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क्यों मनाया जाता है Junk Food Day;क्या यह सेहत के लिए नुकसानदायक है 

Junk Food Day कोई बुरी चीज को बढ़ावा देने का दिन नहीं है, बल्कि यह एक याद दिलाने वाला दिन है कि हम जो खाते हैं, उसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। कभी-कभार जंक फूड खाना ठीक है, लेकिन नियमित रूप से संतुलित और पोषक आहार ही अच्छे जीवन का आधार होता है

क्या है Junk Food Day का इतिहास? 

 Junk Food Day: हर साल 21 जुलाई को Junk Food Day मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से उन सभी फास्ट फूड और स्वादिष्ट परंतु स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थों के लिए समर्पित होता है, जिन्हें आमतौर पर Junk Food कहा जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह नहीं है कि लोग अनहेल्दी खाना खाएं, बल्कि इसका उद्देश्य है “जागरूकता बढ़ाना”  कि जंक फूड कितना आकर्षक और स्वादिष्ट हो सकता है, लेकिन इसे संतुलन और नियंत्रण के साथ ही खाना चाहिए।

जंक फूड डे क्यों मनाया जाता है?

 Junk Food Day हर साल 21 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से लोगों को उन खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है जिन्हें हम  Junk Food Day कहते हैं — जैसे बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्रेंच फ्राइज़, चिप्स, शुगरी ड्रिंक्स, आदि। जंक फूड का स्वाद बहुत लाजवाब होता है, और यह बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी का पसंदीदा होता है। इस दिन लोग अपने पसंदीदा फास्ट फूड का आनंद लेते हैं और एक दिन के लिए “गिल्ट-फ्री” होकर खाते हैं। जंक फूड डे सिर्फ खाने का उत्सव नहीं है, बल्कि यह इस बात की याद दिलाने का अवसर भी है कि इन चीजों का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए इस दिन के ज़रिए यह संदेश दिया जाता है कि स्वाद ज़रूरी है, लेकिन संतुलन और स्वास्थ्य सबसे जरूरी है। जंक  Junk Food Day हमें यह समझाने का एक हल्का-फुल्का तरीका है कि हम कैसे अपने खाने की आदतों में संतुलन बना सकते हैं। कभी-कभी जंक फूड खाना ठीक है, लेकिन इसे रोज़ की आदत न बनाएं।

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राष्ट्रीय जंक फूड दिवस का इतिहास 

 जंक फूड की अवधारणा की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मानी जाती है, जब अलग-अलग देशों में लोगों को पलायन करना पड़ा था और वे सहज रूप से ले जाने वाले, जल्दी पकने वाले और लंबे समय तक चलने वाले खाने को प्राथमिकता देने लगे। ऐसे में डिब्बा बंद और प्रोसेस्ड फूड्स का चलन शुरू हुआ, जो बाद में फास्ट फूड और जंक फूड में बदल गया। हालांकि जंक फूड की लोकप्रियता 1950 और 60 के दशक में काफी बढ़ी, लेकिन 1970 के दशक में इस भोजन को “स्वास्थ्य के लिए हानिकारक” के रूप में देखना शुरू किया गया। इसी दौरान मशहूर माइक्रोबायोलॉजिस्ट माइकल जैकबसन ने “जंक फूड” शब्द गढ़ा। “जंक” का मतलब होता है “कबाड़”, और उन्होंने इस शब्द का उपयोग करके प्रचार किया कि यह भोजन स्वादिष्ट तो हो सकता है, लेकिन शरीर के लिए सबसे खराब विकल्प है।

इसके बावजूद, जंक फूड लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बना रहा और धीरे-धीरे एक ऐसा दिन तय किया गया, जिसे हम  Junk Food Day के रूप में जानते हैं। इस दिन का उद्देश्य यह है कि जो लोग नियमित रूप से जंक फूड से परहेज करते हैं, वे भी एक दिन इसका आनंद ले सकें — लेकिन साथ ही यह भी याद रखें कि सेहत से बड़ा कुछ नहीं।

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