Parenting Tips : बच्चों को तेजी से लगती हैं ये 5 बुरी आदतें, पेरेंट्स ऐसे करें बचाव
Parenting Tips, बच्चों का बचपन ही वो समय होता है जब उनकी मानसिक और शारीरिक विकास की नींव रखी जाती है। इस समय बच्चों के दिमाग में जो भी चीजें जाती हैं, वे उनका व्यवहार और आदतें बनने में अहम भूमिका निभाती हैं।
Parenting Tips : पेरेंट्स सावधान! इन 5 बुरी आदतों से बचाएं अपने बच्चों को
Parenting Tips, बच्चों का बचपन ही वो समय होता है जब उनकी मानसिक और शारीरिक विकास की नींव रखी जाती है। इस समय बच्चों के दिमाग में जो भी चीजें जाती हैं, वे उनका व्यवहार और आदतें बनने में अहम भूमिका निभाती हैं। बच्चे अपने आसपास के माहौल, घरवालों और दोस्तों से तेजी से चीजें सीखते हैं। कुछ अच्छी आदतों के साथ-साथ वे कई बार कुछ बुरी आदतें भी अपना लेते हैं, जो उनके व्यक्तित्व और भविष्य के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। इन आदतों पर पेरेंट्स को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है ताकि बच्चे सही दिशा में विकसित हो सकें।
1. झूठ बोलना
बच्चे कई बार डर, शर्म या सजा के डर से झूठ बोलने लगते हैं। झूठ बोलना एक ऐसी आदत है जो अगर बचपन में ही रोकी न जाए तो बड़े होकर बच्चों के जीवन का हिस्सा बन सकती है। बच्चे झूठ बोलने की आदत को कई बार अपने आस-पास के लोगों से सीखते हैं, या जब वे देखते हैं कि कोई भी बात सच बोलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
-बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें और उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि सच्चाई बोलने पर उन्हें दंडित नहीं किया जाएगा।
-सच्चाई के महत्व के बारे में कहानियों और उदाहरणों के माध्यम से समझाएं।
-खुद भी हमेशा बच्चों के सामने सच्चाई का पालन करें ताकि वे आपसे सीख सकें।
2. गुस्सा और आक्रामकता
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, बच्चों के भीतर गुस्सा और आक्रामकता तेजी से पनप रही है। कई बार बच्चे छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा करने लगते हैं और ये आदत उनके पूरे व्यक्तित्व को प्रभावित करती है। गुस्से में बच्चों का व्यवहार आक्रामक हो सकता है, और वे चीजें तोड़ सकते हैं या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
-बच्चों को शांत रहना और भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त करना सिखाएं।
-गुस्सा आने पर गहरी सांस लेने, पानी पीने या थोड़ी देर शांत बैठने की तकनीक सिखाएं।
-अपने व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करें, यानी खुद को भी गुस्से पर काबू रखना सिखाएं।
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3. स्क्रीन टाइम की लत
आजकल बच्चों में स्क्रीन टाइम का अत्यधिक प्रयोग एक बड़ी समस्या बन चुका है। मोबाइल फोन, टैबलेट, टीवी या वीडियो गेम के प्रति बच्चों की आसक्ति दिन-ब-दिन बढ़ रही है। इससे न केवल उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत प्रभावित हो रही है, बल्कि उनका पढ़ाई और अन्य क्रियाकलापों में ध्यान भी कम हो रहा है।
-बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करें और उन्हें आउटडोर एक्टिविटीज़ या खेलकूद में शामिल करें।
-परिवार के साथ समय बिताने और बात करने का महत्व बताएं।
-बच्चों को किताबों की आदत डालें और उनकी उम्र के अनुसार किताबें उपलब्ध कराएं।
4. दूसरों की बातों की नकल करना
बच्चे बहुत जल्दी अपने आसपास के माहौल से चीजें सीखते हैं। अगर वे किसी को गलत भाषा, बदसलूकी या बुरी आदतें अपनाते देखते हैं, तो वे भी उन आदतों को नकल करने लगते हैं। यहां तक कि वे अपने पेरेंट्स या दोस्तों की भी बुरी आदतों को अपना सकते हैं।
-बच्चों के सामने सही व्यवहार करें और ध्यान दें कि आप किन शब्दों और भावनाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
-गलत आदतों या भाषा का प्रयोग करने पर बच्चे को तुरंत सही मार्गदर्शन दें।
-उन्हें यह बताएं कि हर किसी की बातें या आदतें सही नहीं होतीं, और वे खुद अच्छे और बुरे के बीच फर्क करना सीखें।
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5. अस्वास्थ्यकर खानपान की आदतें
बच्चों में अस्वास्थ्यकर खाने की आदतें तेजी से बढ़ रही हैं। बाहर का जंक फूड, अत्यधिक चीनी और तैलीय खाद्य पदार्थों की ओर बच्चों का झुकाव देखा जा रहा है। यह आदत उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे मोटापा, डायबिटीज़ और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
-घर में स्वस्थ और स्वादिष्ट खाने का माहौल बनाएं ताकि बच्चे घर का खाना पसंद करें।
-बच्चों को पौष्टिक फलों, सब्जियों और अन्य स्वस्थ खाने की आदत डालें।
-जंक फूड को केवल कभी-कभी देने का नियम बनाएं और बच्चों को भी यह समझाएं कि संतुलित आहार कितना महत्वपूर्ण है।
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