हमारी ज़िन्दगी में संगीत की अहमियत
संगीत की अहमियत : संगीत और ख़ुशी का अनोखा सम्बंध
संगीत उत्साह है, संगीत ऊर्जा है, संगीत ख़ुशी है, संगीत कला है, संगीत ज़िन्दगी है। सभी भावों का समावेश हम संगीत में देख पाते हैं। संगीत को हम कभी ना नही कह सकते। यदि हम बहुत ख़ुश हैं तो यह हमारी ख़ुशी को और बढ़ा देता है, यदि हम दुखी है तो संगीत से हमारा मन ठीक हो जाता है और जो अपने दुख से बाहर नही आना चाहते ये उनकी भी मदद करता है। संक्षेप में कहे तो संगीत वह माध्यम है जिसके ज़रिए हम अपने सभी भाव व्यक्त कर सकते हैं। इसलिए हमें संगीत की अहमियत को समझना चाहिए।
संगीत मानव के इतिहास की एक बहुत ही ख़ास और अहम रचना है जिसने उसकी ज़िन्दगी को सुंदरता से सँवारा है। संगीत हमारी ज़िन्दगी में एक बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। यह हमें ग़म में ख़ुशी और तनाव में सुकून प्रदान कर हमें ख़ुश बनाता है। और तो और ये हमारे दिमाग़ को भी शांत करता है और हमें आत्मविश्वास से भर देता है। संगीत ने हमारी ज़िन्दगी के हसीन पलों को पिरोकर हमें बांधा हुआ है।
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देखा जाए तो संगीत हमारे चारों तरफ़ है। चाहे हम इसे रेडीओ पर सुने चाहे टेलिविज़न पर या फिर कार या मोबाइल में ही क्यों ना सुने ये हर बार अपने साथ एक अलग उल्लास लाता है।
संगीत के जितने भी प्रकार हैं वे अलग अलग मौक़ों के लिए होते हैं। संगीत के कितने ही प्रकार हैं, भजन वाला संगीत, शादी के बैंड वाला संगीत यहाँ तक की नहाते समय गाए जाने वाले संगीत का भी अपना अलग आनंद होता है। संगीत के पास हमारे मन को अपने क़ाबू में करने की शक्ति होती है। इसका हमारे भावो से एक अलग सा सम्बंध है और ऐसे भावो से ही संगीत उत्पन्न होता है।
संगीत का इतिहास भारत में बहुत पुराना है मंत्रो के उच्चारण से लेकर आज के गानो रक का सफ़र बहुत ही अद्भुत रहा है। आज हमारे पास संगीत भिन्न रूपों में उपलब्ध है। हमारे पास लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, रॉक और पॉप संगीत और हिंदी फ़िल्मों का संगीत है अर्थात आज हमारे पास संगीत की भरमार है। कई डॉक्टर ने संगीत को “Healing without medicine” की उपाधि दी है। अर्थात् इसमें इतनी शक्ति है की ये समस्याओं को बिना दवाओं के ठीक कर सकता है।
संगीत हम सभी को किसी ना किसी तरह प्रभावित करता है। जो लोग संगीत पसन्द करते है वे इसे हर समय सुन सकते हैं। वे तो काम करते समय, कही जाते हुए, था तो पढ़ते हुए भी संगीत सुनते हैं। हमारा यह कहना ग़लत नही होगा की संगीत हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है जिसे अलग करना मनुष्य के लिए सम्भव नही।