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Climate change : हर दिन खतरा बढ़ रहा जलवायु परिवर्तन, सालाना करीब ढाई लाख मौतों की वजह बन सकता है बदलाव

तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण जीवन प्रत्याशा में कमी होती जा रही है। एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अगर सालाना जलवायु परिवर्तन सूचकांक 10 अंक बढ़ता है तो पुरुषों की जीवन प्रत्‍याशा 5 और महिलाओं की 7 महीने घट जाती है।

Climate change : जीवन के औसत छह माह छीन कम कर रहा जलवायु परिवर्तन, जानिए क्या है वजह

तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण जीवन प्रत्याशा में कमी होती जा रही है। एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अगर सालाना जलवायु परिवर्तन सूचकांक 10 अंक बढ़ता है तो पुरुषों की जीवन प्रत्‍याशा 5 और महिलाओं की 7 महीने घट जाती है।

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जलवायु परिवर्तन का महिलाओं पर ज्यादा असर –

जलवायु परिवर्तन होने से पुरुषों के मुकाबले में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा पर ज्‍यादा बुरा असर पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन हर इंसान से उसके जीवन के औसतन छह महीने छीन रहा है। अगर बात करें कि वार्षिक औसत तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होती है तो लोगों की जीवन उम्र करीब साढ़े पांच महने तक कम हो जाती है तो इस जलवायु में तेजी से हो रहा बदलाव भोजन, पानी, हवा और मौसम पर भी बुरा असर डाल रहा है। यही नहीं, धीरे-धीरे हालात खतरनाक होते जा रहे हैं। इस पर  वैज्ञानिकों का अनुमान यह है कि 2030 से 2050 के बीच जलवायु परिवर्तन हर साल ढाई लाख लोगों की मौतों की वजह बन सकता है।

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400 करोड़ डॉलर का नुकसान –

जलवायु में होने बदलावों से हर साल वैश्विक आय में भी 400 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो सकता है। इधर जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने इसके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावों को शामिल किया है। साथ ही लू, बाढ़, सूखा जैसी आपदाओं को प्रत्यक्ष प्रभावों में शामिल किया गया वहीं आर्थिक प्रणालियों और पारिस्थितिक तंत्र को अप्रत्यक्ष प्रभावों के रुप में रखा गया है।

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