अगर आपका दोस्त भी है किताबी कीड़ा, तो फ्रेंडशिप डे पर तोहफे में दें ये किताबें
हमारा रिव्यू पढ़े और फ्रेंडशिप डे अपने फ्रेंड को तोहफे में दे ये किताबें
कौन कहता है कि दोस्ती-यारी बर्बाद कर देती है, कोई निभाने वाला हो तो दुनिया याद करती है। दोस्ती एक रिश्ता जो जात, धर्म सबसे बढ़कर होती है। दोस्ती को लेकर लोगों के अलग-अलग विचार भी है। हर माता-पिता और रिश्तेदार खासकर बच्चों को दोस्ती को पाठ पठाते हैं। जहां वह हमेशा ये सलाह देते हैं कि अच्छे बच्चों से दोस्ती करो ताकि तुम्हारा भी भविष्य भी अच्छा हो। लेकिन यह अक्सर देखा जाता है कि दोस्ती कभी किसी के कहने पर नहीं होती है। यह हमेशा ही जिदंगी के बढ़ते कदमों के साथ समय-समय पर लोगों के साथ दोस्ती होती जाती है। लेकिन कहते हैं न कि बचपन की दोस्ती ही सबसे ज्यादा प्योर होती है। जहां हम अपनी जिदंगी की पहले स्टेज को पार करते हैं। अपनी छोटी-छोटी खुशियों को शेयर करते हैं।
जिदंगी के हर पडाव में दोस्ती के मतलब भी बदलते जाते हैं। लेकिन दोस्ती हमेशा बरकार रहती है। अपनी दोस्ती को हर साल सेलिब्रेट करने के लिए फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। यह हर साल अगस्त के पहले संडे को होता है। इस साल यह 1 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन कई लोग अपने दोस्तों को तरह-तरह के गिफ्ट देते हैं कुछ लोग घूमने जाते हैं कुछ फ्रेंड्स के साथ मिलकर लंच या डिनर करते हैं। प्रत्येक जन अपने-अपने हिसाब से इस दिन को मानते हैं। अगर आप भी अपने इस दिन को यादगार बनाने के लिए अपने किसी फ्रेंड को गिफ्ट देना चाहते हैं तो मॉर्केट में इसके लिए कई सारे ऑप्शन मिल जाएंगे है। लेकिन आपका अगर कोई फ्रेंड पढ़ने में रुचि रखता है तो हम आपको कुछ किताबों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप उन्हें उनकी रुचि के अनुसार गिफ्ट कर सकते हैं।
कर्मभूमि- (लेखक प्रेमचंद) अगर आपका फ्रेंड हिंदी के उपन्यास पढ़ने का शौकीन है और साथ ही समाज में फैली कुरीतियों और क्रांतियों के बारे में जानना चाहता है तो आप इन्हें यह किताब दे सकते हैं। जिसमें काशी के आसपास के लोगों को जीवन उनके साथ अंग्रेजों का व्यवहार और गांधी जी की सत्य और अहिंसा का खूबसूरत चित्रण प्रस्तुत किया गया है। जिसमें छूआछूत, सामाजिक सौहार्द, दोस्ती, प्रेम को चित्रित किया गया है। जहां विवाह, प्रेम के बीच आता सामाजिक बदलाव, दोस्ती में धोखा और पश्चताप आपका ध्यान जरुर समाज के तरफ जरुर खींचेगा।
बोलना ही है, लोकतंत्र, संस्कृति और राष्ट्रवाद के बारे में- (लेखक रविश कुमार)- अगर आपका फ्रेंड मीडिया के बारे में थोड़ा इंट्रेस्ट लेता है या लेती है तो आप उन्हें यह किताब पढ़ने की सलाह दे सकते हैं। यह हिंदी अंग्रेजी दोनों भाषा में उपलब्ध है। अंग्रेजी में इसका नाम Free voice है। इसे मैग्सेस पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ट पत्रकार रविश कुमार ने लिखा है। जिसे आप प्रतिदिन एनडीटीवी के प्राइम टाइम में देखते हैं। यह किताब में न्यायधीश बृजगोपाल हरकिशन लोया के मेडर केस में प्राइम टाइम के एपिसोड के शुरुआत से लेकर आज की मीडिया की स्थिति पर लिखा गया है। जहां यह बताया गया है कि अगर कोई इंसान सही समय पर नहीं बोलता या अपनी आवाज को बुलंद नहीं करता है तो समाज उसे कैसे दबाता चला जाता है। इतना ही नहीं लोगों को खुलकर बोलना चाहिए हर मुद्दे पर तक वह अपने अधिकारों को जान सकें।
कश्मीर और कश्मीरी पंडित, बसने और बिखरने के हजार साल (अशोक कुमार पांडेय), अगर आपका फ्रेंड कश्मीर के इतिहास के बारे मे जानने में कुछ रुचि रखता/रखती है। तो आप उन्हें यह किताब तोहफे में दे सकते हैं। जिसे बहुत ही शोध के बाद लिखा गया है। जहां कश्मीरियों की स्थापना, अंग्रेजों के जमाने में सामाजिक तानाबाना इतना ही नहीं कश्मीर को लेकर जो तरह-तरह के मिथ्य कहे जाते हैं उसके बारे में बहुत से शोधपरक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इतना ही नहीं कश्मीरियों और मुसलमानों के संबंध उनकी संस्कृति, कश्मीरी पंडितों की विस्थापना और नौकरियों में उनकी हिस्सेदारी सबके बारे में बताया गया है।
गुनाहों के देवता, (धर्मवीर भारती)- यह उपन्यास मुख्य तौर पर प्रेम पर लिखा गया है। जिसके बारे में कहा जाता है जितने भी लोगों ने इसे पढ़ा हो वह पढ़ते वक्त रोए जरुर हैं। यह उपन्यास बहुत ज्यादा आपको आपकी जिदंगी से जोड़ता चला जाता है। यह इलाहाबाद के एक युगल जोड़े की कहानी है जो चाह कर भी एक नहीं हो सकते हैं न अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं। सुधा और चंदर दो ऐसे पात्र है जिनके प्रेम का अंत बहुत दुःखद होता है। जहां सुधा को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। इसका एक मात्र कारण यह है कि चंदर, सुधा के पिताजी का छात्र है और वह उनके सामने अपने प्यार के बारे में बताकर अपने रिश्ते को खराब नहीं करना चाहता है।
Life is what you make it- (प्रीति शिनॉय)- यह किताब साल 2010 में लिखी गई है। अगर आप टिनऐज में हैं और इस ऐज में भी आपके फ्रेंड किताब पढ़ने के शौकीन है तो आप यह किताब तोहफे के तौर पर दे सकते हैं। 205 पन्नों की इस बुक में आप एक टिनऐज की पूरी जिदंगी, उसके फैसले, पहला प्यार, करियर, कम्पीटिशन के बारे में जान जाएंगे। जिसमें अंकिता नाम की एक लड़की को चित्रित किया गया है। जिसके जीवन के हर स्टेज के बारे में बताया गया है। जहां एक सख्त माता-पिता अपने बच्चे के लिए कैसे सॉफ्ट हो जाते हैं। जीवन में करियर की भागदौड़ में छोटे शहरों को बच्चे बड़े शहरों में आकर पढ़ना चाहते हैं। कॉलेज की पॉलिटिक्स से लेकर हैंगआउट। किसी के करियर के लिए डेडीकेसन से लेकर डिपरेशन की बीमारी तक सबकुछ बहुत अच्छे से प्रस्तुत किया गया है।
नोट- ये सारी किताबें मैंने स्वयं पढ़ी हुई है।
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