Mahashivratri 2023: इस महाशिवरात्रि जाने भगवान भोले नाथ और मां पार्वती के विवाह की पूरी कहानी
Mahashivratri 2023: मां पार्वती की जिद के आगे झुकना पड़ा भगवान शिव को
Highlights:
- जाने इस साल कब मनाई जाएगी महाशिवरात्रि
- भोले नाथ ने मां पार्वती को समझाने की कोशिश
- मां पार्वती की जिद के आगे झुक गए भगवान भोले नाथ
- जब मां पार्वती की माता ने भोले नाथ को भस्म लपेटे देखा तो वो डर गई
Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि बस अब आने ही वाली है हिंदू कैलेंडर के अनुसार महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी को मनाया जायेगा। इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ था। मन्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
इतना ही नहीं हमारे पुराणों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान भोले नाथ और मां पार्वती की शादी हुई थी। यहीं कारण है कि महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ के भक्त उनका रूद्राभिषेक कराते है और उसके बाद शाम को उनकी बारात निकालते है। तो चलिए इस बार महाशिवरात्रि के इस खास मौके पर हम आपको बतायेगे भगवान भोले नाथ और मां पार्वती की विवाह की पूरी कहानी।
भोले नाथ ने मां पार्वती को समझाने की कोशिश
मां पार्वती अपने मन ही मन में भगवान भोले नाथ को अपना पति मान चुकी थी और भगवान भोले नाथ से विवाह करना चाहती थी। सभी देवता गण इसी मत में थे पर्वत राजकन्या पार्वती का विवाह भोले नाथ से होना चाहिए। इसके लिए सभी देवताओं ने कन्दर्प को पार्वती की मदद करने के लिए भेजा। जिसे भोले नाथ ने अपनी तीसरी आंख से भस्म कर दिया। जिसके बाद माता पार्वती ने भोले नाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या करनी शुरू कर दी।
माता पार्वती की तपस्या से हर तरफ हाहाकार मच गया। बड़े से बड़े पर्वत की नींव डगमगाने लगी। ये सभी चीजे महसूस करने के बाद भोले नाथ ने अपनी आंखे खोली और माता पार्वती से आह्वान किया कि वो किसी समृद्ध राजकुमार से शादी कर लें। भोले नाथ ने मां पार्वती को ये भी समझाने की कोशिस की वक तपस्वी के साथ रहना आसान नहीं है।
मां पार्वती की जिद के आगे झुक गए भगवान भोले नाथ
भगवान भोले नाथ के समझाने के बाद भी नहीं मानी मां पार्वती। उन्होंने साफ कर दिया कि वो विवाह करेगी तो सिर्फ भगवान भोले नाथ से वरना वो किसी और से भी विवाह नहीं करेगी। जिसके बाद मां पार्वती की जिद देख कर भगवान भोले नाथ उनसे विवाह करने के लिए राजी हो गए। भोले नाथ को लगा की मां पार्वती उनकी तरह ही हठी है जिसके कारण वो विवाह के लिए राजी हो गए।
जिसके बाद मां पार्वती और भोले नाथ की शादी की तैयारियां शुरू हो गई। लेकिन समस्या ये थी कि भगवान भोले नाथ एक तपस्वी थे और उनके परिवार में कोई सदस्य नहीं था। लेकिन मान्यताओं के अनुसार एक वर को अपने परिवार के साथ जा कर ही वधु का हाथ मांगना होता है। अब ऐसी परिस्थिति में भगवान भोले नाथ ने अपनी बारात में डाकिनियां, भूत-प्रेत और चुड़ैलों को अपने साथ ले जाने का निर्णय किया। भोले नाथ एक तपस्वी थे जिसके कारण उन्हें ये नहीं पता था कि विवाह के लिए किस प्रकार से तैयार हुआ जाता है उन्होंने डाकिनियां और चुड़ैलों ने उन्हें भस्म से सजा दिया और हड्डियों की माला पहना दी।
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जब मां पार्वती की माता ने भोले नाथ को भस्म लपेटे देखा तो वो डर गई
जब भगवान भोले नाथ डाकिनियां, भूत-प्रेत और चुड़ैलों को लेकर मां पार्वती के घर पहुंचे तो ऐसी अनोखी बारात देख कर सभी देवता हैरान रह गए। वहीं वहां खड़ी महिलाएं डर गई। जब मां पार्वती की माता ने भगवान भोले नाथ को इस रूप में देखा तो वो उन्हें स्वीकार नहीं कर पाईं। जिसके बाद उन्होंने अपनी बेटी का हाथ उन्हें देने से मना कर दिया। जिसके बाद स्थितियां बिगड़ती देख मां पार्वती ने भगवान भोले नाथ से प्राथना की वो उनके रीति रिवाजों के मुताबिक तैयार होकर आएं।
भोले नाथ ने उनकी प्राथना स्वीकार किया और सभी देवताओं को फरमान दिया कि वो उनको खूबसूरत रूप से तैयार करें। ये सुन कर सभी देवता उन्हें तैयार करने में जुट गए। देखते ही देखते थोड़ी ही देर में भोलेनाथ कंदर्प से भी ज्यादा सुंदर लगने लगे और उनका तेज तो चांद की रोशनी को भी मात दे रहा था।
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जब पूरी तरह से तैयार होकर भोले नाथ मां पार्वती की माता के सामने पहुंचे तो उन्होंने तुरंत भोले नाथ को स्वीकार कर लिया। उसके बाद ब्रह्मा की उपस्थिति में विवाह समारोह शुरू हुआ। जिसके बाद मां पार्वती ने भोले नाथ को वर माला पहनाई और ये विवाह संपन हुआ।