Pet Therapy: पेट थैरेपी, जानवर कैसे बनाते हैं मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर?
Pet Therapy, आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में तनाव, अवसाद और चिंता जैसी समस्याएँ आम होती जा रही हैं। ऐसे में लोग अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई तरह की थेरेपी अपनाते हैं।
Pet Therapy : पेट्स से जुड़ाव, मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य का रहस्य
Pet Therapy, आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में तनाव, अवसाद और चिंता जैसी समस्याएँ आम होती जा रही हैं। ऐसे में लोग अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई तरह की थेरेपी अपनाते हैं। इन्हीं में से एक बेहद प्रभावी तरीका है पेट थैरेपी (Pet Therapy)। यह थेरेपी इंसान और जानवरों के बीच गहरे संबंध और भावनात्मक जुड़ाव पर आधारित है। शोध बताते हैं कि पालतू जानवर इंसानों के मानसिक संतुलन को मजबूत बनाने के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे पेट थैरेपी हमारी ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
पेट थैरेपी क्या है?
पेट थैरेपी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें कुत्ते, बिल्ली, खरगोश, घोड़े और पक्षियों जैसे पालतू जानवरों के साथ समय बिताने से लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जाता है। यह केवल भावनात्मक सहारा ही नहीं देती बल्कि शारीरिक बीमारियों से उबरने में भी मदद करती है। कई अस्पतालों, नर्सिंग होम्स और पुनर्वास केंद्रों में आजकल पेट थैरेपी का उपयोग मरीजों के उपचार के दौरान किया जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर पेट थैरेपी का असर
- तनाव और चिंता में कमी – पालतू जानवरों के साथ खेलने या उन्हें प्यार करने से शरीर में ऑक्सीटोसिन और सेरोटोनिन जैसे हैप्पी हार्मोन निकलते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करते हैं।
- अवसाद से बाहर निकलने में मदद – पालतू जानवर व्यक्ति को अकेलापन महसूस नहीं होने देते। उनकी मासूम हरकतें और साथ अवसादग्रस्त व्यक्ति को मानसिक सहारा प्रदान करती हैं।
- आत्मविश्वास और सामाजिक जुड़ाव – पेट्स के साथ जुड़ाव व्यक्ति को दूसरों से बातचीत और मेलजोल बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और सामाजिक जीवन बेहतर होता है।
शारीरिक स्वास्थ्य पर पेट थैरेपी के फायदे
- ब्लड प्रेशर और हार्ट हेल्थ – शोध बताते हैं कि पालतू जानवरों के साथ समय बिताने वाले लोगों का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना – पेट्स के साथ रहने से शरीर का इम्यून सिस्टम सक्रिय होता है, जिससे कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- शारीरिक सक्रियता – खासतौर पर कुत्तों को घुमाने ले जाना या उनके साथ खेलना व्यक्ति को रोज़ाना शारीरिक गतिविधि करने के लिए प्रेरित करता है। इससे फिटनेस और स्टैमिना बेहतर होता है।
बच्चों के लिए पेट थैरेपी के फायदे
बच्चों के लिए पालतू जानवरों का साथ बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह उन्हें जिम्मेदारी सिखाते हैं और सहानुभूति का भाव विकसित करते हैं। ऑटिज्म या विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए पेट थैरेपी खासतौर पर प्रभावी मानी जाती है क्योंकि यह उन्हें भावनाओं को समझने और व्यक्त करने में मदद करती है।
बुजुर्गों के लिए पेट थैरेपी का महत्व
बुजुर्ग अक्सर अकेलेपन और डिप्रेशन से जूझते हैं। ऐसे में पालतू जानवर उनका सहारा बनते हैं। शोध बताते हैं कि जिन वरिष्ठ नागरिकों के पास पेट्स होते हैं, वे मानसिक रूप से ज्यादा स्वस्थ और खुश रहते हैं। पालतू जानवर उनके लिए साथी की तरह होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।
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अस्पताल और थैरेपी सेंटर में उपयोग
आज कई अस्पतालों और रिहैबिलिटेशन सेंटर्स में मरीजों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए पेट थैरेपी का उपयोग किया जा रहा है। कैंसर, डिप्रेशन या किसी बड़े ऑपरेशन के बाद मरीजों की रिकवरी प्रक्रिया में पालतू जानवरों की मौजूदगी तेजी लाती है।
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वैज्ञानिक दृष्टिकोण
कई वैज्ञानिक शोध यह साबित कर चुके हैं कि पेट्स के साथ समय बिताने से हृदय गति स्थिर होती है, कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर कम होता है और मानसिक शांति मिलती है। यही कारण है कि अब पेट थैरेपी को पूरक चिकित्सा (Complementary Therapy) के रूप में मान्यता दी जा रही है। पेट थैरेपी केवल एक ट्रेंड नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक और प्राकृतिक तरीका है जो इंसान के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित बनाए रखता है। चाहे बच्चे हों, युवा हों या बुजुर्ग – हर कोई पालतू जानवरों से जुड़कर अपनी जिंदगी को और खुशहाल बना सकता है। सही मायनों में कहा जाए तो पालतू जानवर केवल हमारे साथी नहीं बल्कि हमारे हीलर (Healer) भी हैं।
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