डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल बच्चों की फीजिकल हेल्थ के लिए नुकसान
गलती बच्चों की नहीं बल्कि माता-पिता की
डिजिटल मीडिया
आज कल जैसे बड़े लोग डिजिटल मीडिया के आदी हो गए है, वैसे ही छोटे बच्चे भी डिजिटल मीडिया के आदी होने लगे है। चार से पांच साल ने बच्चे स्मार्टफोन चलना जानते है और उसमें गेम खेलते है। बच्चे बाहर खेलने कम जाते है, बस घर में ही स्मार्टफोन पर गेम खेलते रहते है। लेकिन गलती बच्चों की नहीं बल्कि माता-पिता की होती है। जब बच्चा एक या दो साल का होता है, जब भी वह रोता है तो हम स्मार्टफोन उसके सामाने रख देते है। फिर वो बच्चा चुप हो जाता है।
डिजिटल मीडिया बच्चों के लिए ठीक नहीं
अगर आपका बच्चा भी रोता हुआ स्मार्टफोन पाने के बाद चुप हो जाता है तो आपको यह तरीका बदलने की जरूरत है। क्योंकि बच्चों के लिए स्मार्टफोन ठीक नहीं है और इस बात पर पेरेंट्स केा ध्यान देने की जरूरत है। अमेरिका की बाल रोग अकादमी ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देश के मुताबिक डिजिटल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों की नींद, बच्चे के विकास और फीजिकल हेल्थ के लिए नुकसान देह है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चों को शांत कराने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करने से बचना ही चाहिए।
अमेरिका के ही लेखक जेनी रडेस्की ने यह कहा है, कि इस तरह के इक्यू्पमेंट्स यानि डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल बच्चों की भावनाओं को कंट्रोल करने की क्षमता को सीमित कर सकता है। साथ ही यह भी कहा, कि डिजिटल मीडिया कई नवजात के, छोटे बच्चों के और स्कूल जाने की शुरुआत वाले बच्चों के बचपन का जरूरी हिस्सा बन गया है। मगर यह शोध में उनके विकास पर पड़ने वाले प्रभाव पर सीमित है।
वहीं रडेस्की ने यह भी कहा, कि क्या हम जानते हैं कि शुरुआत में बच्चों के दिमाग का तेजी के साथ विकास होता है। इस वक्त बच्चों की खेलने, सोने और अपने भावनाओं को संभालने और संबंध बनाने की जरूरत के लिए समय की जरूरत होती है।