Digital Dependency: मोबाइल की लत से कैसे बचें? जानिए Digital Dependency को कम करने के आसान तरीके
Digital Dependency, आज के दौर में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे सुबह की शुरुआत हो या रात को सोने से पहले का समय, मोबाइल हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है।
Digital Dependency : हर पल मोबाइल देखना आदत है या लत? जानें इससे छुटकारा पाने के टिप्स
Digital Dependency, आज के दौर में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे सुबह की शुरुआत हो या रात को सोने से पहले का समय, मोबाइल हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स, कॉल्स, गेम्स और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के बीच हम इतने उलझ चुके हैं कि ये कहना गलत नहीं होगा कि अब हम मोबाइल को नहीं चला रहे, बल्कि मोबाइल हमें चला रहा है।
Digital Dependency क्या है?
Digital Dependency का मतलब है हमारा मोबाइल, इंटरनेट या किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस हद तक निर्भर हो जाना कि उसके बिना रहना मुश्किल लगे। जब एक व्यक्ति रोज़मर्रा के कामों से ज़्यादा समय मोबाइल स्क्रीन पर बिताने लगे, तो यह संकेत होता है कि वह Digital Dependency का शिकार हो रहा है।
Digital Dependency के लक्षण
1. हर 5 मिनट में फोन चेक करना, भले ही कोई नोटिफिकेशन न आया हो।
2. सोने से पहले और उठते ही मोबाइल चलाना।
3. दोस्तों और परिवार के साथ होते हुए भी बार-बार मोबाइल देखने की आदत।
4. कुछ समय के लिए मोबाइल खो जाए तो बेचैनी या घबराहट महसूस करना।
5. काम या पढ़ाई के समय बार-बार सोशल मीडिया स्क्रॉल करना।
Digital Dependency के दुष्प्रभाव क्या हैं?
1. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
लगातार स्क्रीन देखने से तनाव, चिंता, अनिद्रा, और फोकस की कमी जैसे मानसिक विकार बढ़ने लगते हैं। इंस्टाग्राम या फेसबुक पर दूसरों की ज़िंदगी देखकर अपनी ज़िंदगी को कम आंकने की आदत हमें डिप्रेशन की ओर ले जा सकती है।
2. शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से आंखों की रोशनी कमजोर होना, सिरदर्द, गर्दन में दर्द और उंगलियों में जकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। देर रात तक मोबाइल देखने से नींद की गुणवत्ता भी घटती है।
3. रिश्तों में दूरी
मोबाइल में उलझे रहना हमें अपनों से दूर कर देता है। साथ बैठकर भी बातचीत न करना, परिवार के समय को नजरअंदाज़ करना ये सब रिश्तों में दूरी बढ़ा सकते हैं।
4. कामकाजी प्रदर्शन में गिरावट
डिजिटल डिवाइस की लत हमें काम या पढ़ाई पर फोकस नहीं करने देती। इससे प्रोडक्टिविटी घटती है और गलतियां बढ़ती हैं।
Read More : Pawan Kalyan: जुलाई में होगी ब्लॉकबस्टर्स की बारिश! साउथ सिनेमा से 5 तगड़ी फिल्में
Digital Dependency कम कैसे करें?
आजकल हर स्मार्टफोन में ‘Screen Time’ या ‘Digital Wellbeing’ नाम का फीचर होता है। इससे आप जान सकते हैं कि आपने किस ऐप पर कितना समय बिताया। कोशिश करें कि सोशल मीडिया पर बिताए गए समय को हर हफ्ते थोड़ा-थोड़ा कम करें। हर नोटिफिकेशन आपका ध्यान भंग करता है। ज़रूरी ऐप्स के अलावा बाकी सभी ऐप्स के नोटिफिकेशन बंद कर दें। दिन के कुछ खास घंटे जैसे सुबह 1 घंटा, खाना खाते समय और रात को सोने से 1 घंटा पहले मोबाइल से दूरी बना लें। इस समय को किताब पढ़ने, परिवार से बात करने या ध्यान लगाने में बिताएं। हफ्ते में एक दिन या महीने में कुछ घंटे ऐसा समय रखें जब आप जानबूझकर मोबाइल, लैपटॉप या टीवी से पूरी तरह दूरी बनाएं।
We’re now on WhatsApp. Click to join.
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com