हैं। मैं इस लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार हूं। हाँ, अंतर बस इतना है इससे पहले मैंने विश्वविद्यालय में लड़ाई लड़ी है। यहां क्षेत्र थोड़ा बड़ा है। वहां हम स्टूडेंट्स के अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे हैं। यहां जनता को उसका हक दिलाने की लड़ाई लड़ने का बीड़ा उठाया है।
2. जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र में आप लगातार महिलाओं से मिल रही है। ऐसे में महिलाएं आपसे कौन- कौन से परेशानियों का जिक्र करती हैं।
उत्तर- इस क्षेत्र में मैं रोज लोगों से मिल रही हूँ। ज्यादातर महिलाएं शारदा चिटफंड का जिक्र करती हैं। कई महिलाएं तो ऐसी हैं जो डॉक्यूमेंटस दिखाती वक़्त रोने लगती है। ये बस देखकर बहुत दुःख लगता है। इनमें ज्यादातर महिलाएं मजदूरी करने वाली है। ऐसी गरीब महिलाओं के पैसे लूट लिए गए हैं। आप वक़्त आ गया है कि इन महिलाओं का अधिकार उन्हें दिलाया जाएं।
3. लड़कियों की शिक्षा के बारे में आपका क्या कहना है।
उत्तर- देखिए, लड़कियों का शिक्षीत होना बहुत जरूरी है। मैं पढ़ी हूं इसलिए आज अपने हक की बात कर सकती है। मैं गांव में जब जाती हूँ तो कई लड़कियां मुझे ऐसी मिलती हैं जो पैसों के अभाव के कारण पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं। अगर मैं यहां से जीतती हूं तो सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में काम करूंगी ताकि महिलाएं अपने अधिकार को जान सकें।
4. जेएनयू छात्रसंघ चुनाव डिबेट में आप महिलाओं के हक दिलाने की बात कर रही थीं। चुनाव जीतने के बाद महिलाओं को आर्थिक मजबूती देने के लिए क्या आप किसी उद्योग का सृजन करेंगी। जो सिर्फ महिलाओं के लिए हो?
उत्तर- हां जरुर, महिलाओं का आर्थिक रुप से मजबूत होना बहुत जरुरी है। मैंने खुद यहां देखा है कि महिलाएं लोगों के घरों में या फिर कोयला खदान में काम करती हैं। गांव में बहुत सारी लड़कियां ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट हैं लेकिन यहां उद्योग न होने के कारण उन्हें पैसों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए हमारा संकल्प है कि कुछ ऐसे उद्योग-धंधों का सृजन किया जाएगा जो महिलाओं की आर्थिक स्थिति को अच्छा करे।
5. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कन्याश्री योजना चलाई, बच्चों को साईकल दिया गया। लेकिन आपको नहीं लगता कक्षा आठ तक सभी बच्चों को पास कर देना उनके भविष्य को खराब कर रहा है? अगर आप यहां से जीत कर विधानसभा जाती है तो क्या इस मुद्दे को वहां उठाएंगी?
उत्तर- हां इसी प्रणाली ने बच्चों के बेस को कमजोर कर दिया है। जबकि माकपा सरकार के दौरान पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाता था। पास-फेल की पद्धति द्वारा बच्चों की क्षमताओं को आका जा सकता है। बाकी शिक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो पूरे बंगाल में ही शिक्षा के स्तर में बहुत कमी आई है। सरकारी स्कूल की स्थिति देखी जाए तो एक क्लास में लगभग सौ बच्चे पढ़ रहे हैं। जहां एक ही टीचर बच्चों को सभी विषय पढ़ा रही है। गांव में कई सारे सरकारी स्कूल बंद हैं। ऐसे में अब जरुरी हो गया है कि इन सारे मुद्दों को उठाया जाए। ताकि बंगाल में शिक्षा का स्तर पहले की तरह हो जाए।
6. जामुड़िया से बाकी पार्टी के उम्मीदवार उम्र के हिसाब से आपसे ज्यादा अनुभवी हैं। आपके लिए यह लड़ाई आपके लिए कितनी कठिन है?
उत्तर- देखिए उम्र सिर्फ एक नंबर है। इसलिए यहां सीनियर, जूनियर की कोई बात नहीं हैं। वो अपना काम कर रहे हैं। मैं अपना काम कर रही हूँ। बाकी जनता सब जानती है। 26 अप्रैल को जनता माकपा को एक बार फिर विजयी बनाने जा रही है। धन्यवाद।
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