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Hindi Diwas 2022 : इन 30 देशों में हिंदी पढ़ी और पढ़ाई जाती है, जानें हिंदी दिवस से जुड़ी दिलचस्प बातें

Hindi Diwas 2022 : हिंदी दिवस को 14 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं, पीछे छुपी है बड़ी वजह


Highlights – 

. हर साल 14 सितंबर के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

. आज़ादी के दो साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया।

Hindi Diwas 2022 : भारत देश विविधताओं का देश है। संस्कृति से लेकर भाषा तक यह विभिन्न हैं। भाषा की बात करें तो देश में कहीं मराठी बोली जाती है तो कहीं पंजाबी , कहीं मलयालम तो कहीं हरयाणवी। लेकिन एक ऐसी भाषा जो कहीं – न – कहीं सबको जोड़ कर रखती है वह है हिंदी। हालांकि, हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है हिंदी एक राजभाषा है, कामकाज की भाषा है लेकिन यह हम कह सकते हैं हि हिंदी एक लोकप्रिय भाषा है।

जी हां, इस भाषा की सहजता इसकी लोकप्रियता है। हिंदी हमारे देश के ऑफिशियल भाषाओं में भी शामिल है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए हर साल 14 सितंबर के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी दिवस से जुड़े कुछ दिलचस्प बातें बताएंगे साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि दुनिया भर में वो कौन – कौन से देश हैं जहाँ हिंदी बोली जाती है।

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हिंदी शब्द कहाँ से आया है?

ऐसा कहा जाता है कि हिंदी भाषा को इसका नाम फारसी शब्द हिंद से मिला है जिसका अर्थ होता है सिंधु की भूमि। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि अरबों ने पहली बार हिंदी शब्द का प्रयोग किया। अरब के लोग सिंधु को हिंदी कहा करते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि वह स के स्थान पर ह शब्द का अपनी भाषा में प्रयोग करते थे।

अरबी विद्वान अलबरूनी ने भी अपनी किताब – अल – हिंद में भारतीयों के लिए हिंदू शब्द का इस्तेमाल किया है। अधिकतर लोग सनातन धर्म को हिंदू धर्म मानते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि हिंदू शब्द सिंधु से बना है और यह एक फारसी शब्द है जिसका ज़िक्र हम ऊपर कर चुके हैं।

वेदों और पुराणों की मानें तो उनमें हिंदी शब्द का उल्लेख मिलता है।

हिंदी दिवस का इतिहास

भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। लेकिन एक सवाल जो हम सबके मन में आता है कि 14 ही सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है। दरअसल आजादी के दो साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया।

इस निर्णय के बाद हिंदी के महत्व को आम लोगों तक पहुँचाने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति , वर्धा के अनुरोध पर 1953 में देश भर में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया गया था।

यही वजह है कि 14 सितंबर को हिंदी दिवस को मनाये जाने का निर्णय लिया गया। 14 सितंबर को हिंदी दिवस को मनाये जाने का निर्णय लिया गया।

30 से अधिक देशों में बोली जाती है हिंदी

हिंदी भाषा भारत देश की राजभाषा है। कारण इसकी लोकप्रियता है। लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहाँ हिंदी का प्रयोग किया जाता है। जी हाँ, हिंदी दुनिया के तीस से अधिक देशों में पढ़ी और पढ़ाई जाती है। शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी पढ़ाई जाती हैं। भारत के साथ-साथ यह भाषा मॉरीशस, फिलीपींस, अमेरिका, न्यूजीलैंड, युगांडा, सिंगापुर, नेपाल, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम ,यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और पाकिस्तान में भी थोड़े बहुत बदलाव के साथ बोली जाती है।

प्रतियोगिता का आयोजन

हिंदी पूरे विश्व में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत में हिंदी दिवस के अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, कविता पाठ, नाटक, और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। सरकारी दफ्तरों में सप्ताह भर हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है। जहां सभी काम हिंदी में होते हैं।

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