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Hindi Language controversy- क्या हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है? अगर आप भी ऐसा मानते हैं तो पढ़े ये तथ्य!

Hindi Language controversy: जानें हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा क्यों नहीं दिया गया


Highlights-

. भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत में ढेरों भाषा बोली जाती है और सरकार ने देश की एकता और अखंडता को ध्यान में रखते हुए हिंदी को भारत की राजभाषा न कि राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया।

. तथा अन्य 21 भाषाएं को सरकारी कामकाज में प्रयुक्त करने की इजाजत दी।

अभी हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन का एक ट्वीट माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर खूब वायरल हुआ । कारण था अजय देवगन का हिंदी को राष्ट्रभाषा कह देना। यह पूरा मामला आपको हम विस्तार से बताते हैं।

कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप के एक ट्वीट से एक विवाद शुरू हुआ। किच्चा सुदीप के एक बयान और फिर उस पर बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन के जवाब ने इस मुद्दे को बड़ा रूप दे दिया। ‘हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं’ के ट्वीट पर ट्वीटर पर तनातनी होने लगी।

अजय देवगन ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बताते हुए किच्चा सुदीप के विरोध में ट्वीट किया। यहाँ आप उनके ट्वीट्स देख सकते हैं।

लेकिन आप में से बहुत लोग इस बात से अंजान होंगे की हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है। इस आर्टिकल में इस तथ्य को हम विस्तार से बताएंगे।

हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं राजभाषा है

. भारत की कोई राष्ट्रभाषा नही है क्योंकि भारत में ढेरों भाषा बोली जाती है और सरकार ने देश की एकता और अखंडता को ध्यान में रखते हुए हिंदी को भारत की राजभाषा न कि राष्ट्रभाषा तथा अन्य 21 भाषाएं को सरकारी कामकाज में प्रयुक्त करने की इजाजत दी।

. जब तक भारत के दक्षिणी राज्य हिंदी को स्वीकार नही कर लेते तब तक अंग्रेजी का उपयोग भी सरकारी कार्यालय में जारी रखा गया और हिंदी को फैलाने का उद्देश्य रखा गया यही कारण है आज भारत की 53% आबादी हिंदी बोल सकती है।

. वही यह 1947 में मात्र 25% थी,और आपको बतादें कि हिंदी भारत की सबसे तेजी से बढ़ती भाषा है जिसने 2001–2011 के बीच 10 करोड़ नए हिंदी भाषी जोड़े 70% आबादी हिंदी समझ सकती है और 2021 तक अनुमान है कि 60% आबादी हिंदी बोलने की क्षमता हो गई है।

. हिंदी या अंग्रेजी का उपयोग आधिकारिक उद्देश्यों जैसे कि संसदीय कार्यवाही, न्यायपालिका, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच संचार के लिए किया जाता है।

. भारत के राज्य उस राज्य के आधिकारिक उद्देश्यों के लिए एक या अधिक स्थानीय भाषाओं को अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके अतिरिक्त 22 आधिकारिक भाषाओं को आधिकारिक दर्जा दिया गया है जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343/1 में वर्णित है।

Hindi Language controversy

. ये सभी भाषाएँ समान आधिकारिक दर्जा रखती हैं और सरकारी दस्तावेज़ इनमें से किसी भी एक भाषा में लिखे जा सकते हैं।

. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया तथा 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के द्वारा हिन्दी को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा दिया गया।

. भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा का कोई उल्लेख नहीं है इसका मतलब यह है कि भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं। और जहां तक हिंदी भाषा की बात है तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को राज्य भाषा का दर्जा दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि हिंदी भाषा को राजकीय कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद में हिंदी सहित 22 भाषाओं का वर्णन हैै।

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हिंदी वह भाषा थी जिसे स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान भारतीय नेताओं ने राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक के रूप में अपनाया था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है | बारहवीं शताब्दी के बाद से हिंदी को साहित्यिक भाषा के रूप में उपयोग किया जाता है। हालाँकि, गद्य का विकास केवल अठारहवीं शताब्दी में शुरू हुआ था, जो हिंदी के पूर्ण साहित्यिक भाषा के रूप में उभरने का प्रतीक है।

हम आशा करते हैं कि आप यह समझ गए होंगे कि हिंदी का क्या दर्जा है। भारत में असंख्य भाषाएं हैं। सिर्फ किसी एक आधार पर किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दे देना सही नहीं है। जाते – जाते हम आपसे बस इतना ही कहेंगे कि जब कोई अब आपसे पूछे की क्या हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है तब आप यह जवाब दे सकते हैं कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं राजभाषा है।

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