H3N2 वायरस फैला रहा अपने पांव, जाने क्या है लक्षण!
H3N2 वायरस से निपटने के लिए उठाए सरकार ने ये कदम
- हेल्थ प्रशासन ने बचाव के लिए, दिए आवश्यक निर्देश
- डॉक्टर के सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स का प्रयोग न करें
- H3N2 वायरस कोरोना से है बिल्कुल अलग
H3N2 Virus :अभी कोरोना जैसी भयानक महामारी के बाद थोड़ी राहत की सांस मिली थी कि अब एक बार फिर पूरे देश में H3N2 नाम के एक वायरस ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। दिल्ली में भी हाल ही में H3N2 मामलों के मरीज देखे गए हैं। राज्य सरकारों ने इससे बचने के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हेल्थ डिपार्टमैंट ने इससे बचने के लिए हॉस्पिटल्स में आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के आदेश दे दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस वायरस से जो भी पीड़ित है उस मरीज की जानकारी मांगी गई है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को बंद किया जा सकता है। वहीं, पुडुचेरी में H3N2 Virus और फ्लू के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्कूलों में छुट्टी के आदेश दिये गए हैं। बताया जा रहा है कि फिलहाल यह फैसला कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए ही लिया गया है। पुडुचेरी में H3N2 के मरीजों की सत्तर के पार मामले दर्ज किए गए।
इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में खांसी के लक्षण आम तौर पर दिखते हैं। इससे संक्रमित होने वाले मरीजों में सांस की दिक्कत भी आ रही है। बताया जा रहा है कि यह वायरस वर्तमान में बिहार व यूपी के कुछ जगहों सहित अन्य कुछ राज्यों के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। हाल ही में बिहार में इस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। वहीं यूपी में भी इस वायरस के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि इस वायरस के मरीज को बिना डॉक्टर से परामर्श लिए किसी भी तरह की दवाओं चाहे वह एंटीबायोटिक्स हो, लेने से बचना चाहिए। मरीजों को किसी भी तरह बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। बता दें कि इंफ्लुएंजा में कोरोना जैसी कॉमन दिक्कत हो रही है, पर यह कोरोना से बिल्कुल अलग है। हालांकि, बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण कोरोना और इंफ्लुएंजा दोनों में पाए जाते हैं।
H3N2 के लक्षण और बचाव क्या हैं?
H3N2 के शुरूआती लक्षणों में देखने में आया है कि मरीज को जुखाम, बुखार के अलावा शरीर में जकड़न होती है। इसके अलावा यदि किसी मरीज को उल्टी, शौच में दिक्कत इत्यादि महसूस हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इस तरह की परेशानी में आक्सीजन का लेवल चेक करते रहना चाहिए। यदि संबंधित मरीज का आक्सीजन लेवल गिर रहा हो तो यह H3N2 का लक्षण हो सकता है। यदि आक्सीजन का लेवल 95 प्रतिशत से कम है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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सबसे बड़ी बात है कि यह वायरस किसी भी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। पर, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे बच्चे और बूढ़े ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए बच्चों और बुजुर्गों के सेहत पर निगरानी रखना आवश्यक है। बताते चलें कि इस H3N3 वायरस को बड़े पैमाने पर फैलने से रोकने का सबसे बेहतर तरीका है खुद को गंदगी से बचा कर रखना। हेल्थ एक्सपर्ट भी बताते हैं कि गंदे हाथों से चेहरे, नाक और मुंह को नहीं छूना चाहिए। इसलिए अच्छा होगा कि हाथों को नियमित रूप से साफ तरीके से धोया जाए। सबसे बड़ी बात कि संक्रमित मरीज या जिस व्यक्ति में इस वायरस के लक्षण दिखें, उनके संपर्क में आने से बचना चाहिए। जिस मरीज के अंदर इस वायरस के लक्षण हैं या वे इसके चपेट में आ गये हैं उन्हें बाहर जाने से परहेज करना चाहिए। इसके मरीजों को मास्क का रेगुलर प्रयोग करना चाहिए। हरी और ताजी साग सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
देखा गया है कि कोरोना महामारी ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को फिजिकली और मेंटली चोट पहुंचाया है। बस यही वजह है कि किसी भी नये बीमारी या वायरस का नाम सुनते ही लोगों के माथे पर पसीना छूटने लगता है। बीते दिनों इस H3N3 वायरस ने लोगों को चिंतित कर दिया है। वहीं, दिल्ली भी इस वायरस की चपेट में कुछ मरीजों के आने की खबर मिल रही है। हालांकि, वहां अस्पताल प्रशासन पहले से ही तैयार है। वहीं, लोगों से अपील की गई है कि वे आईसीएमआर के गाइडलाइन का ईमानदारी से पूरी तरह पालन करें।
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