लाइफस्टाइल

Nobel Prize Day: नोबेल पुरस्कार दिवस 2025, जब पूरी दुनिया करती है ज्ञान और सेवा की भावना को सलाम

Nobel Prize Day, हर साल 10 दिसंबर को पूरी दुनिया में Nobel Prize Day (नोबेल पुरस्कार दिवस) मनाया जाता है। यह दिन उस महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) की याद में मनाया जाता है,

Nobel Prize Day : नोबेल पुरस्कार दिवस विशेष, अल्फ्रेड नोबेल की विरासत जो आज भी देती है प्रेरणा

Nobel Prize Day, हर साल 10 दिसंबर को पूरी दुनिया में Nobel Prize Day (नोबेल पुरस्कार दिवस) मनाया जाता है। यह दिन उस महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) की याद में मनाया जाता है, जिनके नाम पर यह पुरस्कार स्थापित किया गया। यह दिन केवल पुरस्कारों का जश्न नहीं है, बल्कि मानवता, विज्ञान, साहित्य और शांति के प्रति योगदान को सम्मान देने का अवसर भी है।

नोबेल पुरस्कार दिवस का इतिहास

Nobel Prize Day की शुरुआत 1901 से हुई थी, जब पहली बार यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया। स्वीडन के महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर 1833 को स्टॉकहोम में हुआ था। उन्होंने डायनामाइट (Dynamite) का आविष्कार किया था, जिससे उन्होंने काफी धन अर्जित किया। लेकिन जब उन्हें यह एहसास हुआ कि उनके आविष्कार का इस्तेमाल युद्ध और हिंसा में हो रहा है, तो उन्होंने अपनी संपत्ति मानव कल्याण के कार्यों में लगाने का निर्णय लिया। अपनी वसीयत में उन्होंने यह आदेश दिया कि उनकी सम्पत्ति से एक फंड बनाया जाए, जिसके ब्याज से हर साल उन लोगों को पुरस्कार दिए जाएं जिन्होंने मानवता की सेवा में असाधारण योगदान दिया हो।

Read More: Katrina Kaif: कतरिना कैफ और विक्की कौशल के घर आई खुशियों की लहर, जन्मा उनका पहला बेटा

नोबेल पुरस्कार की शुरुआत और उद्देश्य

अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार, हर साल यह पुरस्कार भौतिकी, रसायन, शरीर विज्ञान या चिकित्सा, साहित्य, और शांति के क्षेत्र में दिया जाता है। बाद में 1968 में स्वीडिश सेंट्रल बैंक ने एक नया पुरस्कार जोड़ा – अर्थशास्त्र (Economics), जिसे Alfred Nobel Memorial Prize in Economic Sciences कहा जाता है।

नोबेल पुरस्कार कैसे दिए जाते हैं

नोबेल पुरस्कारों का चयन एक अत्यंत गोपनीय प्रक्रिया के तहत होता है।

  • Physics और Chemistry के पुरस्कार Royal Swedish Academy of Sciences द्वारा दिए जाते हैं।
  • Medicine का पुरस्कार Karolinska Institute के नोबेल असेंबली द्वारा।
  • Literature का पुरस्कार Swedish Academy द्वारा।
  • Peace Prize का चयन Norwegian Nobel Committee करती है और यह ओस्लो (नॉर्वे) में दिया जाता है।
  • Economics का पुरस्कार भी Royal Swedish Academy of Sciences द्वारा प्रदान किया जाता है।

हर पुरस्कार के साथ स्वर्ण पदक (Gold Medal), एक प्रमाण पत्र और एक बड़ी धनराशि दी जाती है।

नोबेल पुरस्कार दिवस का महत्व

नोबेल पुरस्कार दिवस हमें यह सिखाता है कि ज्ञान, विज्ञान, और मानवता की सेवा ही असली सफलता है।
यह दिन उन लोगों को सम्मानित करने का प्रतीक है जो बिना किसी स्वार्थ के समाज को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं।
चाहे वह शांति स्थापित करने वाला नेता हो, जीवन रक्षक वैज्ञानिक हो, या साहित्य से समाज में जागरूकता लाने वाला लेखक — सभी नोबेल पुरस्कार विजेता दुनिया को नई दिशा देते हैं।

Read More: Sunil Chhetri Retirement: फुटबॉल फैंस के लिए झटका! सुनील छेत्री ने टीम इंडिया से लिया संन्यास, जल्द छोड़ेंगे प्रोफेशनल खेल भी

नोबेल पुरस्कार से जुड़ी कुछ खास बातें

  1. पहला नोबेल पुरस्कार 1901 में दिया गया था।
  2. पहली महिला नोबेल विजेता थीं मैरी क्यूरी, जिन्हें 1903 में भौतिकी और 1911 में रसायन विज्ञान का पुरस्कार मिला।
  3. भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे रवींद्रनाथ टैगोर (1913) – जिन्हें साहित्य के लिए सम्मान मिला।
  4. मदर टेरेसा, अमर्त्य सेन, कैलाश सत्यार्थी जैसे कई भारतीय या भारतीय मूल के लोगों ने यह सम्मान प्राप्त किया है।
  5. नोबेल शांति पुरस्कार ही एकमात्र ऐसा पुरस्कार है जो नॉर्वे में दिया जाता है, बाकी सभी पुरस्कार स्वीडन में दिए जाते हैं।

नोबेल पुरस्कार दिवस कैसे मनाया जाता है

हर साल 10 दिसंबर, अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि के दिन, नोबेल पुरस्कार समारोह (Nobel Prize Ceremony) आयोजित किया जाता है।

  • यह समारोह स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में और शांति पुरस्कार का समारोह ओस्लो, नॉर्वे में होता है।
  • समारोह में विजेताओं को स्वीडन के राजा द्वारा सम्मानित किया जाता है।
  • इस दिन विज्ञान, शांति और साहित्य के क्षेत्र में किए गए नए कार्यों पर भी चर्चा होती है।
  • स्कूलों और विश्वविद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां छात्रों को नोबेल विजेताओं की प्रेरणादायक कहानियां बताई जाती हैं।

नोबेल पुरस्कार का मानवता पर प्रभाव

नोबेल पुरस्कार ने दुनिया भर में वैज्ञानिकों, लेखकों, समाजसेवकों और शांति दूतों को प्रेरित किया है। यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि मानवता के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है। नोबेल विजेताओं की सोच ने समाज में नए विचार, आविष्कार और नीतियों को जन्म दिया है। इन्हीं कारणों से नोबेल पुरस्कार को “दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान” कहा जाता है। अल्फ्रेड नोबेल का जीवन हमें यह सिखाता है कि भले ही हमने गलतियों से शुरुआत की हो, लेकिन अंत हमेशा अच्छाई के लिए किया जा सकता है। इस दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भी अपने-अपने क्षेत्रों में समाज और मानवता के लिए कुछ सकारात्मक कार्य करेंगे।

We’re now on WhatsApp. Click to join.

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button