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Brown Rice vs Quinoa: मधुमेह मरीजों के लिए कौन सा ज्यादा हेल्दी, ब्राउन राइस या क्विनोआ?

Brown Rice vs Quinoa, मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिसमें खानपान की छोटी-छोटी आदतें भी बड़ा फर्क डाल सकती हैं।

Brown Rice vs Quinoa : ब्राउन राइस और क्विनोआ में से शुगर कंट्रोल के लिए कौन सा है बेहतर?

Brown Rice vs Quinoa, मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिसमें खानपान की छोटी-छोटी आदतें भी बड़ा फर्क डाल सकती हैं। सही डाइट चुनना मधुमेह को नियंत्रित रखने का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है। इसी कड़ी में अक्सर यह सवाल उठता है कि मधुमेह रोगियों के लिए ब्राउन राइस (Brown Rice) और क्विनोआ (Quinoa) में से कौन सा ज्यादा बेहतर है। दोनों ही हेल्दी फूड्स की लिस्ट में आते हैं, लेकिन इनके पोषण गुण और ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) अलग-अलग हैं। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि ब्राउन राइस और क्विनोआ में से मधुमेह रोगियों के लिए कौन सा विकल्प ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद है।

ब्राउन राइस क्या है?

ब्राउन राइस चावल का साबुत अनाज रूप होता है, जिसमें चोकर और जर्म की परतें बनी रहती हैं। यही कारण है कि इसमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की मात्रा सफेद चावल से अधिक होती है। इसका स्वाद हल्का नटी और टेक्सचर थोड़ा सख्त होता है। ब्राउन राइस में फाइबर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और बी-विटामिन्स पाए जाते हैं।  ब्राउन राइस का GI लगभग 50–55 के बीच होता है, जो इसे मध्यम श्रेणी में रखता है। चूंकि इसमें सफेद चावल की तुलना में ज्यादा फाइबर होता है, यह शुगर लेवल को धीरे-धीरे बढ़ाता है और भूख को लंबे समय तक नियंत्रित रखता है।

क्विनोआ क्या है?

क्विनोआ को सुपरफूड कहा जाता है और यह एक ग्लूटेन-फ्री छद्म-अनाज (pseudo-grain) है। यह दक्षिण अमेरिका से आता है और हाल के वर्षों में दुनियाभर में लोकप्रिय हुआ है। क्विनोआ में उच्च मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। क्विनोआ का GI लगभग 35–40 है, जो इसे लो GI कैटेगरी में रखता है। क्विनोआ में मौजूद प्रोटीन और फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं।

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ब्राउन राइस बनाम क्विनोआ: पोषण तुलना

फाइबर

ब्राउन राइस: लगभग 3.5 ग्राम फाइबर प्रति 100 ग्राम।

क्विनोआ: लगभग 5 ग्राम फाइबर प्रति 100 ग्राम। क्विनोआ अधिक फाइबरयुक्त है, जो मधुमेह नियंत्रण के लिए बेहतर माना जाता है।

प्रोटीन

ब्राउन राइस: 2.5 ग्राम प्रति 100 ग्राम। क्विनोआ: लगभग 4.5 ग्राम प्रति 100 ग्राम।
क्विनोआ एक complete protein है, यानी इसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड्स पाए जाते हैं।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI)

ब्राउन राइस: 50–55 (मध्यम GI)। क्विनोआ: 35–40 (लो GI)।
लो GI होने के कारण क्विनोआ रक्त शर्करा नियंत्रण में अधिक प्रभावी है।

खनिज और विटामिन्स

दोनों में मैग्नीशियम और आयरन पाए जाते हैं, लेकिन क्विनोआ में एंटीऑक्सीडेंट्स और प्रोटीन अधिक हैं।

मधुमेह रोगियों के लिए कौन बेहतर?

अगर केवल ब्लड शुगर नियंत्रण की बात करें, तो क्विनोआ बेहतर विकल्प है क्योंकि इसका GI कम है और यह धीरे-धीरे शुगर को रक्त में रिलीज करता है। अगर किसी व्यक्ति को चावल का स्वाद और फीलिंग चाहिए, तो ब्राउन राइस भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि यह सफेद चावल की तुलना में ज्यादा हेल्दी है। लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराने और बार-बार भूख न लगने के लिए भी क्विनोआ अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।

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ब्राउन राइस और क्विनोआ को डाइट में कैसे शामिल करें?

ब्राउन राइस

सब्जियों के साथ वेज पुलाव या खिचड़ी बनाकर। करी और दाल के साथ खाने में। सलाद में ठंडा ब्राउन राइस डालकर।

क्विनोआ

क्विनोआ उपमा या पोहा के रूप में। सलाद में उबला हुआ क्विनोआ मिलाकर। नाश्ते में क्विनोआ खिचड़ी या सूप में। ब्राउन राइस और क्विनोआ दोनों ही सफेद चावल के मुकाबले मधुमेह रोगियों के लिए बेहतर विकल्प हैं। हालांकि, अगर तुलना की जाए तो क्विनोआ अधिक पौष्टिक और ब्लड शुगर नियंत्रित करने में ज्यादा असरदार है। इसमें प्रोटीन और फाइबर की उच्च मात्रा होने से यह मधुमेह रोगियों के लिए लंबे समय तक ऊर्जा और संतुलन प्रदान करता है। वहीं, ब्राउन राइस भी अच्छा विकल्प है लेकिन अगर आप अपने ब्लड शुगर को ज्यादा अच्छे से मैनेज करना चाहते हैं, तो क्विनोआ का चुनाव करना ज्यादा लाभकारी होगा।

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