लाइफस्टाइल

अगर आप भी सोच रहे है अपने पार्टनर को तलाक लेने की तो एक बार मनोचिकित्सकों की इन 5 सलाहों को मान ले, तो नहीं टूटेगा रिश्ता

पार्टनर से तलाक लेने से पहले मनोचिकित्सकों की इन 5 सलाहों को मान ले


जब दो लोग मिलते है और शादी के बंधन में बंधते हैं तो वो एक बहुत ही खूबसूरत जीवन यात्रा की ओर चल पड़ते हैं. लेकिन आज हम सभी लोगों का लाइफस्टाइल थोड़ा बदल गया है. आज के समय में पति पत्नी दोनों ही घर की बागडोर संभालते है. ऐसे में अपने शादी के रिश्ते हो सभालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योकि दोनों के पास अपने अपने काम और अपनी अपनी जिम्मेदारियाँ होती है. शादी जैसे प्यारे रिश्ते को निभाने के लिए सिर्फ प्यार ही काफी नहीं होता है. इसमें सम्मान, आपसी समझ, धैर्य आदि चीजों की जरूरत होती है. लेकिन जब शादीशुदा जीवन में तालमेल नहीं बैठता तो तलाक तक की नौबत आ जाती है। तलाक एक ऐसी चीज है जो दोनों लोगों में मानसिक रुप से असर डालती  हैं  और दोनों को ही अंदर से तोड़ देता है. इसीलिए  जरूरी है कि तलाक के नतीजे पर पहुंचने से पहले आपको थैरेपी, आपसी समझ करके और अपने पार्टनर को माफ करके रिश्ते को बचाना चाहिए. तो चलिए आज हम आपको मनोचिकित्सकों के कुछ सवालों के बारे में बतायेगे. जिसे एक बार आप सोच कर अपने रिश्ते को बचा सकते है.

पार्टनर कैसे है उससे वैसी स्वीकारें: शादी होने के बाद ये जरूरी नहीं कि आपकी सोच आपके पार्टनर से मिले या फिर आप दोनों एक जैसी चीजे सोचें.  आप दोनों की पसंद नापसंद अलग -अलग हो सकती है. आपको अपने पार्टनर को ज़्यादा बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, हर कोई अलग होता है.
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माफ करना सीखें: गलतियां तो हर इंसान करता है. अगर आपका पार्टनर भी कोई गलती करता है और वो उस गलती को स्वीकर करके, उससे ठीक करने का प्रयत्न करता है. तो आपको उससे माफ़ करना चाहिए. क्योकि माफ करने से टूटते रिश्तों को बचाया जा सकता है. बातों की गांठ बांधने और माफ न करने से शादीशुदा जीवन में परेशानिया आती है.

अपने पार्टनर को दें प्राथमिकता: आपने  देखा होगा की अक्सर शादी के बाद इंसान की प्राथमिकता पार्टनर से ज्यादा परिवार और बच्चों की ओर चली जाती है. जिसके कारण कई बार दोनों के बीच में प्रोब्लेम्स आने लगती है. इस लिए जब भी आपको ऐसा मेहसूस हो कि आपका रिस्ता टूटने की कगार पर है, तो कोशिश करें कि पार्टनर को उस तरह से प्राथमिकता दें जिस तरह रिश्ते के शुरुआती समय में दी जाती है.

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किसी दूसरे से तुलना न करें: अगर आप अपने रिश्ते को मजबूत और अच्छा बनाना चाहते है. तो आपको बातों में या बहस के दौरान कभी भी अपने पार्टनर की तुलना अन्य लोगों के पति या पत्नी से नहीं करनी चाहिए. इससे आपके पार्टनर के मन में भाव आ सकता है कि वे इस रिश्ते के लिए उपयुक्त नहीं हैं.

थेरेपी का लें सहारा: अगर आपकी अपने पार्टनर से नहीं बनती और आप तलाक लेने की सोच रहे है. तो उससे पहले आपके लिए थेरेपी और परामर्श लेना एक बहुत अच्छा विकल्प होगा. क्योकि इससे आपके रिश्ते के बचने की संभावनाएं बढ़ जाती है. जहां पार्टनर्स एक-दूसरे की बात को सुनते नहीं या समझना नहीं चाहते, वहां थेरेपिस्ट उन दोनों की ही भावनाओं को समझते हैं. और सही तरीके से उन्हें समझाते हैं.

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