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How to debunk WhatsApp Fake Messages: अफवाहों से रहें सावधान! कैसे पहचाने सच और झूठ को?
How to debunk WhatsApp Fake Messages? इन तरीकों से रह सकते है आप गलत सूचनाओं से सावधान
Highlights:
- How to debunk WhatsApp Fake Messages? अगर आप इस्तेमाल करते है व्हाट्सएप तो हो जाइए सावधान
- प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो से कैसे पाए अपने जिज्ञासाओं का हल?
How To Debunk WhatsApp Fake Messages? व्हाट्सएप दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले मैसेजिंग ऐप में से एक है। भारत में करीब दो अरब मासिक व्हाट्सएप उपयोगकर्ता हैं।
अपने आधुनिक और इस्तेमाल करने में सरल फीचर्स जैसे सामान्य बातचीत करने के लिए, संदेश भेजने में, आवाज और वीडियो कॉल करने में व्हाट्सएप यूं तो लोगों के पसंदीदा सोशल मीडिया एप्लिकेशन में से एक है मगर व्हाट्सएप की सबसे परेशान करने वाली समस्याओं में से एक है गलत सूचना या फेक न्यूज है।
कोरोना महामारी के कारण जहां दुनिया भर के विधा संस्थान बंद हो गए थे वहीं एक यूनिवर्सिटी ऐसी भी है जहां छात्रों की संख्या में तेजी देखी गई है, जी हां हम उसी “व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी” की बात कर रहें है जहां के विद्यार्थी या तो गलत सूचना फैला रहें है या तो वह खुद गलत सूचनाओं पर आंख मूंद कर भरोसा करने लगते है।
समय-समय पर, व्हाट्सएप ने गलत सूचनाओं के प्रसार को धीमा करने के उद्देश्य से कई बदलाव भी किए है जैसे एक बार में किसी संदेश को पांच बार या उससे अधिक बार अग्रेषित किए जाने के बाद नई सीमा शुरू हो जाती है, व्हाट्सएप का मानना है कि इस नई सीमा ने फॉरवर्ड किए गए संदेशों की वायरलिटी को 70 प्रतिशत तक धीमा कर दिया है। मगर फिर भी गलत सूचनाओं पर पूरी तरह से रोकथाम लगा पाना मुश्किल है।
कुछ अफवाहें तो कोरोना महामारी से कई अधिक नुकसान कर सकती हैं, उदाहरण हम आपको आगे इस लेख में जरूर बताएंगे और उसके साथ यह भी बताएंगे की आप किसी संदेश, वीडियो या फोटो की जांच पड़ताल कैसे कर सकते है सच्चाई का पता लगाने के लिए और उसकी प्रामाणिकता जानने के लिए।
कुछ वर्ष पहले सन 2018 में, व्हाट्सएप पर कथित बच्चा-चोरी करने वाले गिरोहों के बारे में फर्जी संदेश साझा किए जाने के बाद भारत में भीड़ द्वारा 29 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इनके अलावा, धार्मिक हिंसा को भड़काने के उद्देश्य से राजनीतिक अफवाहें और फर्जी खबरें भी काफी आम हैं।
चलिए अब जानते है की ऐसे अफवाहों की प्रामाणिकता की जांच कैसे करें?
जब आपको कोई चित्र या वीडियो प्राप्त होता है जिसमें किसी विशेष घटना का उल्लेख होता है, तो सबसे पहले गुगल का उपयोग करके यह देखें कि कहीं ऐसी कोई घटना हुई है या नहीं। ज्यादातर फेक न्यूज एडिटेड फोटो और वीडियो के जरिए ही फैलाई जाती है।
चित्रों की प्रामाणिकता जांचने के लिए ऑनलाइन बहुत से टूल मौजूद है जिनमें सबसे आसान गूगल रिवर्स इमेज सर्च है। इस टूल की मदद से आप पता लगा सकते है की चित्र पहले कही इस्तेमाल की जा चुकी है या नहीं, मिली जुली कोई और चित्र है या नहीं, इत्यादि। ज्यादातर मामलों में प्रख्यात लोगों की तस्वीरों को किसी दूसरे तस्वीर के साथ जोड़कर भ्रम फैलाया जाता है।
फैक्ट चेक करने के लिए प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो भी बड़े पैमाने पर काम करती है वहीं बहुत से दूसरे मीडिया संस्थान जैसे इंडिया टुडे भी ऐसी सहायता आम लोगों के लिए करती आ रही है।
प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के ट्विटर अकाउंट पर मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी सांझा की हुई है जिसके माध्यम से आप सच का पता लगा सकते है। आजकल प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो टेलीग्राम पर भी मौजूद है।
Conclusion: सोशल मीडिया अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है। सभी प्रकार की सामग्री ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, टिकटॉक जैसे प्लेटफार्मों पर प्रसारित होती है और यह उपयोगकर्ताओं पर निर्भर करता है कि वह किस पर विश्वास करना चाहते हैं और किस पर नहीं। कोरोनावायरस महामारी के बीच भी गलत सूचनाओं का प्रसार तेजी से हुआ है और होते आ रहा है, इस लेख के माध्यम से हमने आपको सावधानी कैसे बरती जा सकती है उसे सांझा करने का प्रयास किया है। भारत सरकार लोगों को उन सूचनाओं पर विश्वास न करने की चेतावनी देती रही है जो उनके द्वारा प्रमाणित नहीं की गई हैं।
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